आपकी पहचान चोरी हो सकती है, कैसे आपकी पहचान चोरी हो सकती है, कैसे कोई आपकी Identity यूज कर आपको परेशानी में डाल सकता है, कैसे कोई व्यक्ती आपकी पहचान चुरा कर आपको तकलीफ़ दे सकता है. इसे क्राईम की भाषा मे “आइडेंटिटी थेफ्ट” कहते है.
क्या है पहचान चोरी – Identity Theft
इसे “आइडेंटिटी थेफ्ट” कहते है यानी पहचान चोरी. किसी भी व्यक्ती का पासवर्ड चुरा कर यह अपराध किया जाता है. इस अपराध के तहत, कोई भी व्यक्ति आपके इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर, पासवर्ड या किसी अन्य पहचान पत्र का उपयोग धोखे की भावनाओं के साथ कर सकता है जिससे आप परेशानी में पड़ सकते हैं.
“आइडेंटिटी थेफ्ट” के लिये कानून सख्त – The law for “Identity theft”
ऐसा करने पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार धारा 416 लगती है. इस धारा का मतलब होता है, “नकल करके धोका करने का अपराध” इस धारा का उददेश यह है कि सार्वजनिक तौर पर सभी ऑनलाईन उपभोक्ताओं के व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीयता से हिफाजत करना.
“आइडेंटिटी थेफ्ट” मे उदाहरण के तौर पर देखा जाये तो, जैसे कोई व्यक्ती आपकी पहचान चुराकर आपका बँक अकाऊंट देखता है, आपके ईमेल पढता है, पैसे चोरी करता है आदी. इस अपराध मे पकडे जाने पर भारतीय दंड संहिता के अनुसार तीन साल का कारावास तथा एक लाख रुपये का दंड भी देना पड सकता है. दोस्तों पहचान चुराना एक बडा अपराध है.
कैसे की जाती है पहचान चोरी – How to do identity theft
शोल्डर सर्फिंग (Shoulder surfing) डंपस्टर डाइविंग (Dumpster diving) के माध्यम से लोग पहचान चुराने मे माहिर होते है. इसके अलावा एक और है “फिशिंग” मतलब जैसे जाल मे मछली फसती है वैसे ही, इस माध्यम से कोई अन्य व्यक्ती (Hacker) आपको अपने जाल में फंसा सकते है.
हाल ही की खबर है कूछ दिनों पहले भारतीय स्टेट बँक के उपभोक्ताओं पर फिशिंग जैसे हमले हुये, लोगों के बैंक खातों से ऑनलाइन पैसे चुराये गये, इसमे पहचान चोरी करने वालों ने एसबीआई वेबसाइट का क्लोन इस्तेमाल किया था, तब ऐसा अनुमान लगाया गया था.
फिशिंग एक प्रकार का पहचान की चोरी का कार्य है जो “आइडेंटिटी थेप्ट” है, जिसमें यदि किसी व्यक्ति ने कभी कंप्यूटर नहीं चलाया है, तो भी उसकी “आइडेंटिटी चोरी” हो सकती है. क्योंकि हैकर कही प्रकार से पहचान चोरी करते है.
क्यूँँ अपनाते है एैसे रास्तेंं – Why do people adopt such a way
दोस्तों, आज की तेज रप्तार भरी जिंदगी में हम कम समय में ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं. लेकिन आपको बता दें कि लेकिन कम समय में ज्यादा पैसा कभी भी सही जगह से नहीं आ सकता है. इसीलिए हम इसके लिए शॉर्टकट का उपयोग करते हैं, जो सही नहीं है. शॉर्टकट से पाया पैसा लंबे समय तक नहीं रहता है.
हम यह भूल जाते है, कि जिसे हम लुट रहे है, उसका क्या होगा? उसके परिवार का क्या होगा? क्या बितेगी उस पर जब उसका सब कुछ लुट जायेगा? दोस्तों मेरी आपसे यही गुजारीश है, कि ऐसे कारनामें न हो और न ही कोई किसी के फार्जीवाडे मे फँसे. सभी इमानदारी से पैसे कमायें, खुद भी जियें और दुसरों को भी सुकून से जीने दे. समाज का वातावरण स्वच्छ और अच्छा रखें.
दोस्तों आपको कभी भी बैंक सम्बंधित कोई भी कॉल आये और वह आपके अकाउंट से जुडी कोई भी जानकारी आपसे मांगे तों ऐसे कॉल को आप नजरअंदाज करे तथा जिस नंबर से आपको कॉल आई है उस नंबर की शिकायत जरूर करे.
Author: Nevindra
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