भक्षक कभी रक्षक नहीं बनता | मछलियों की दर्द भरी कहानी

एक बडा सा तालाब था, जिसमे बहुत सी मछलियां और एक केकड़ा रह रहा था। एक हंस जो हर दिन उस तालाब पर आता था, पर उसके हाथ एक भी मछली नही लगती थी। जैसे ही हंस तालाब के पास जाता, सारी मछलियां पानी में अंदर की ओर भाग जाती थी।

एक दिन हंस तालाब के पास चुपचाप गया और मछलियो से कहने लगा.. डरो मत मै तुम्हारा मित्र हु, मै तुम्हे किसी भी प्रकार की हानि नही पहुचाऊंगा। मै तुम्हे एक बात बताना चाहता हु कि जल्द ही ये तालाब सूखने वाला है, इस तालाब का पानी मनुष्य किसी दुसरे कार्य में लगाने वाला है।

मछलियां इस बात को सुनकर घबरा गई और कहने लगी.. ये तालाब सुख जाएगा तो हमारा क्या होगा, पानी नही रहेगा तो हमारा जीवन खतरे में आ जाएगा और हम मर जाएंगे।

उसके बाद केकड़ा बोला जल्द ही हमे ऐसा तालाब या नदी ढूढनी पड़ेगी, तभी हम जीवित रह सकते है.. हंस मछलियो की बात सुनकर बोला.. घबराओ मत, मै तुम्हारी सहायता करुगा, मै तुम्हे एक ऐसी जगह पर ले जाउगा जहाँ पाणी की कोई कमी नहीं है, मै एक ऐसी जगह जानता हु जो यहा से थोड़ी ही दुरी पर है।

मछलियां बोली.. हंस क्या तुम हमें वहाँ ले जा सकते हो, हंस मुस्करा कर बोला.. तुम मेरे मित्र हो, तुम्हारी साहयता मै जरुर करूगां। यह कहकर हंस ने मछलियो को अपने बातो में फसा लिया और बेचारी भोली-भाली मछलियां हंस की बातो में आ गई।

मछलियां बोली.. पर तुम हमें एक साथ कैसे ले जाओगे.. हंस बोला मै अपनी चोच में पकड़कर तुम सबको ले जाउगां और दुसरे तालाब में छोड़ दुगाँ। मछलियां सोचने लगी की हंस हमारी कितनी मदत कर रहा है, लेकिन मछलियां इस बात से अंजान थी की हंस उन्हें बचा नही रहा था बल्कि अपनी भूख मीठा रहा था।

उसके बाद हंस ने अपना काम शुरू कर दिया, वह वहां से रोज 2 मछलियां ले जा रहा था और उन्हें ऐसी जगह छोड़ रहा था, जहां वह उन्हें कभी भी अपना शिकार बना सके, वह उन्हें वहां से दूर कहीं एक बड़ी सी चट्टान पर ले जा रहा था और उन्हें नोच-नोच कर खाकर अपनी भूख मीठा रहा था।

एक दिन फिर हंस तालाब के पास गया और मछलियों से कहने लगा.. तुम्हारे साथी तो उस तालाब में बहुत खुश है और वो तुमारी राह देख रहे है। ऐसा कहकर उसने फिर से एक मछली को अपनी चोच में पकड़ा और ले गया और उसे चटान पर ले जा कर खा गया।

दुसरे दिन हंस जब तालाब पर गया केकड़ा हंस से बोला.. अच्छा अब तुम मुझे ले जाओ.. हंस मन ही मन में खुश हो गया की आज उसे केकड़ा खाने को मिलेगा, हंस ने केकड़े को चोच में पकड़ा और ले जाने लगा।

हंस उसे एक बड़ी चट्टान की ओर ले जाने लगा, केकड़े की नजर उस चट्टान पर पड़ी, चट्टान के पास आते ही उसने देखा कि चट्टान पर मछलियों की हड्डियाँ हैं।

केकड़ा हंस की करतूत समझ गया, बिना देर किए केकड़े ने हंस की गर्दन को कसकर अपने हाथों में पकड़ लिया और दबाने लगा, केकड़े ने हंस की गर्दन को काफी देर तक दबाए रखा, जिससे हंस की मौत हो गई। उसके बाद केकड़ा वापस गया और मछलियों को यह बात बताई, मछलियाँ अपनी बहनों को खोकर बहुत दुखी हुई।

 

इस कहानी से क्या सीख मिलती है

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि, हमे झूठे और मतलबी लोगो से सावधान रहना चाहिए, हमें हमेशा ये ध्यान रखना चाहिए कि भक्षक कभी भी रक्षक नहीं बन सकता।

 

ये आर्टिकल भी जरुर पढ़े
.
गंजेपन की समस्या सफल इलाज सेब सेवन होते है ये नुकसान, जाने यहां
चश्मा हटाए और अपने आँखों की रोशनी बढ़ाये खाने के बाद कभी न करे ये काम
बाल झड़ने-टूटने लगे तो अपनाए ये तरिका खासी व् सुखी खासी का घरेलु इलाज
कंप्यूटर यूजर अपने आँखों की देखभाल ऐसे करे  चहरे से मुहांसे के गड्डे कैसे भरे 
पेट की चर्बी कम करने के 10 घरेलु उपाय कील मुहांसों का सफाया कैसे करे
पेट का मोटापा कम करे कुछ ही दिनों में थकान व् कमजोरी का घरेलु इलाज
हाइट बढ़ाने के कुछ आसान उपाय दिमाग तेज करने व् याददास्त बढ़ाने के घरेलु उपाय
कमर दर्द का सफल इलाज आलस दूर करने के घरेलु उपाय
जानिये पेट में क्यों होती है गैस तंदरुस्त व् सेहतमंद रहने के घरेलु उपाय
चहरे पर काले दाग धब्बे आने के 10 कारण शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के उपाय
चहरे से काले दाग धब्बे मिटाने के उपाय  जल्द नींद ना आने के कारण व् उपाय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *