नरक का दरवाजा, Gates of Hell का रहस्य, इस मंदिर के पास जाते ही लोग और पशु पक्षी मर जाते है, जहन्नुम का रास्ता, जान लेने वाला मंदिर, आगे पढ़े इससे जुडी जानकारी :

Gates of Hell - Narak ka Darwaja

यह दुनिया रहस्यमयी चीजों से भरी पड़ी है. कई वैज्ञानिक इसके रहस्य को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और वे कुछ रहस्यों को सुलझाने में सफल भी रहे हैं. लेकिन कुछ रहस्य अभी भी रहस्य ही बने हुए हैं, लेकिन हमें पूरा यकीन है कि एक दिन वैज्ञानिक उन सभी रहस्यों को भी सुलझा लेंगे.

यहां हम जिस जगह की बात कर रहे हैं उस जगह का रहस्य भी सुलझ गया है. कई लोग इस जगह को अलग-अलग नामों से जानते हैं. कोई इस जगह को जहन्नुम का रास्ता (Way of hell) कहते है, तो कोई इस जगह को नरक का दरवाजा (Narak ka Darwaja) भी कहते है.

कहा जाता है कि आज तक यहां जाने वाला कोई वापस नहीं आया, जो जाता है वह सीधे नर्क पहुँच जाता है. यहां सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी जो भी जाते है वो सीधे नर्क पहुँच जाते है.

नर्क का दरवाजा उर्फ़ गेट्स ऑफ़ हेल (Gates of Hell) का क्या रहस्य है, उस जगह को नर्क का द्वार (Door of hell) क्यों कहा जाता है, यह जगह कहाँ पर स्थित है, आइये इससे संबंधित जानते है.

 

नरक का दरवाजा (Gates of Hell) का रहस्य

तुर्की के प्राचीन शहर हीरापोलिस में एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां नर्क का द्वार है. जिसके अंदर जाना तो दूर, पास जाने वाला भी अपनी जान गवां बैठता है.

वहां के स्थानीय लोगो का कहना है कि यहां होने वाली मौत की वजह यहां के यूनानी देवता है, जिनकी जहरीली सांसों की वजह से यहां आने लोगों एवं पशु-पक्षियों की मौत हो जाती है. यही वजह है कि इस मंदिर को लोग ‘नरक का द्वार’ या ‘नरक का दरवाजा’ कहते हैं.

ऐसा कहा जाता है कि ग्रीक, रोमन काल में भी, जो कोई भी इस मंदिर के आसपास जाता था, उसका सिर काट दिया जाता था. उस समय भी लोग मौत के डर से यहां जाने से डरते थे.

हालाँकि अब वो दिन नहीं रहे, लेकिन पिछले कई वर्षों से यहां आने-जाने वाले लोगों एवं पशु-पक्षियों की लगातार रहस्यमयी तरीको से मौत हो रही है. इसके वजह से लोग कई तरह की बातें कर है, जिसमे ‘यूनानी देवता की जहरीली सांसों से होने वाली मौत बात’ भी एक है.

लेकिन वैज्ञानिकों ने इस बात से पूरी तरह इनकार किया है कि यहां होने वाली मौत की वजह कोई यूनानी देवता की जहरीली सांसे नहीं है, बल्कि इसकी वजह कुछ अलग ही है.

 

ये है यहां होने वाली मौत की वजह

वैज्ञानिकों के अनुसार यहां होने वाली मौत की वजह यूनानी देवता की जहरीली सांसे नहीं है, बल्कि मंदिर के नीचे से लगातार जहरीली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस रिसकर बाहर निकल रही है, यही गैस सबके मौत की वजह है.

दरअसल मंदिर के नीचे बनी गुफा में भारी मात्रा में यानी लगभग 91 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद है. जबकि आमतौर पर केवल 10 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड ही किसी व्यक्ति को सिर्फ 30 मिनट में मौत के घाट उतार सकती है.

यहां भी ऐसा ही हो रहा है, कहने का मतलब- इस गुफा के अंदर से निकल रही कार्बन डाइऑक्साइड गैस की वजह से ही यहां आने वाले लोगों एवं पशु-पक्षियों की मौत हो रही है.


 

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