पढ़िए, विश्वास और हिम्मत की एक कहानी
आसमान की ऊंचाईयों पर एक हवाई जहाज उड़ रहा था, कुछ समय बाद अचानक अपना संतुलन खो बैठा और इधर-उधर लहराने लगा। सभी यात्री अपनी मृत्यु को समीप देखकर डर के मारे चीखने-चिल्लाने लगे। शिवाय एक 5-6 साल बच्ची के, जो मुस्कुराते हुए चुपचाप खिलौने से खेल रही थी, वोह बिल्कुल भी डर नहीं रही थी।
कुछ देर बाद हवाई जहाज सकुशल सुरक्षीत उतरा और यात्रियों ने राहत की सास ली। उसके बाद कुछ यात्रियों ने उत्सुकतावश उस बच्ची से पूछा कि बेटा हम सभी डर के मारे कॉप रहे थे, पर तुम तो बिल्कुल भी नही डर रही थी ऐसा क्यों ?
बच्ची ने जवाब दिया, क्योंकि इस हवाई जहाज के पायलट मेरे पिता हैं, मुझे पता था कि वह मुझे कुछ नहीं होने देंगे। उस लड़की का अपने पिता पर इतना विश्वास देखकर कुछ यात्रियों की आंखों में आंसू आ गए।
ऐसा हादसा कभी भी किसी के साथ भी हो सकता है, लेकिन मुसीबत के समय पर खुद को संभालने से दुसरो को भी हिम्मत मिलती है। हम आपको ऐसा नहीं कहते की तुम All is well कहो, लेकिन अगर आपको All is well कहने से हिम्मत मिलती है तो जरुर कहो। आपको All is well पर विश्वास है तो जरुर कहो, क्योंकि विश्वास से हिम्मत का जन्म होता है।
इसलिए कहते है हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा। उस बच्ची में शायद इतनी हिम्मत ना थी लेकिन उसका उसके पापा पे पूरा विश्वास था कि वो अपने बच्ची को कुछ नही होने देंगे। उसके विश्वास में इतनी हिम्मत थी, इसलिए वो बच्ची बिलकुल भी नहीं डर रही थी।
ऊपर दिया हुवा All is well सिर्फ एक उदहारण था ना की हिम्मत बढाने का कोई मंत्र। विश्वास तो दिल से पैदा होता है और विश्वास से हिम्मत।
इस कहानी से क्या सीख मिलती है
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि विश्वास तो दिल से पैदा होता है, लेकिन उस विश्वास से हमें हिम्मत मिलती है।
ये आर्टिकल भी जरुर पढ़े
बहुतही प्रेरनादायी कहानी है |