देश-विदेश में नदियों की कमी नहीं है, लेकिन उनमें कुछ ऐसी नदियां भी हैं, जिनके रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाए हैं. हालांकि उन रहस्यों को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों के प्रयास अभी भी जारी हैं, इसलिए हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि एक दिन वैज्ञानिक उन सभी अनसुलझे रहस्यों को सुलझा लेंगे.
इस लेख में हम आपको भारत की एक ऐसी ही रहस्यमयी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका रहस्य वैज्ञानिकों के लिए किसी पहेली से कम नहीं है, जिसे खूनी नदी या खूनी झील के नाम से जाना जाता है.
इसे कहा जाता है भारत की खूनी नदी या खूनी झील
यहां पर हम जिस नदी की बात कर रहे हैं, वह नदी दिल्ली में मौजूद है. यह नदी पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी इलाके में बहती है. इस नदी के आसपास काफी हरियाली है और वहां का नजारा भी बेहद शानदार है.
लेकिन ऐसा कहा जाता है कि वहां रूहानी ताकतों का कब्जा है. वहां के स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्होंने रात के समय इस इलाके में कई बार जोर जोर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनी हैं.
उनके मुताबिक यह बहुत ही खतरनाक जगह है, जिस तरह से यहां आए दिन मौतें होती रहती हैं और वहां से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती रहती हैं, जिससे लोगों के दिलों में डर ने घर बना लिया है.
यही कारण है कि रोहिनी का खूनी नदी इलाका काफी सुनसान रहता है, यही कारण है कि यहां लोग जाने से काफी डरते हैं. क्योंकि इस जगह लोगों की लाशें मिलना आम बात हो गई है.
इस जगह रहस्यमय तरीके से लोगों की मौत हो जाती है, उसके बाद वहां नदी के किनारे सिर्फ लाशें ही देखने को मिलती हैं. इसी डर के कारण यहां बहुत कम लोग आते हैं, लेकिन वे भी नदी के पास नहीं जाते है, यहां सिर्फ पुलिसकर्मी ही हथियारों के साथ चक्कर लगाते रहते हैं.
यहां के लोग इस नदी को “पिशाच ग्रस्त नदी” भी कहते हैं क्योंकि उनके अनुसार जो कोई भी इस नदी के पानी को छूता है, नदी उसे निगल जाती है यानी नदी उसे मौत के घाट उतार देती है.
यहां अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि इन मौतों का कारण आत्महत्या, हत्या या फिर कुछ और है. इस बारे में वहां के कुछ लोगों का कहना है कि यहां बुरी आत्माओं का साया है, वहीं आत्माए यहां आने वाले लोगों को मौत के घाट उतार देती है.
इस नदी को “खुनी नदी” क्यों कहते है?
यहां आए दिन लोगों की मौतें हो रही है, इस वजह से इस नदी को “खुनी नदी” के नाम से नहीं जाना जाता है, बल्कि इस नदी को “खूनी नदी” कहने के पीछे 1857 के युद्ध से संबंध है.
क्योंकि यहां होने वाले 1857 के युद्ध के दौरान जो भी विद्रोही या अंग्रेज मारे जाते थे, उनके शवों को इस नदी में फेंक दिया जाता था. तभी से इस नदी को “खूनी नदी” या “खुनी झील” कहा जाता है.
हालाँकि इस जगह रहस्यमय तरीके से लोगों की मौते हो रही है, जिसके चलते यहां के स्थानीय लोगों से कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं. जिसमे यहां बुरी आत्माओं साया है, यह पिशाच ग्रस्त नदी है, आदि बाते शामिल है.
हालांकि, किसी के पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि यहां होने वाली मौतों के पीछे बुरी आत्माएं या अदृश्य ताकते हैं. यह रहस्य आज तक रहस्य ही बना हुआ है.
तो दोस्तों अब आप जान ही गए होंगे कि भारत की खूनी नदी कहां पर है और इस नदी को खुनी नदी या खुनी झील क्यों कहा जाता है, इसके बारे में. वैसे तो भारत में कई नदियां हैं, लेकिन यहां लोगों की मिलने वाली लाशों के कारण यह नदी हमेशा चर्चा में रहती है.
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