संदीप महेश्वरी की सफलता की कहानी, संदीप महेश्वरी की विजय गाथा, संदीप माहेश्वरी का जीवन परिचय, संदीप माहेश्वरी की जीवनी, Sandeep Maheshwari Biography in Hindi.
संदीप माहेश्वरी की जीवनी और सक्सेस स्टोरी (Sandeep Maheshwari Success Story in Hindi)
नमस्कार दोस्तों, आज हम इस आर्टिकल में Imagesbazaar.Com के बेताज बादशाह संदीप महेश्वरी के बारे में जाननेवाले है। आपको बता दे की, आज के समय वो एक टॉप बिजनेस मैन की सूची आते है लेकिन वो अपने मोटिवेशनल सेमिनार की वजह से काफी ज्यादा फेमस है। वो सभी सेमिनार फ्री में करते है और लाखो लोगों को फ्री में उनके सपने साकार करने की प्रेरणा देते है। आज हम संदीप जी के बारे में जीरो से लेकर हीरो बनने की उनकी पूरी कहानी इस आर्टिकल के माध्यम जाननेवाले है। उम्मीद करते है, इस कहानी से हमें और आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
आपको बता दे की, संदीप जी हमेशा कहते है, असफलता हार नहीं बल्कि वह एक जीवन की सीख है और अच्छा अनुभव वह जो आपके जीवन के संघर्ष का नया मार्ग है और संघर्ष ही हमारा सच्चा साथी है। दोस्तों उनकी बाते इतनी इफेक्टिव होती है की पूछिये मत.. उनकी बातों से मन परिवर्तन हो जाता है, उनकी बातों से जिन्दगी को नई दिशां मिल जाती है। उनकी बाते भटके हुए राही को सही मार्ग पर ला सकती है। यूँ कहे तो उनकी बातों से हमारे शरीर में, हमारे मन में एक ऐसी एनर्जी उत्पन्न होती है जो हमें सही क्या है और गलत क्या इससे परिचित कराती है। आइये पहले हम आपको संदीप महेश्वरी जी से परिचित कराते है।
.
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); .
संदीप महेश्वरी का जीवन परिचय (Sandeep Maheshwari Biography in Hindi)
एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे संदीप महेश्वरी आज एक कामयाब इंसान है। इनका जन्म 28 सितम्बर 1980 को दिल्ली में हुवा। वो बचपन से ही कुछ कर दिखाना चाहते थे। उनके पिता का 20 साल पुराना अलुमिनिअम का कारोबार था लेकिन वो ज्यादा साल तक नहीं चला और ठप हो गया, उस समय संदीप जी सिर्फ 10वीं कक्षा में थे। उसके बाद उनके माता-पिता ने परिवार को संभालने के लिए कई तरह के काम करने का प्रयास किया लेकिन वो नाकाम रहे। उन्होंने एसटीडी पीसीओ भी खोला था लेकिन वह भी नहीं चला।संदीप जी बताते है की ऐसी स्थिति में उनके पिताजी डिप्रेशन की ओर बढ़ते जा रहे थे। उस समय उनके परिवार के लिए यह चिंता का विषय बन गया था। कुछ भी समज नहीं आ रहा था की क्या किया जाए क्या नहीं, यह सब संदीप जी देख रहे थे, सब कुछ महसूस कर रहे थे। हालाकिं घर से उन्हें कोई प्रेशर नहीं था की ऐसे करो तुम वैसे करो, लेकिन घर की हालात ऐसी होगी तो भला कोई कैसे चैन से रह सकता है। तभी संदीप जी ने सोच लिया था की मुझे कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा। ऐसे में 2 साल बीत गए अब संदीप 12वीं क्लास पास हो चुके थे। आइये अब आगे संदीप महेश्वरी के जीवन से जुडी एवं जीरो से हीरो बनने तक की पूरी घटनाओं को स्टेप बाई स्टेप जानते है।
. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); .
