गांधीजी के जीवन की सच्ची घटनाये, गांधीजी की जीवन की गाथा, भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी का जीवन परिचय, भारत का महामानव की जीवनी, सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी।
महात्मा गांधीजी के बारे में रोचक जानकारी
नमस्कार दोस्तों, एबल ट्रिक्स डॉट कॉम में आपका स्वागत है, आज हम यहा पे आपको बताएँगे “देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधीजी” के बारे में, उनके बचपन और उनके जीवन के बारे में। दोस्तों मेरा नाम है सागर.. आपने मेरे पिछले पोस्ट को काफी पसंद किया है, इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। उम्मीद करता हु मेरी यह पोस्ट भी आपको काफी रोचक लगेगी।
महात्मा गांधीजी का शुरुवाती जीवन और उनका बचपन
गांधीजी का जन्म २ अक्टूबर १८६९ में समुद्रीय तट के पोरबंदर (गुजरात) में हुआ। महात्मा गांधीजी के पिता श्री करमचंद गाँधी ब्रिटिश राज के समय में कठवरिया रियासत के दिवान थे। गांधीजी का पूरा नाम “मोहनदास करमचंद गांधी” है। इनका विवाह १३ वर्ष की आयु में पोरबंदर के एक व्यापारी कि पुत्री “कस्तूरबा” के साथ हुआ था।
महात्मा गांधीजी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के राजकोट में हुई परन्तु महात्मा गांधीजी ने शिक्षा के लिए १० वर्ष की आयु में कई सारी स्कूल बदली थी। गांधीजी की स्कूलों में छवि होनहार लड़को में नहीं थी, उन्हें परीक्षा में ४५ से ५५ प्रतिशत से ज्यादा अंक नहीं आते थे।
स्कूल के हजेरी रजिस्टर से यह भी जानकारी प्राप्त हुई है की, मोहनदास जी अर्थात गांधीजी स्कूल में रेगुलर नहीं जाते थे। उस समय स्कूल के दिन २३८ होते थे लेकिन उनमे से मोहनदास ११० दिन तो अब्सेंट ही रहते थे और उसी अन उपस्थिति के कारण उन्हें दो बार एक ही क्लास में बैठना पड़ा था। लेकिन दूसरी बार उन्होंने ६६.५ प्रतिशत अंक लेकर ८ वी रैंक प्राप्त की और इस तरह उन्होंने पढाई में अपनी रूचि बढ़ाई।
मोहनदास की मिडिल स्कूल में भी हमेशा की तरह उपस्थिति कम ही रहती थी और छुट्टी मारने का हमेशा एक ही बहाना होता था की, पिताजी की तबियत ख़राब है। लेकिन उन्हें विद्यार्थी चित्र में हमेशा वेरी गुड मिलता था जबकि बाकी के विद्यार्थियों को गुड भी बड़े मुश्किल से प्राप्त हो पाता था।
मोहनदास जी का स्वभाव काफी अच्छा था क्योंकि वे कभी भी किसी को धोखा नहीं देते थे और यही वजह थी की स्कूल में उनकी छवि एक सबसे अच्छे छात्र की बन गयी थी।
महात्मा गांधीजी के जीवन की कहानी
🔘 गांधीजी ने अपने जीवन में देश को आजादी दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया जो की आज का कोई भी मनुष्य नहीं कर सकता। जिंदगी को सभी जितना चाहते है पर गांधीजी की तरह हर कोई अहिंसक कार्य नहीं कर सकता। इसलिए गांधीजी को इंडियन फाइटर भी कहा जाता है।
🔘 इन्होने अपने अहिंसक और सत्य के चिराग से पुरे भारत को ही नहीं बल्कि उस समय गुलाम रहे पाकिस्तान के साथ आधे विश्व को भी गुलाम मुक्त किया था, इनके इसी कार्यो से उन्हें महात्मा की उपाधि प्राप्त हुई थी।
🔘 गांधीजी ने कई सारे आंदोलन किये। उन्होंने साल १९१९ में रोलेट बिल के खिलाफ पहला अखिल भारतीय सत्याग्रह छेड़ा था।
🔘 उन्होंने साल १९२२ में चौरीचौरा की हिंसक घटना के बाद जन आंदोलन को स्थगित किया तभी उनपर राजद्रोह का आरोप लगा। उस मुक़दमे में उन्होंने स्वय को दोषी स्वीकार कर लिया और उसके लिए उन्हें ६ साल के लिए जेल भेज दिया गया था।
🔘 उसके बाद भी उन्होंने कई सारे आंदोलन और सत्याग्रह भी किए जिसमे.. साबरमती से दाडी तक सत्याग्रह, राजकोट उपवास, व्यक्तिगत सत्याग्रह की घोषणा और साल १९४२ में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन भी किया। इसके अलावा वे १५ ऑगस्ट १९४७ में दंगा शांति के लिए फिर से उपवास करने के लिए बैठ गए थे।
🔘 २० जनवरी १९४८ को बिड़ला हॉउस में हो रही प्रार्थना में विस्फोट हुआ लेकिन गांधीजी ने सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया था।
🔘 उसके बाद ३० जनवरी १९४८ को नथूराम गोडसे ने बिड़ला हॉउस में महात्मा गांधीजी को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
महात्मा गांधीजी के 15 अनमोल विचार
१) लम्बे-लम्बे भाषणों से कहीं अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
२) दुनिया को आप जैसा बनाना चाहते है, वैसा ही पहले आप खुद को बनाइए।
३) अपने आपको पाने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि, अपने आपको दूसरो की सेवा में खो दो।
४) आपको ख़ुशी तब मिलेगी, जब आपका हर काम जो आप करते है, जो आप सोचते है, और जो आप कहते है वह समाज के हित में होगा।
५) हमें हमारे जीवन में सफलता सिर्फ हम ही दिला सकते है और कोई नहीं।
६) आप अपने विनम्र तरीके से पूरी दुनिया को हिला सकते है।
७) एक सभ्य घर के बराबर कोई विद्यालय नहीं है और एक भले अभिभावक व्यक्ति के जैसा कोई शिक्षक नहीं है।
८) व्यक्ति अपने विचारो के सिवाय कुछ भी नहीं है, वह जो सोचता है, वह बन जाता है।
९) कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता हैं।
१०) ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
११) धैर्य का छोटा सा हिस्सा भी एक तन उपदेश से बेहतर है।
१२) जिंदगी का हर दिन ऐसे जीना चाहिए जैसे कि वह तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन होने वाला है।
१३) आप जो करते है, वो किसी के गिनती में नहीं होगा, लेकिन वह आपके लिए करना बहुत अहम् है।
१४) हम जो करते है या हम जो कर सकते है, इसके बिच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओ के समाधान के लिए पर्याप्त है।
१५) किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम जानवरो के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते है।
Author: Sagar
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