कौन है उड़नपरी हिमा दास, जाने धींग एक्सप्रेस हिमा दास के बारे में, हिमा दास का जीवन परिचय, हिमा दास की जीवनी, गोल्डन गर्ल हिमा दास की सक्केस स्टोरी।
जानिए गोल्डन गर्ल Hima Das के बारे (Hima Das Biography in Hindi)
हिमा दास का पूरा नाम हीमा रंजीत दास है और उनके माँ का नाम जोमाली दास है। हिमा दास का जन्म भारत के आसाम राज्य के ढिंग गाँव में हुआ है। हिमा दास के पिता अपने गावं में चावल की खेती करते थे और उनकी माँ अपना घर संभालती थी। उनके परिवार में माता पिता के अलावा पाच भाई और एक बहन है और इनमे हिमा अपने माता पिता की सबसे छोटी बेटी है।
हिमा दास का जन्म आसाम राज्य के नगाँव जिले के ढिंग गाँव में 9 जनवरी सन 2000 में हुआ था। हेमा दास की पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई। हिमा जब पढाई कर रही थी तब विद्यालय में वो लडको के साथ फूटबाल खेलती थी। उसकी इस खेल में बहुत ही दिलचस्पी थी। हिमा ने फूटबाल इस खेल में अपना करियर बनाने का सोच लिया था और वो भारत के लिए भी खेलना चाहती थी।
लेकिन हिमा को जवाहर नवोदय विद्यालय के एक टीचर शमशुल हक ने दौड़ने की सलाह दी। उसके बाद उस टीचर ने हिमा दास की पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। फिर उन्होंने उनका कहना मान लिया और दौड़ना शुरू किया।
हिमा दास के जीवन से जुडी कुछ ख़ास बाते (Hima Das Ke Jivan Se Judi Kuch Bate)
🔘 हिमा दास एक गरीब और किसान परिवार से है, उसके पिता परिवार का गुजारा करने के लिए चावल की खेती करते है, उनके पास सिर्फ 2 वीघा जमीन है, इसी से उनका परिवार चलता है।
🔘 निपुण दास के अनुसार, हिमा के घर में कुल 16 सदस्य हैं, घर की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि बस उनके खाने-पीने की व्यवस्था हो जाती है।
🔘 हिमा जब ट्रेनिंग के लिए गुवाहाटी जाना चाहती थी उस समय हिमा के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो गुवाहाटी में हिमा के रहने खाने एवं ट्रेनिंग का खर्च उठा सकें, ऐसे स्थिती में निपुण दास ने खुद ही हिमा के रहने और ट्रेनिंग का खर्च उठाने का फैसला किया।
🔘 गोल्डन गर्ल हिमा दास को एथलीट बनने के लिए अपना परिवार छोड़कर लगभग 140 किलोमीटर दूर आकर रहना पड़ा था।
🔘 निपुण दास हिमा के कोच है, जब हिमा वर्ष जनवरी 2017 में राजधानी गुवाहाटी में एक कैम्प में हिस्सा लेने आई थीं तब उस पर निपुण दास की नज़र पड़ी थी, उन्हें पूरा यकीन था कि हिमा में अंतररष्ट्रीय स्तर की एथलीट बनने की काबिलियत है।
🔘 जानकारी के अनुसार, हिमा अपने गावं में गावं के लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थी। सभी जानते है, फुटबॉल में खूब दौड़ना पड़ता था, इसी वजह से हिमा का स्टैमिना अच्छा बनता रहा।
🔘 उसके बाद जब हिमा कोच निपुण दास के पास आई तो उन्होंने भी उसे शुरुवात में 200 मीटर दौड़ की तैयारी करवाई लेकिन बाद में उन्हें लगा कि वे हिमा को 400 मीटर दौड़ करवाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा, इस तरह हिमा का स्टैमिना अच्छा बनता गया।
🔘 हिमा ने बैंकॉक में हुए एशियन यूथ चैम्पियनशिप की 200 मीटर की रेस में हिस्सा लिया था और वो उस रेस में सातवे स्थान पर थी।
🔘 ऑस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हिमा ने हिस्सा लिया था, वो 400 मीटर के फाइनल रेस में वो छठे स्थान पर थी।
🔘 उसके बाद जुलाई 2018 में हुए IAAF वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और वो जीत गई।
🔘 हिमा दास आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है।
🔘 हिमा ने 400 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 51.46 सेकेंड का समय निकालकर गोल्ड मेडल जीता। हिमा दास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं।
🔘 आपको बता दे की, हिमा अभी सिर्फ 18 साल की है, वह अपने गावं से एक किलोमीटर दूर स्थित ढिंग के कॉलेज में 12 कक्षा पढ़ रही है। वह बहुत ही मेहनती है, कड़ी मेहनत के बाद हिमा को यह सफलता हासिल हुई है।
🔘 आपको बता दे की, यह स्वर्ण पदक इसलिए खास है क्योंकि भारत के एथलेटिक्स इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी खिलाड़ी ने आईएएएफ की ट्रैक स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया हो।
🔘 आपको बता दे की, धान के खेत से निकली इस उड़नपरी ने इतिहास रच दिया है। क्योंकि इससे पहले भारत के एथलेटिक्स इतिहास में किसी महिला या पुरुष खिलाड़ी ने जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड नहीं जीता था।
🔘 फिनलैंड में 51.46 सेकेंड में 400 मीटर रेस पूरी करने वालीं हिमा का यह बेस्ट परफॉर्मेंस नहीं हैं। इससे पहले वह देश के अंदर हुई स्पर्धा में 51.13 सेकेंड में भी 400 मीटर रेस पूरी कर चुकीं हैं।
🔘 हिमा दास ने ऐसा कमाल कर दिखाया जिससे वो फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह और पीटी उषा से भी आगे निकल गई। हिमा दास से पहले अच्छा प्रदर्शन मिल्खा सिंह और पीटी उषा का रहा था।
🔘 हिमा की इस ऐतिहासिक कामयाबी पर पुरे देश ने उसे बधाई दिया। यहां तक की, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर फिल्मी जगत के बड़े-बड़े सितारे ने भी उसकी उपलब्धि पर उसे बधाई बधाई दिया था और हिमा ने भी सभी को धन्यवाद दिया है कि और कहा है कि वे देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर बेहद खुश हैं, वे आगे भी और अधिक मेडल जीतने की कोशिश करेंगी।
🔘 विश्व में भारत का नाम ऊँचा करने वाली इस हिमा दास को लोग आज भी लोग बधाई दे रहे है। इसी के चलते उसे कई नामो से परिचित करवाया जा रहा है, जैसे- धींग एक्सप्रेस, गोल्डन गर्ल, उड़नपरी आदि।
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Author : Pooja
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Salute You Sister. Good Job
Bahut hi best ho hima ji aap, apne hamare desh ka name uncha kar diya. jay hind.
Aap bahut himmat wali ladki ho yr, good job, best of luck.