संदीप महेश्वरी की सफलता की कहानी, संदीप महेश्वरी की जुबानी:
>> पिताजी का अलुमिनिअम का कारोबार बंद होने के बाद संदीप महेश्वरी के परिवार की आर्थिक स्थिति बिलकुल भी सही नहीं थी और यह उनसे देखा नहीं जा रहा था उन्हें लग रहा था की अब मुझे कुछ न कुछ तो करना ही चाहिए जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिती में सुधार आ जाए।>> उसके बाद वो बताते है की, कक्षा 12वीं के बाद उनके जीवन के एक ऐसा टर्निंग पॉइंट आया और वो एक मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी के सेमिनार में गए, जहां 300-400 लोग बैठे हुए थे और वो भी वहां जाकर बैठ गए, वो सेमिनार 3 घंटे का था। उस सेमिनार में उन्हें कुछ भी समज में नहीं आया लेकिन अन्तः में एक लड़के ने बताया की उसकी उम्र सिर्फ 21 साल है और वो महीने के ढाई लाख रुपये कमाता है, तब कहीं जाकर इनके दिमाग की बत्ती जली, तब उन्हें लगा की जब यह लड़का इतना कमा सकता है तो मै क्यों नहीं।
>> उसके बाद उन्होंने अपने मन में ठान लिया की यदि इतने पैसे कमाना उस बन्दे के लिए आसान है तो मेरे लिए भी आसान है, यदि वो कर सकता है तो मै भी कर सकता हूँ। उसके बाद उनमे बहुत से चेंजेस होना शुरू हो गए, यह बात उन्होंने अपने परिवार में बताया। परिवार वाले बोलने लगे.. पागल हो गया क्या, क्या अजीब अजीब बाते करता है।
>> उसके बाद वो बताते है की, उन्होंने कई लोगों को इकट्टा किया और वे उन्हें मल्टी लेवल मार्केटिंग में लेकर गए लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुवा। क्योंकि संदीप जी अपने फायदे के लिए लोगों को लेकर जा रहे थे, लोगों के फायदे के लिए नहीं और ये उन्हें अच्छा भी नहीं लग रहां था। आगे वो बताते है की, लोग बहुत समजदार होते है, कोई बेवकूफ नहीं और मै उन्हें को बेवकूफ नहीं बना पाया।
>> उसके बाद उनके दिमाग में मॉडलिंग करने का भूत सवार हुआ और उन्होंने छोटे लेवल पे माँडलिंग करना शुरू कर दिया, कॉलेज में। वहां भी उन्होंने धक्के खाना शुरू कर दिया, हजारो लोगों भीड़, हर आदमी मॉडल बनना चाहता है, वो अकेले नहीं थे।
. (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); .
>> उसके बाद उन्होंने देखा की 99 प्रतिशत मॉडलिंग एजेंसीज लोगों से फ्रॉड कर रही थी। लोगों को लूट रही थी, जैसे.. लोगों से रजिस्ट्रेशन फीस लेना, पोर्टफोलियो के लिए पैसे लेना, आदि कई तरह से वो लोगों बेवकूफ बनाकर लूट रही थी। तब उनके दिमाग में एक खयाल आया की मॉडल के लिए उन्होंने कुछ न कुछ तो करना ही चाहिए, लेकिन उन्हें समज नहीं आ रहा था की क्या करना चाहिए।
>> उसके बाद वो बताते है की, उनका एक दोस्त आया और उसने पोर्टफोलियो दिखाया। आपको बता दे की, पोर्टफोलियो एक फोटोग्राफ है, वो उसने कहीं से खीचवाके लाया था। वो फोटोग्राफ बहुत ही अच्छी और अलग ही लग रही थी, वे बताते है की उस समय डिजिटल कैमरे नहीं थे सिर्फ फिल्म कैमरे ही होते थे। वो फोटोग्राफ देखकर उनमें फोटोग्राफी सीखने का भूत सवार हो गया।
