भगवान राम से जुड़ें रोचक तथ्य जाने.. भगवान राम के बारे में रोचक तथ्य (Bhagwan Ram Rochak Tathya):
भगवान राम के आदर्श एवं मर्यादित चरित्र ने समाज को एक सूत्र में बांधा है, जो भारतीय परंपरा की आत्मा है. तो आइए जानते हैं श्री राम जी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण रोचक तथ्यों के बारे में.
रामायण के अनुसार, महाराज दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे, और हनुमान उनके परम भक्त थे. भगवान श्री राम के आदर्श एवं मर्यादित चरित्र ने समाज को एक सूत्र में बांधा है, जो भारतीय परंपरा की आत्मा है. इसीलिए हर कोई हमारे देश में रामराज्य स्थापित करने की मांग कर रहा है.
हिन्दू संस्कृति में राम द्वारा किया गया आदर्शासन रामराज्य के नाम से प्रसिद्ध है. वर्तमान समय में रामराज्य को सर्वोत्तम शासन या आदर्श शासन के रूपक (प्रतीक) के रूप में प्रयोग किया जाता है. रामराज्य को लोकतंत्र का संशोधित रूप माना जा सकता है. जानकारी के लिए आपको बता दू कि गांधीजी वैश्विक स्तर पर रामराज्य की स्थापना करना चाहते थे.
रामराज्य की छह प्रमुख विशेषताएँ हैं: इस काल में सभी सुखी है, सभी कर्तव्यपरायण हैं, सभी दीर्घायु है, सभी में दाम्पत्य प्रेम है, प्रकृति उदार है और सभी में नैतिक उत्कर्ष देखा जा सकता है. रामराज्य की बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ सभी प्रसन्न, सुखी, संतुष्ट, हृष्ट-पुष्ट है. सुख या संतुष्टि तन-मन दोनों की होती है.
भगवान राम के बारे में रोचक तथ्य
=> रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने अपने ग्रंथ में लिखा है कि भगवान श्री राम में वैदिक सनातन धर्म की आत्मा कहे जाने वाले सभी गुण विद्यमान है. भगवान राम को पुरुषों में सबसे उत्तम पुरुष अर्थात् ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ भी कहा जाता है.
=> भगवान राम एक श्रेष्ठ राजा थे. उन्होंने सत्य, दया, करुणा, धर्म और मर्यादा के मार्ग पर चलते हुए राज किया. इन्हीं गुणों की वजह से उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है.
=> प्रभु श्री राम एक आदर्श मनुष्य, पुत्र, भाई और पति होने के साथ-साथ एक आदर्श कुशल शासक भी थे. उनके शासन काल में व्याप्त सुव्यवस्था के कारण ही आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है.
=> भगवान राम को भगवान विष्णु के दशावतारों में सातवां अवतार माना जाता है.
=> शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम का असली नाम “दशरथ राघव” था. जन्म के समय यहीं नाम रखा गया था.
=> भगवान राम, मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में उपस्थित हैं, क्योंकि उनका जन्म त्रेता युग में हुआ था और त्रेता युग की समाप्ति को लगभग 1,296,000 साल पहले माना जाता है.
=> राम, विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के 1000 नामों की सूची में 394वें नाम के रूप में स्थान पाते हैं.
=> भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना राजा इक्ष्वाकु, भगवान सूर्य का पुत्र, ने की थी. इसलिए उन्हें सूर्यवंशी भी कहा जाता है.
=> भगवान राम का नामकरण रघुवंशी गुरु महर्षि वशिष्ठ ने किया था. वशिष्ठ के अनुसार, ‘राम’ शब्द दो बीजाक्षरों, अग्नि बीज और अमृत बीज, से मिलकर बना है, जो दिमाग, शरीर और आत्मा को शक्ति प्रदान करते हैं.
=> राम नाम का तीन बार उच्चारण हजारों देवताओं को स्मरण करने के समान है. महाभारत में वर्णित है कि भगवान शिव ने बताया था कि राम का नाम तीन बार उच्चारण करने से हजार देवताओं के नामों का उच्चारण करने के बराबर फल होता है. भगवान शिव भी ध्यानावस्था में राम के नाम का उच्चारण करते हैं.
=> राम सेतु का निर्माण वानर सेना ने किया था, जो तमिलनाडु के रामेश्वरम से शुरू होकर श्रीलंका के मन्नार तक बनाया गया था. इस पुल की लंबाई लगभग 30 किलोमीटर थी और इसे बनाने में 6 दिन लगे थे, जिसके मुख्य शिल्पी नल और नील थे.
=> रावण ने सीता जी को हरण किया था, लेकिन उनके भाई अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण जी को अपहरण किया था. हनुमानजी ने अहिरावण को मारकर भगवान राम और लक्ष्मण जी को मुक्त कराया.
=> भगवान राम ने अयोध्या में 11,000 वर्षों तक शासन किया, जिसे ‘राम राज्य’ के रूप में जाना जाता है.
=> सीता जी ने पृथ्वी में समाहित होकर अपने शरीर का त्याग किया और उसके बाद भगवान राम ने सरयू नदी में जल समाधि लेकर पृथ्वीलोक का त्याग किया. भगवान राम ने सभी को जीवन जीने हेतु सही रास्ते का आदर्श प्रस्तुत किया है.
=> भगवान राम को आदिपुरुष क्यों कहते हैं? भगवान विष्णु ने राम अवतार में मनुष्यों के लिए आदर्श व्यवस्था और मानवीय मूल्यों की आधारशिला रखी थी. साथ ही मनुष्य को मर्यादा का पाठ पढ़ाया इसलिए भगवान राम को भी वर्तमान समाज में आदिपुरुष कहा जाता है.
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