अब किसानों को मिलेंगे प्रति हेक्टेयर मिलेंगे 50 हजार रुपये, इस योजना के तहत 50 हजार रुपये मिलेंगे किसानों को. (Kisano ko milenge prati hector 50000 rupye) आगे पढ़े.
अब किसानों को मिलेंगे प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये (Prati Hector 50000 Rupye)
देश में अनगिनत योजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमें अधिकांश योजनाएं किसानों के लिए ही शुरू की जा रही हैं. हमारे देश में लगभग 70% किसान हैं, जो कई तरह के फसल उगाते हैं और देश को भोजन की आपूर्ति करते हैं. इसलिए किसान को अन्नदाता कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, यह अन्नदाता जो पूरे देश को अन्न पुराता है, वह खुद आधा भूखा रहता है, जिसे दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता है.
भारतीय किसान गरीब है, उसकी जीविका खेती पर निर्भर है. इसलिए वे अच्छी फसल के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. कई बार किसानों को अच्छी फसल होती है, लेकिन कई बार सूखे के कारण किसानों की हालत खराब हो जाती है. जिसके कारण उन्हें बैंकों, साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता है. फिर धीरे-धीरे कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है और किसान कर्ज के तले दबता जाता है.
किसानों के सामने ऐसे स्थिति ना आए इसलिए सरकार किसानों के हित में कई योजनाये शुरू करती रहती है. आज हम आपको एक ऐसी ही योजना से परिचित करा रहे हैं, जिसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मिलेंगे. आइए आगे जानते हैं कि कौन सी योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मिलेंगे? और कैसे मिलेंगे? इससे जुड़ी जानकारी.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना
- प्रधानमंत्री किसान सन्मान योजना
किसानों को PKVY योजना के तहत मिलेंगे प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये
दरअसल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 15 अगस्त को भाषण देते हुए कहा कि किसानों ने केमिकल और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल बहुत ही कम करना चाहिए. क्योंकि इससे जमीन की उपजाऊ क्षमता कम होती है और जमीन बीमार होती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों ने प्राकृतिक उपकरणों को बढ़ावा देना चाहिए यानी पारंपरिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए. इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी.
आज हम इस लेख में केंद्र सरकार की परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) के बारे में जानकारी दे रहे हैं. जिसे शार्ट में PKYV योजना के नाम से जाना जाता है. इस योजना का उद्देश्य जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण और विपणन को प्रोत्साहन करना है. इस योजना के तहत, अब किसानों को तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है.
सरकार की ओर से यह आर्थिक सहायता दी जा रही है-
- जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों और वर्मी कंपोस्ट आदि खरीदने के लिए 31,000 रुपये मिलते है.
- यानी जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों जैसी दवाइयां और खेती के लिए उपकरणों के लिए 61 प्रतिशत पैसा मिलता है.
- इसके आलावा, मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ इस्टर्न रीजन के तहत जैविक इनपुट के लिए 7500 रुपये मिलते है.
- साथ ही, स्वायल हेल्थ मैनेजमेंट के तहत निजी एजेंसियों को नाबार्ड के जरिए प्रति यूनिट 63 लाख रुपये लागत सीमा पर 33 फीसदी तक की आर्थिक सहायता मिल रही है.
लाभ लेने के लिए जैविक खेती प्रमाण पत्र की जरूरत होती है-
बता दें कि जैविक खेती प्रमाण पत्र (Organic farming certificate) प्राप्त करने के लिए किसानों को आवेदन करना होता है. आवेदन की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है-
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को जैविक खेती का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा.
- यह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा 19 एजेंसियों को मान्यता दी गई है.
- आप केवल उन एजेंसियों से प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं जिन्हें सरकार द्वारा मान्यता दी गई है.
- किसानों को मिट्टी, खाद, बीज, सिंचाई, कीटनाशक, कटाई, पैकिंग आदि सामग्री का रिकॉर्ड रखना होता है.
- क्योंकि सरकार की ओर से इस रिकॉर्ड की जाँच की जायेगी, उसके बाद ही किसानों को यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा.
पारंपरिक खेती (Traditional farming) के लाभ
- पारंपरिक खेती करने के कई लाभ होते है, बता दें कि किसान को यह खेती करने में बहुत कम खर्च आता है.
- भूमि की उपजाऊ क्षमता में और सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है.
- मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण में कमी आती है.
- जिसके वजह से होनेवाली बिमारियों में कमी आती है.
यह भी पढ़े:
- छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सन्मान योजना
- प्रधानमंत्री आयुष्यमान योजना
- बेरोजगार भत्ता योजना
- किसान विकाश पत्र योजना
- अन्नदाता सुखिभव योजना
- क्वायर योजना
- प्रधानमंत्री कौशल विकाश योजना
- शिशु शिक्षा विकाश योजना
- न्यूनतम आय योजना
- प्रधानमंत्री युवा योजना
- गरीब कल्याण योजना
- प्रधानमंत्री फेलोशिप योजना
Author: Nilesh
Tags: अब किसानों को मिलेंगे प्रति हेक्टेयर मिलेंगे 50 हजार रुपये, इस योजना के तहत 50 हजार रुपये मिलेंगे किसानों को. (Kisano ko milenge prati hector 50000 rupye)
सरकार को उन गरीब लोगों के लिए भी योजनाएं शुरू करनी चाहिए जो भूमिहीन हैं. किसान अपना पेट तो कैसे भी भरते हैं लेकिन जो लोग भूमिहीन हैं उनके पास न तो नौकरी है और न ही पैसा है. अब वे अपना पेट कैसे भरते होंगे? अंदाजा लगा सकते है, वे बहुत ही जिल्लत की जिंदगी जीते है.
Sahi kaha raghu ji, garib Bhumihin logo ko sarkar ne jamin ya thoda bahut mahine ke pension ke roop me paisa dena chahiye.
Bharosa rakho sarkar is bar is bare me jarur sochegi. berojgari, kisan ki samsya, aur bhumihin logo ki samsya par is bar kuch n kuch ek bada faisla liya jayega.