यह धरती वाकई में अजीबोगरीब चीजों से भरी पड़ी है. यहां पर कब क्या देखने को मिलेगा, बता पाना मुश्किल है. वैसे तो कई चीजों के रहस्य का खुलासा वैज्ञानिकों ने कर दिया है, लेकिन वे आज भी कई चीजों के रहस्य को सुलझाने में नाकाम रहे हैं.
लेकिन हमें पूरा यकीन है कि एक दिन वैज्ञानिक उन सभी अनसुलझे रहस्यों (Unsolved mysteries) को भी सुलझा लेंगे और उन रहस्यों का सच पूरी दुनिया के सामने लाएंगे.
यहां हम जिस जगह या जिस खाई की बात कर रहे हैं, इस खाई को लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं. कोई इस खाई को जहन्नुम का रास्ता (Way of hell) कहते है, तो कोई इस जगह को नरक का दरवाजा (Narak ka Darwaja) भी कहते है.
दोस्तों पिछले लेख में आपने “जान लेने वाले मंदिर” के बारे में पढ़ा था, उस मंदिर को भी लोग ‘जहन्नुम का रास्ता’ या ‘नरक का दरवाजा’ कहते है. यह बात मैं यहाँ इसलिए बता रहा हूँ क्योंकि ये दोनों लेख अलग-अलग हैं, और ये दोनों स्थान भी अलग-अलग हैं.
रहस्यमय खाई जहां जल रही है 50 साल से आग
इस लेख में हम जिस खाई के बारे में बता रहे है, उसे रहस्यमय खाई इसलिए कहा जाता है क्योंकि उस खाई में लगातार साल 1971 से, यानी लगभग 50 साल से भीषण आग जल रही है. इस जगह को कई लोग डोर टू हेल (Door to hell) के नाम से जानते है, तो कई लोग इसे नरक का द्वार (Gates of hell) भी कहते है.
यह खाई मानव निर्मित है और इसमें आग भी मानवो द्वारा ही लगाई गई है, तब से यह आग आज भी जल रही है. किसी भी जगह आग लगाने पर अधिकतम 10 -15 दिन तक आग जलती रहती है, लेकिन यह आग साल 1971 से, यानी लगभग 50 साल से अभी भी जल ही रही है.
यहीं वजह है कि इस खाई को रहस्यमय खाई (Mysterious chasm) के रूप में देखा जाता है. वहां के स्थानीय लोग इसे नरक में जाने का रास्ता भी कहते है.
यह खाई कहाँ पर है?
यह खाई तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात से 260 किलोमीटर उत्तर में काराकुम रेगिस्तान के दरवेज गांव में स्थित है. इसका व्यास करीब 230 फीट और गहराई करीब 98 फीट है. इस खाई में ऊपर की ओर उठ रही आग की लपटें और उबलते हुए मेटल और मिट्ठी को साफ देखा जा सकता हैं.
यह खाई कैसे बनी?
कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार साल 1971 में इस क्षेत्र में प्राकृतिक गैस और तेल की प्रचुर मात्रा होने की संभावना को जानकर यहां खुदाई शुरू की गई थी. लेकिन इससे पहले कि खुदाई हो पाती, ड्रिलिंग करते समय अचानक एक बड़े क्षेत्र की मिट्टी अपने आप ढह गई और वहां खाई बन गई. जहां से बहुत अधिक मात्रा में मिथेन गैस निकल रही थी.
कुछ लोगों के अनुसार यह खाई मिथेन गैस के भंडार की खोज के दौरान बनी है, जबकि कुछ लोगों के अनुसार पानी की खोज करने के दौरान ये खाई बनी है, तो कुछ लोगों के अनुसार, यह खाई किसी विशेष योजना के लिए बनाई गई थी.
खाई में आग क्यों लगाई गई?
कुछ शोधकर्ताओं के मुताबिक उस खाई से इतनी अधिक मात्रा में मिथेन गैस निकल रही थी कि यह आसपास के कई गांवों के लिए खतरा बन गई थी. इस गैस से लोगों की जान बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने इसे खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका इसे जलाना समझा, इसलिए इसमें आग लगा दी गई.
उन्होंने सोचा था कि वह गैस कुछ दिनों में जलकर ख़त्म हो जाएगी, लेकिन उनका अनुमान गलत साबित हुआ और वह गैस आज भी जल रही है, जिसे लगभग 50 साल हो गए हैं.
खबरों के मुताबिक इस रहस्यमयी खाई को देखने के लिए हर साल कई पर्यटक यहां आते हैं. क्योंकि यह जगह दुनिया की रहस्यमयी जगहों में से एक है.
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Topic of this article: Ek rahsymay khaai jaha 50 saal se jal rahi hai aag information in Hindi