भारत की जनसंख्या कितनी है 2024 तक? (Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai) – दोस्तों इस लेख में हम “भारत की जनसंख्या कितनी है 2024 में” इस टॉपिक पर बात करने वाले है. इसके साथ यह भी जानेंगे कि जनसंख्या की दृष्टि से अन्य देशों की तुलना में भारत कितने नंबर पर है और क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन सा स्थान है.
“सन 2024 में भारत की जनसंख्या कितनी है” (Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai), ये बताने से पहले आपको बता दूँ कि भारत एक बहुत बड़ा देश है जिसकी आबादी (Population) बहुत ज्यादा है और इसका क्षेत्रफल भी कम नहीं है. क्योंकि जनसंख्या और क्षेत्रफल के मामले में भारत की तुलना दुनिया के सबसे बड़े देशों से की जाती है.
तो जाहिर सी बात है कि भारत एक बहुत बड़ा देश है और यह सच भी है, क्योंकि भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, जो अपनी आबादी और अपनी विशालता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं.
अगर हम भारत के सभी राज्यों के क्षेत्रफल को मिलाकर भारत के कुल क्षेत्रफल की बात करें तो यह 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है, जो हिमाच्छादित हिमालय की ऊंचाई से शुरू होकर दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक फैला हुआ है.
इसके अनुसार भारत भौगोलिक दृष्टि से यानि क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है. लेकिन आबादी के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है.
जी हां, विश्व की पॉपुलेशन काउंट करने वाली वेबसाइट World meter के अनुसार आबादी में मामले के भारत दुसरे स्थान पर है, जबकि पहले स्थान पर चीन है. तो चलिए आगे जानते है वर्तमान में भारत की जनसंख्या कितनी है (Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai), इसके बारे में.
भारत की जनसंख्या कितनी है 2024 में (Bharat ki Jansankhya)
जनसंख्या के मामले में चीन दुनिया का सबसे बड़ा देश है और भारत दूसरे स्थान पर है. लेकिन जनसंख्या वृद्धि दर को देखते हुए यह अनुमान लगाया जाता है कि कुछ ही वर्षों में भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा.
जनसंख्या वृद्धि दर संबंधी आंकड़ों पर नजर रखने वाली वेबसाइट “वर्ल्डमीटर” पर जाकर आप देख सकते है या फिर इससे संबंधित इंटरनेट पर खोज करके अन्य पॉपुलेशन काउंट करने वाली वेबसाइटो पर जाकर देख सकते है.
वर्तमान में चीन और भारत की जनसंख्या में अधिक अंतर नहीं है, वर्ल्डमीटर में प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार चीन की जनसंख्या 1,445,172,385 (एक अरब 44 करोड़) है और भारत की जनसंख्या 1,435,213,635 (एक अरब 43 करोड़) है.
भारत की आबादी 139 करोड़ और चीन की आबादी 144 करोड़, आप देख सकते है इन दोनों देशो के जनसंख्या के आकड़ो में ज्यादा फर्क नहीं है. इसलिए कहा जा रहा कि आबादी के मामले में भारत चीन को कुछ ही वर्षो में पीछे छोड़ देगा.
यह जानकारी सभी देशो की पॉपुलेशन काउंट करने वाली “वर्ल्डमीटर” वेबसाइट के अनुसार है, क्योंकि अभी जनगणना नहीं हुई है. भारत की जनगणना हर 10 साल में होती है, पिछली बार संन 2011 में जनगणना हुई थी, सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ से ज्यादा थी.
अब पिछली जनगणना के 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं, 2022 में नई जनगणना होनी थी पर वैश्विक संक्रामक महमारी कोविड-19 के प्रकोप के कारण नहीं हो पाई. अब शायद यह जनगणना इस साल हो सकती है, वहां से भी आपको भारत की जनसंख्या के बारे में जानकारी मिलेगी.
भारत की आबादी का दर कितना है
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या रिपोर्ट के अनुसार 2010 और 2019 के बीच भारत की जनसंख्या की कुल वार्षिक वृद्धि दर 1.2 से बढ़कर 1.36 हो गई है, जो चीन की वार्षिक वृद्धि दर के दोगुने से भी अधिक है. इस हिसाब से 2020 में भारत की जनसंख्या करीब 138 करोड़ थी.
लेकिन इस समय यानी जनवरी 2024 में आबादी वृद्धि दर संबंधी आंकड़ों पर नजर रखने वाली वेबसाइट वर्ल्डमीटर के अनुसार भारत की आबादी 143 करोड़ से अधिक हो चुकी है.