>> उसके बाद उन्होंने साउथ दिल्ली में सिर्फ 2 हफ़्तों का फोटोग्राफी कोर्स ज्वाइन किया और फोटोग्राफी सीखने लगे उसके बाद उन्होंने एक कैमरा खरीदा और फोटो शूट करना शुरू कर दिया। वो आगे बताते है की, उन्होंने पहले अपने घर का, अपने दोस्तों का, रिश्तेदारों का, जो भी मिले उनका फ्री में फोटो शूट किया।
>> उसके बाद उन्होंने देखा की, उनके जैसे फोटोग्राफ्फर की हमारे देश में कमी नहीं थी, आगे संदीप जी बताते है की, उनके जैसे लाखो फोटोग्राफर इंडिया में घूम रहे थे, जिन्होंने चार चार साल का फोटोग्राफी कोर्स किया वो भी धक्के खा रहे थे, अब ऐसे में 2 हप्ते का कोर्स करने वाला क्या कर सकता था।
>> उसके बाद वो बताते है की, उन्होंने जो पहले मॉडलिंग किया था जिसमे वो फेल हो गए थे, जिसके वजह से उनमे और बाकि फोटोग्राफर में एक फर्क आ गया था। उनका कहना यह है की, वो आज जो कुछ भी है मॉडलिंग के वजह से है। आगे वो बताते है की, एक मॉडल का दर्द एक मॉडल ही समज सकता है, मॉडलिंग में जाने के वजह से उन्हें एक मॉडल पे क्या बीतती है, उनके इमोशन, उनकी फीलींग वो समज सकते थे। बाकि फोटोग्राफर वो यह नहीं समज सकते थे।
>> उसके बाद वो बताते है की, उन्होंने एक लिस्ट बनाई, जेन्युइन एजेंसी और फ्रॉड एजेंसी की। उसके बाद उहोने लोगों का बताना शुरू किया की ये जेन्युइन एजेंसी है, ये फ्रॉड एजेंसी है, इस तरह उन्होंने लोगों को बताना शुरू किया। उसके बाद उन्होंने एक ऐड निकाली, फ्री फोटोशूट की, लोग आने शुरू हो गए। उन्होंने लोगों को बताया की, मै आपका फ्री में शूट करूंगा, आप मुझे सिर्फ रोल के, इन प्रिंट के पैसे देदो। उन्होंने यह भी बताया की मै ऐसा क्यों कर रहां हु, मुझे इससे क्या फायदा होता है.. तो उन्होंने ये भी बताया की, जो उन्होंने विसिटिंग कार्ड बनाये है जो 300 रुपये के है, जिसके वजह से आज वो एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर बन गये, आगे उन्होंने ये भी बताया की, उन्हें रोल और प्रिंट सस्ते में मिलती है।
>> लोगों को उनकी यह बात समज में आ गई, क्योंकि इसमें लोगों के बहुत से पैसो की बचत हो रही थी, जिस काम के लिए लोगों को 30-35 हजार लग रहे थे, संदीप जी वो काम सिर्फ 3-4 हजार में कर रहे थे। इस वजह से लोगों ने उन्हें पैसे देना शुरू कर किया और इस तरह उन्होंने पहली ऐड निकाली थी 4800 रुपये की, यह उनके लाइफ की पहली सफलता थी, जिससे उन्होंने लगभग 20-25000 रुपये कमाए थे।
>> आगे पढ़े :
Author : Pooja
ये आर्टिकल भी जरुर पढ़े : फेसबुक पेज को लाइक जरुर करे और इस लेख को अपने दोस्तों में एवं सोशल साइट्स पर शेयर करना ना भूले।
Nice nice nice, Sandip maheshwari is my Ideal.
I like the words of Sandeep Maheshwari. I have learned a lot from them.
Sandip maheshwari ji ki jivani padhkar mujhe bahut achha laga.
Sandeep maheshwari Success Story.