स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार, स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के प्रेरक बाते, स्वामी विवेकानंद की 10 जरुरी बाते, सफलता पाने के लिए विवेकानंद जी की 10 बातें।
जरुर पढ़े स्वामी विवेकानंद यह बाते (Thoughts of Swami Vivekananda)
नमस्कार दोस्तों, एबलट्रिक्स डॉट कॉम में आपका स्वागत है। आज हम यहां जानने वाले है, शिक्षा गुरु श्री स्वामी विवेकानंद जी के बारे में.. जिन्हे हम वेद गुरु भी कहते है। क्या आप जानते है की स्वामी विवेकानंद जी ने किस तरह से अपने जीवन में शिक्षा का दीप जलाया। आइये आगे जानते है स्वामी विवेकानंद जी के बारे में, उनके महान विचारों के बारे में।
स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 में जिसे हम भारतीय युवा दिन के नाम से मानते है उसी दिन उनका जन्म हुआ है। तब उनके चेहरे पर एक अनोखा तेज था, एक ऐसा तेज जो सबको आकर्षित कर देता था। हम सब जानते है की, विवेकानंद जी एक अच्छे साहित्यकार भी थे। उनकी प्रेरणा दायक बाते हमारे जीवन का मुख मोड़ देते है। उनके बातो में ज्यादातर तीन बातो का उल्लेख होता था जिससे हम पढ़ाई के साथ-साथ अपने जीवन का भी उद्धार कर सकते है।
1. हमेशा सच बोलो चाहे कुछ भी हो जाए
2. डर का डट कर सामना करो
3. आप चाहे कही भी रहो पहले अपने लक्ष पर ध्यान लगाओ
👉 हमेशा सच बोलो चाहे कुछ भी हो जाए:
स्वामी विवेकानंद जी का कहना है की, कभी झूठ मत बोलो, हमेशा सत्य के मार्ग पर चलो। सच्चाई के लिए सबकुछ बलिदान किया जा सकता है, लेकिन सच्चाई को किसी भी चीज़ के लिए त्यागा नहीं किया जा सकता है। स्वामी विवेकानद जी ने कहा है “सच” जीवन का वो भाग है जो आपको और सारी दुनिया का अनमोल रतन है जिससे हम बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी दूर कर सकते है। सत्य यह एक ऐसा हत्यार है जो सुनने में कड़वा जरूर है पर यही वह शब्द है जो भगवान् को प्यारा है।
आज के इस कलयुग में सत्य को कही अंधकार में छुपा दिया गया है, अगर इसे हमें सामने लाना है तो आज से या अभी से शुरुवात करनी होगी तभी इस कलयुग में भगवान का भी अंश रहेगा। विवेकानंद जी ने कहा था की हर मनुष्य के अंदर आत्मा है, जो की भगवान का एक अंश है। इसलिए विवेकानंद जी कहां है की हर मनुष्य के शरीर में भगवान् है और यह जीवन का एक अटल सत्य है।
👉 डर का डट कर सामना करो:
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है की “डर से भागे नहीं, डट कर मुकाबला करें” क्योंकि डर हमारे रास्ते की सबसे बडी रूकावट है, जो हमें हमारे लक्ष्य से दूर कर देता है। डर एक सबसे बड़ी बीमारी है जिस कारण हम हमेशा अपनी मंजिलो के पास जाकर भी उससे दूर हो जाते है। डर के वजह से बहुत से लोग अपना आत्मविश्वास खो देते है और फिर वो अपने काम को अंजाम नहीं दे पाते है। इसलिए स्वामी विवेकानंद जी ने कहां की डर से भागो मत सामना करो।
👉 केवल लक्ष्य पर ध्यान लगाओ:
एक बार की बात है जब स्वामी विवेकानंद जी अमेरिका में घुमने-फिरने के निकले थे। तब अचानक उनकी नजर कुछ ऐसो लड़को पड़ी जो नदी में तैरते हुए अंडे के छिलके पे बंदूक से निशाना लगा रहे थे। लेकिन उनका उसपे सही निशाना नहीं लग रहा था। तब वे उन लड़कों के पास गए और उन्होंने उनसे एक बंदूक मांगी और खुद उस अंडे के छिलके पे निशाना लगाने लगे और उन्होंने पहली ही बार में सही निशाना लगा लिया उसके बाद उन्होंने लगातार 12 बार सही निशाना लगाया, यह देखकर वह लड़के दंग रह गए।
उसके बाद उन लड़कों ने स्वामी जी से पूछा की आप यह कैसे कर लेते है, तब स्वामी बोले, आप जो भी काम कर रहे हैं अपना पूरा दिमाग उसी एक काम में लगाए, यदि आप ऐसा करने में कामयाब हो गए तो आपका निशाना कभी नहीं चुकेगा। इसका मतलब ये है की आपका पूरा ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर होना चाहिए, कोई भी काम करते वक्त उसी काम में यदि आपका दिमाग लगा रहेगा तो वह काम सफलतापूर्वक हो जाएगा।
आइये अब हम आगे बढ़ते है और जानते है, विवेकानंद जी की वो ख़ास बाते जिससे हमें जिंदगी को जीने का सही तरीका मिलता है, कुछ ऐसी बाते जिन्हें अपनाकर भविष्य और वर्तमान को भी बदल सकते है।
स्वामी विवेकानंद जी की कुछ ऐसी बाते जो आपका जीने का तरिका बदल देगी:
🔘 उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
🔘 जीवन में परेशानियां चाहे कितना भी हो लेकिन जित हमेशा संघर्ष करने वालो की ही होती है।
🔘 ज्ञान ही एक वर्तमान है, इंसान तो सिर्फ आविष्कार करता है।
🔘 किसी को काम करने का वादा करो तो उसे समय पर पूरा करो वर्ना लोगो का भरोसा टूट जाता है।
🔘 जब तक जिंदगी है, तब तक जीना, तब तक सीखना, तभी जो अनुभव मिले उसे हमेशा याद रखना क्योंकि अनुभव ही हमारा सबसे बड़ा शिक्षक है।
🔘 आप चीजों को किस तरह देखते है आपका जीवन उस पर निर्भर करता है।
🔘 दिमाग चाहे कितना भी चीख चीख कर कहे की मेरी बाते सुनो पर हमेशा दिल की बाते सुनना चाहिए।
🔘 वेदांत किसी प्रकार का पाप नहीं मानता, वह सिर्फ मनुष्य की गलतिया है। वेदांत के मुताबिक, मै सबसे बड़ा पापी हु, मै कमजोर हु, ऐसा सोचना सबसे बड़ा पाप है।
🔘 एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों बार ठोकर खाने के बाद ही होता हैं।
🔘 किसी की कमजोरी पर न हसे, अगर मदत के लिए हात बड़ा सकते है तो बढ़ाये, अगर यह भी नहीं कर सकते तो हात जोड़ कर माफ़ी मांग ले।
🔘 जीवन का सबसे बड़ा रहस्य केवल सुख ही नहीं है बल्कि अनुभव सबसे बड़ा आनंद है।
दोस्तों यदि आपको “Swami Vivekananda जी” के बारे में यह जानकारी अच्छी लगे तो आप निचे कमेंट करके हमें बता सकते है तथा इस कहानी से सबंधित आपका कोई भी सवाल या सुझाव है तो निचे कमेंट बॉक्स में जरुर लिखे।
Author : Pooja
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Swami vivekanand ke bare me batane ke liye thanks. Good job
Bahut hi mahan insan the swami vivekanand ji. I salute him.