चीन ने बढती आबादी पर काबू पा लिया है, भारत भी इस मामले को गंभीरता से ले रहां है लेकिन उतना अच्छा परिणाम देखने को नहीं मिल रहा है. इस समय दुनिया की कुल आबादी में भारत की हिस्सेदारी लगभग 17.5 फीसद है.
जानकारों का कहना है कि परिवार नियोजन के कमजोर तरीकों, अशिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव, अंधविश्वास और विकासात्मक असंतुलन के चलते आबादी तेजी से बढ़ रही है.
इसीलिए कहा जा रहा है कि भारत कुछ ही वर्षों में यानी वर्ष 2027 के अंत तक आबादी के मामले में चीन से आगे निकल जाएगा और आबादी के दृष्टिकोण से भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगा और ये बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा, क्योंकि उस समय क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की आबादी बहुत अधिक हो जाएगी.
सबसे ज्यादा क्षेत्रफल वाले देश और उनकी जनसख्या
वर्ल्डमीटर वेबसाइट (2023) के अनुसार..
- रूस – क्षेत्रफल: 17,075,400 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 146,037,030 यानी 14 करोड़ 60 लाख है.
- कनाडा – क्षेत्रफल: 9,984,670 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 38,294,195 यानी 3 करोड़ 82 लाख है.
- संयुक्त राज्य अमेरिका – क्षेत्रफल: 9,826,675 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 334,220,801 यानी 33 करोड़ 42 लाख है.
- चीन – क्षेत्रफल: 9,598,094 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 1,448,500,134 यानी 1 अरब 44 करोड़ 85 लाख है.
- ब्राज़ील – क्षेत्रफल: 8,514,877 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 215,071,201 यानी 21 करोड़ 50 लाख है.
- ऑस्ट्रेलिया – क्षेत्रफल: 7,617,930 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 25,996,440 यानी 25 करोड़ 99 लाख है.
- भारत – क्षेत्रफल: 3,287,263 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 1,402,689,197 यानी 1 अरब 40 करोड़ 26 लाख है.
- अर्जेंटीना – क्षेत्रफल: 2,766,890 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 45,888,236 यानी 45 करोड़ 88 लाख है.
- कज़ाख़िस्तान – क्षेत्रफल: 2,724,900 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 19,153,937 यानी 1 करोड़ 91 लाख है.
- अल्जीरिया – क्षेत्रफल: 2,381,741 वर्ग कि.मी, और जनसंख्या 45,198,478 यानी 4 करोड़ 51 लाख है.
जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम
वर्ष दर वर्ष भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, आज विश्व का हर छठा नागरिक भारतीय है. इस समय में भारत की जनसंख्या 139 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. अगर इस बढती जनसंख्या को नियंत्रित नहीं किया गया तो इसके अत्यधिक दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे, जिसमे से निम्नलिखित दुष्परिणाम शामिल है.
- आवास की समस्या
- धन-धान्यों की समस्या
- रोजगार की समस्या
- गरीबी और अशिक्षा
- वनों की कटाई
- वायु प्रदूषण की समस्या
- जल प्रदूषण की समस्या
- बीमारी और महामारी
बढती जनसंख्या के कारण भोजन, कपड़ा और मकान जैसी प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति में कमी होगी. वनों की कटाई से ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता बढ़ेगी. प्रदूषण में वृद्धि होगी, जिससे बीमारियां और महामारियां आएंगी. अनियंत्रित भीड़ और अत्यधिक कोलाहल से ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होगी.
इन सब के चलते पर्यावरण की गुणवत्ता में गिरावट आएगी, मानव के जीवन स्तर कम होगा, भुखमरी, बेरोजगारी, अशिक्षा जैसी हजारो गंभीर समस्याए पैदा होगी. यही वजह है कि किसी भी देश की जनसंख्या वृद्धि को उस देश की समस्याओं का मूल माना गया है. यही वजह है जनसंख्या वृद्धि को किसी भी राष्ट्र के विकास की सबसे बड़ी बाधक माना गया है.
इसलिए हमे समय के रहते ही ठोस कदम उठाना होगा और जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार को कम करना होगा. क्योंकि भारत की जनसख्या विक्राल रूप ले चुकी है, अब इसे नियंत्रित करना जरुरी हो गया है.
अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो देश के समक्ष बेरोजगारी, खाद्य समस्या, कुपोषण, प्रति व्यक्ति आय, गरीबी, मकानों की कमी, महंगाई, कृषि विकास में बाधा, बचत एवं पूंजी में कमी, शहरी क्षेत्रों में घनत्व जैसी ढेर सारी समस्याए उत्पन्न होगी.
जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय
भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और अब यह भारत की सबसे बड़ी समस्या बन गई है. यही कारण है कि कई वर्षो से सरकार जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी सही परिणाम नहीं मिल रहे है.
इसका मतलब यह है कि लोग इस समस्या से पूरी तरह वाकिफ ही नहीं हुए हैं कि इसका मानव जीवन पर क्या घातक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए सबसे जरूरी है कि जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों की जानकारी हर गांव हर शहर के हर व्यक्ति तक पहुंचाई जानी चाहिए.
केवल इतना ही नहीं, प्रत्येक व्यक्ति को जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय भी बताने चाहिए और उनसे देश के नागरिक होने के नाते देश की मदद करने का अनुरोध करना चाहिए. तो आइए अब बिना देर किये आगे बढ़ते और जनसंख्या नियंत्रित करके के उपायों के बारे में जानते हैं.
जनसंख्या नियंत्रित करके के उपाय
- परिवार नियोजन करना
- बाल-विवाह पर रोक लगाना
- संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारित करना
- गर्भ निरोधक के बारे में जानकारी
- उपरोक्त सभी बाते समझने के लिए शिक्षा का प्रसार करना
इन 5 उपायों से बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है. लेकिन इसके पहले लोगों को जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामो की जानकारी देना होगा, उसके बाद इन 5 बातों के बारे में उन्हें सही तरीके से समझाना होगा, तभी लोग सरकार की जनसंख्या वृद्धि रोकने वाली मोहिम को अमल में लायेंगे.
हमारे देश में इतनी भी अशिक्षा नहीं है कि लोग इस बात या सरकार के इस अभियान (जनसंख्या नियंत्रण) का अर्थ नहीं समझ रहे हैं, बल्कि बहुत से लोग सरकार के इस अभियान के साथ हैं और वे खुद भी इसे अपना रहे हैं और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक कर रहे है.
हालांकि अभी भी बहुत से लोग जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिससे देश पर इतनी बड़ी आपदा आ गई है और यह आपदा कुछ ही वर्षो में विक्राल रूप ले सकती है.
इसलिए हम सभी देशवासियों को जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को गंभीरता से लेने और लोगों को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है, तभी भारत की जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सकता है, तभी हम अपने देश पर आई इस आपदा से छुटकारा पा सकते हैं.
तो दोस्तों यह थी जानकारी भारत की लोकसंख्या, भारत की जनसंख्या के बारे में, अब आप जान ही गए होंगे कि 2024 में भारत की जनसंख्या कितनी है (Bharat Ki Jansankhya Kitni Hai) और इस बढ़ती जनसंख्या के कारण देश पर कितना बड़ा संकट आ गया है. उम्मीद करते है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आप इस संकट से छुटकारा पाने में देश की मदद करेंगे.
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Topic of this article: Bharat ki jansankhya kitni hai 2024 me, What is the population of India information Hindi.
Bahut detail me bataya aapne bharat ki jansankhya kitna hai iske bare me thanks u sir
Aaj bharat ki jansankhya kitni hai kya world meter bata sakta hai.
2019-2020 me bharat ki jansankhya kitni thi kya world meter se dekh sakte hai.
हाँ देख सकते है, वहां दिए ग्राफ में देखे.
2021 ki jan-ganana ke anussar bharat ki jansankhya kitni hai, yah pata chalta. lekin ab jan-ganana nahi hui hai. aise me world meater jansankhya ki sahi jankari de raha hai, iski kya guaranty hai.
Population of india details in hindi. You have posted very useful information.
Population of india in hindi ki jankari dene ke liye dhanyawad
Bharat ki jansankhya kitni hai 2022 me, yh jankari mujhe bahut achchi lagi
Bharat ki jansankhya kitni hai, iski sahi jankari is sal bhi nahi milegi, kyonki pata nahi is bhi jangannna hoti hai ya nahi.
भारत की जनसँख्या कितनी है? इसका सही जवाब है 140 करोड़
bharat ki jansankhya kitni hai – is samay koi nahi bata sakta. worldmitter par mujhe bharosa nahi hai. bharat ki lok-sankhya 150+ karod hai.
India ki aabadi kitni hai? iska sahi answer koi bhi nahi de sakta hai, kyonki daily log paida ho rahe hai mar rahe hai.
Hello nitu ji, Competative exam me agar “india ki population kitni hai” aisa question puchha jaye to iska jawab aap aise hi doge kya?
Maine bas yah kaha ki ‘India ki population kitni hai’ iska sahi jawab koi nahi de sakta hai.
Okey, But aise koi answer nahi deta hai. mere khayal se is samay ‘india ki jansankhya kitni hai’ iska sahi answer hame tab hi pata chalega jab agli janganna hogi.