पीपीएफ और ईपीएफ के बीच का फर्क, PPF और EPF में क्या अंतर है, EPF और PPF में न हों कंफ्यूज, पीपीएफ और ईपीएफ के बारे में जानकारी. Difference between PPF and EPF
नमस्कार दोस्तों Abletricks.Com में आपका स्वागत है. आज हम आपको इस लेख में PPF और EPF में क्या अंतर है इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. बहुत से लोग इन दोनों योजनाओं के बारे में नहीं जानते हैं, इसी को देखते हुए यह जानकारी प्रकाशित की जा रही है. निश्चित रूप से यह जानकारी उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो इन दोनों योजनाओं में भ्रमित हैं या जो इन योजनाओं के बारे में नहीं जानते हैं.
पीपीएफ और ईपीएफ इन दोनों योजनाओं के बारे में लोगों मे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, लेकिन आपको बता दें कि ये दोनों योजनाएं बहुत अलग अलग हैं और इनके लाभ भी अलग-अलग होते हैं. इसलिए, आज हम इस लेख में इन दोनों योजनाओं में कौनसा अंतर है, इस बारे में विस्तार से बताने का प्रयास करेंगे.
जानिए पीपीएफ और ईपीएफ में क्या अंतर है – Difference between PPF and EPF
पीपीएफ का मतलब ”पब्लिक प्रोविडेंट फंड” है और ईपीएफ का मतलब ”इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड” है. दोनों का समान महत्व है, भविष्य के निर्वाह को सुरक्षित करना. आपकी सेवानिवृत्ति के बाद जीवन को बेहतर बनाने के लिए ये दो फंड हैं. यदि आप एक कर्मचारी हैं या नहीं तो भी आपको इन दोनों के बीच का अंतर जानना बहुत जरुरी है. आइए अब इन दोनों योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड – Public provident fund
पीपीएफ सरकार की एक छोटी बचत योजना है, जो लोग नौकरी नहीं करते हैं, उनके लिए पीपीएफ सेवानिवृत्ति निधि बनाने का एक अच्छा जरिया है. आप एक पब्लिक प्रोविडेंट फंड का खाता डाकघर या कुछ चुनिंदा बैंकों में खोल सकते हैं. पीपीएफ खाते में खाताधारक न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक जमा कर सकता है. यदि कोई खाताधारक 1.50 लाख से अधिक राशि जमा करता है, तो उस राशि पर ब्याज या कर छूट का कोई प्रावधान नहीं है.
ऐसे काम करता है पीपीएफ
- पब्लिक प्रॉविडेंट फंड केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई योजना है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड खाता राष्ट्रीयकृत बैंकों या डाकघरों में खोला जाता है.
- यह खाता खोलने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि आप नौकरी करते हों, कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है वह इस खाते को खोल सकता है.
- ब्याज दर: यह खाता कर बचत और बचत खाते के रूप में काम करता है. यह आपके निवेश पर 8.7% ब्याज देता है.
- लॉक इन पीरियड: पीपीएफ में खाताधारक का लॉक इन पीरियड 15 वर्ष का होता है, यदि आप चाहें तो 5 या 6 साल के लिए बढ़ा सकते हैं.
- धन निकासी: पीपीएफ का पैसा आमतौर पर 15 साल की परिपक्वता अवधि के बाद ही निकाला जा सकता है.
- यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो इस पीपीएफ फंड का पैसा उसके नॉमिनी को दिया जाता है.
- आयकर छुट: खाताधारक की जमा राशि पर इनकम टैक्स एक्ट 80 C के तहत छूट और और परिपक्वता राशि पर कोई कर नहीं है.
- लोन विकल्प: यदि खाताधारक 50 प्रतिशत धनराशि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड खाते में जमा करता है, तो उसे आसानी से लोन मिल जाता है.
इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड – Employee Provident Fund
ईपीएफ यानी कर्मचारी भविष्य निधि जिसे इंग्लिश में इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड कहा जाता है. यह योजना उन लोगों के लिए है जो नौकरी करते हैं. 20 से अधिक कर्मचारी रखने वाली कंपनियां इस योजना में शामिल होती हैं. इसमें निवेश के लिए बेसिक और डीए का 12 फीसदी पैसा ईपीएफ खाते में काटकर जमा किया जाता है और इसमें नियोक्ता भी अपना हिस्सा जोड़कर जमा कराता है. सीधी भाषा में कहें तो, ईपीएफ में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है. फिलहाल इस पर 8.65 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है.
ऐसे काम करता है ईपीएफ
- यह योजना केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है, कहने का मतलब नौकरी करने वाले ही इस योजना का लाभ ले सकते है.
- 20 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाली कंपनियां ईपीएफ योजना में शामिल होती हैं.
- ब्याज दर: ब्याज दरों की बात करें तो, फिलहाल इस पर 8.65 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है.
- लॉक इन पीरियड: जब आप सेवानिवृत्त होते हैं या इस्तीफा देते हैं, तो आपका “लॉक इन पीरियड” बंद हो जाता है.
- धन निकासी: अगर आपको बीच में पैसो की जरुरत पड़ गई तो जरुरी दस्तावेज दिखाकर आप बीच में पैसे निकाल सकते है या फिर सेवानिवृत्त के बाद.
- आयकर छुट: खाताधारक की जमा राशि पर इनकम टैक्स एक्ट 80 C के तहत छूट और और परिपक्वता राशि पर कोई कर नहीं है.लेकिन अगर कर्मचारी 5 साल से पहले पैसा निकालता है, तो उसपे कर लगेगा.
- लोन विकल्प: इसमें आपको लोन भी विकल्प है, लेकिन आपको लोन कितना मिलेगा यह ‘कर्मचारी भविष्य निधि’ संगठन निर्धारित करता है.
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लेखक: राजेश कुमार
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Kartik Goswami says
jankari share karne ke liye thanks. sir kya abhi private job walo ko jyada penshan milegi. aisi khabar sunne mili hai.
Tricks King says
हां अब प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों पहले से ज्यादा पेंशन मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार (1 April 2019) को ये फैसला सुनाया गया है.