ये है जुड़वां लोगों का गांव, जुड़वों का गाँव, यहां जुड़वां ही जन्म लेते है, जुड़वां बच्चों का रहस्यमयी गांव, विलेज ऑफ़ ट्विन्स इन हिंदी, आगे पढ़े इससे जुडी जानकारी :

Judwaa logo ka gaw in Hindi

ये दुनिया रहस्यमय चीजो से भरी पड़ी है, अगर भारत की बात करें तो यह भी अपने आप में कई रहस्यों को छिपाये हुए है. वैज्ञानिक जितनी तेजी से छिपे रहस्यों की खोज कर रहे हैं, उतना ही वे उसमें उलझते जा रहे हैं.

यही वजह है कि कई रहस्य आज तक विज्ञान और वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बने हुए हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों द्वारा उन रहस्यों को सुलझाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है और इसमें कोई शक नहीं कि एक दिन उन्हें सफलता भी मिलेगी.

खैर, यहां पर हम आपको एक ऐसे रहस्यमयी गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें अधिकांश जुड़वां बच्चे ही पैदा होते हैं. इस गांव में कई वैज्ञानिक शोध करने के लिए आ रहे हैं, ताकि वे जान सकें कि इस गांव में ऐसा क्या है, जिससे जुड़वां बच्चे यहां पैदा होते हैं.

 

ये है जुड़वां लोगों का रहस्यमयी गांव

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा गांव भी है जहां अधिकांश जुड़वां बच्चे ही पैदा होते हैं. इसी वजह से इस रहस्यमयी गांव को “जुड़वों का गाँव” या “जुड़वां लोगों का गांव” कहा जाता है.

यह गांव अन्य गांवों की तरह एक सामान्य गांव ही है. लेकिन इस गांव ने जुड़वा बच्चों के जन्मो को लेकर बड़े-बड़े डॉक्टरों के साथ-साथ पूरी दुनिया को भी हैरान कर दिया है.

2,000 परिवारों की आबादी वाले इस रहस्यमयी गांव का रहस्य जानने के लिए देश-विदेश से कई वैज्ञानिक आते हैं. लेकिन आज तक किसी वैज्ञानिक ने इस बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है कि इस गांव में जुड़वां बच्चों के जन्म का कारण क्या है.

यहां पर हम जिस गांव की बात कर रहे है वह भारत में ही स्थित है, जो केरल के मलप्पुरम जिले में है और उसका नाम “कोडिन्ही (Kodinhi) गांव” है. इस गांव में नवजात से लेकर 65 साल तक के जुड़वा शामिल हैं.

“कोडिन्ही” नामक इस गाँव में अधिकांश सुन्नी मुसलमान रहते हैं. वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गांव में जुड़वां बच्चों का जन्म वर्ष 1949 से यानी करीब 70 साल पहले शुरू हुआ था. तब से लेकर इस गांव में जुड़वां लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.

कहा जाता है कि साल 2008 में इस गांव में एक ही साल में 300 बच्चों में से 15 जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था. केवल यहीं नहीं, मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 10 सालों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है.

इस मामले में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के पास कोई ठोस और तार्किक जवाब नहीं है. उनकी मान्यताओं के अनुसार इसका कोई आनुवंशिक या खान-पान संबंधी कारण हो सकता है.

 

अक्‍टूबर 2016 में की गई थी रिसर्च

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन रहस्यों को सुलझाने के लिए शोधकर्ताओं की एक संयुक्त टीम (अक्टूबर 2016 में) इस गांव में आई थी. लेकिन तमाम शोध के बाद भी वे सभी इस रहस्य को सुलझाने में नाकाम रहे, यहीं वजह है कि आज भी यह रहस्य विज्ञान और वैज्ञानिकों के लिए पहेली बना हुआ है.

 

इस मामले में भारत दुसरे नंबर पर है

ऐसा नहीं है कि भारत के इस गांव में सबसे ज्यादा जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं, बल्कि इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर है, जबकि विश्व स्तर पर पहले नंबर पर नाइजीरिया का इग्बो-ओरा है. हालाँकि एशिया में भारत पहले नंबर पर है.


 

संबंधित लेख

Topic of this article: Judwaa logo ka gaw, Village of twins information in Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *