आज हम इस लेख में एक ड्राइवर की कहानी बताने जा रहे हैं, जो आपको बहुत पसंद आएगी. इसलिए इस कहानी को पूरा जरुर पढ़ें. इस लेख का टॉपिक है: जानिये कितना महत्वपूर्ण एक ड्रायवर.
इस व्यस्त जिंदगी मे एक ड्रायवर कितने काम आता है, कहने का मतलब.. मनुष्य की जिंदगी में एक ड्रायवर कितना महत्वपूर्ण है, अगर ड्राइवर नहीं होता तो क्या होता? आइये आगे जानते है..
जानिये कितना महत्वपूर्ण एक ड्रायवर, जरुर पढ़े यह कहानी
दैनंदिन रोजगार मे ड्रायवर का काम सबसे अधिक प्रचलित है. आज की इस तेज रफ्तार भरी जिंदगी मे किसी भी मनुष्य के लिये यह संभव नही है कि वह पैदल चलकर अपने कार्यस्थल या ऑफिस जाये और यह भी संभव नही की इतनी टेन्शन मे, भारी तनाव में वह गाडी चलाये, इस वक्त ड्रायवर ही काम आता है.
किसी भी बडी संस्थान मे या किसी बडे ओहदे पर काम करने वाला व्यक्ती मानसिक रूप से अति व्यस्त रहता है. ऐसे में वो अपनी गाडी चलाने का जोखीम नही उठा सकता. गाडी चलाते समय जिस एकाग्रता और सतर्कता की जरूरत होती है, वह उस वक्त सतर्कता को जुटा नही पाता है. इसीलिये मनुष्य अपनी गाडी चलाने हेतू ड्रायवर रखता हैं.
ऑफिस जाने वाले व्यक्तीयों की गाडी पर काम करने वाला ड्रायवर उनके कार्यक्रमों के अनुसार ढल जाता है. ड्रायवर को विशिष्ट वर्दी, मासिक वेतन तथा कुछ सुविधाएँ दिए जाते है. वैसे कई साधनों को चलाने के लिये ड्रायवर की जरूरत पडती है, जैसे.. ट्रक, बस, टॅक्सी एवं अन्य वाहन. सीधे शब्दों में कहें तो आज की दुनिया में बिना ड्राइवर के मनुष्य का जीवन अधूरा है.
दोस्तों, एक ड्रायव्हर जब गाडी का स्टेरिंग अपने हाथ में लेता हैं, तब गाडी चाहे सवारी से भरी हो या माल से उसे सिर्फ अपना सफर सुरक्षित तय करने के बारे में ही सोचना पडता हैं, कि वह कैसें इस सफर को बगैर कठीनाई से एवं सुरक्षित पुरा कर ले.
उसे चिंता सिर्फ यह होती है, कि गाडी और सवारी सही सलामत घर पहूँच जाये. उसके बाद ही वो अपने परिवार की चिंता करता हैंं. क्योंकी उस ड्रायवर का आखरी सफर उसकी मंजिल होती हैं.
एक ड्रायवर के लिए नौकरी की संभावनाए
एक अच्छा ड्राइवर कभी भूखा नहीं रहेगा, इसके लिए लगभग हर क्षेत्र में नौकरियों की अपार संभावनाएं रहती हैं. फिर चाहे सरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र. जो युवा ड्रायविंग पसंद करते है, लेकिन उनके पास गाडी नही है, तो वे उचित प्रशिक्षण लेकर किसी व्यक्ति का या किसी कंपनी, संस्थान अस्पताल के गाडी का ड्रायवर बन सकते है.
जिन्हें शिक्षा से प्रेम है ऐसे व्यक्तीं किसी स्कूल तथा शैक्षणिक संस्थान मे ड्रायवर की नौकरी कर सकते है. स्कूल काँलेजो मे काम करने वाले व्यक्ती इमानदार सचारित्र और करुणा, उदार की भावना से भरें हुये होते है. उन्हें शिक्षक, अभिभावक और बच्चों के संपर्क मे रहना होता है.
इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्रों तथा निजी क्षेत्र की बसें हर राज्य मे यातायात की सुविधाँ के लिये चलाई जाती हैं. इन बसों मे रोजगार पाने के अवसर प्रशिक्षित ड्रायवर के लिये सदा आमंत्रित है.
इसके अलावा ट्रकों की दुनिया इतनी विशाल हैं जहाँ लाखों की संख्या मे ड्रायवरों की जरूरत होती हैं. दूर तक जाने और परिवार से लंबे समय तक दूर रह सकने की क्षमता रखने वाले ड्रायवर ट्रक परिवहन से जुड सकते है.
जिन्हें कोई रोजगार नही मिल सकता, वे बँक से कर्ज लेकर अपनी टॅक्सी या बॅटरी वाला ई-रिक्षा खरीद सकते है, और अपनी बेरोजगारी दुर कर सकते है. गाडी चलाने के लिये जो विशेष लायसन्स की जरूरत पडती है. वह हमारे पास होनी चाहिये. जो कि हमें राज्य परिवहन कार्यालय (State transport office) से मिलती है.
दोस्तों, कोई भी काम गलत नहीं होता है, हाँ, हमारी सोच जरुर गलत हो सकती है. जहां भी हम ईमानदारी से पैसा कमा सकते हैं और अपने परिवार को संभाल सकते हैं, वह काम कभी गलत नहीं हो सकता, फिर चाहे वह ड्राइवर का काम ही क्यों ना हो.
Author: Nevindra
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