लालची रानी की कहानी – Lalchi Rani ki Kahani
एक शहर में एक रानी रहती थी, जो धन-धान्य से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत लालची भी थी। उसे सोना-चाँदी बहुत पसंद था लेकिन वह उससे ज्यादा अपनी लड़की से बहुत प्यार करती थी।
रानी का राजमहल बहुत बड़ा था। राजमहल के बाजु में एक बड़ा सा बगीचा था। रानी रोजाना शाम के समय उस बगीचे में अकेली ही टहलने जाती थी।
हर दिन की तरह, जब रानी उस बगीचे में अकेले टहलने जाती है, तो उसे वहाँ एक गोल्डन परी दिखाई देती है, जो एक बड़े गुलाब के पेड़ के पास खड़ी होती है। परी की सुन्दरता देख रानी मोहित हो जाती है।
उसी समय जोरो से हवा चलने लगती है, जिससे उसके सुनहरे लंबे बाल उस गुलाब के पेड़ में फस जाते है। रानी उसे देखते ही दौड़ते हुए उसके पास जाती है और उसके सुनहरे लंबे बाल उस गुलाब के पेड़ से निकालने में मदद करती है।
यह देखकर गोल्डन परी खुश हो जाती है और रानी को धन्यवाद देती है। रानी कहती है.. आप बहुत सुंदर हो, आपके हर अंग में सोना झलकता है, क्या मुझ पर भी थोड़ी सी कृपा कर सकते हो।
गोल्डन परी कहती है.. बताइए रानी आप क्या चाहती है? रानी कहती है.. जिसे मै छूऊ वह सब सोना बन जाए, तब गोल्डन परी रानी को यह वरदान देती है कि रानी जिस भी चीज छूएगी, वह सब सोना बन जाएगा।
रानी बगीचे से जाते हुए कई चीजो को छूते हुए जाती है, वह जिस चीज को भी छूती है, वह सब सोना बनता जाता है। उसके बाद वह ख़ुशी से भागते भागते सीधे अपने महल में जाती है और ख़ुशी से अपने लड़की को गले लगा लेती है।
जैसे ही रानी अपने लड़की को छूती है तो उसकी लड़की सोने की मूर्ति बन जाती है। उसके बाद रानी रोते हुए, दौड़ते-दौड़ते बगीचे में वापस आती है और गोल्डन परी, गोल्डन परी कहकर जोर जोर से आवाज देती है, लेकिन गोल्डन परी वहां से पहले ही जा चुकी होती है।
उसके बाद रानी को गोल्डन परी का वरदान याद आता है और उसको अपनी गलती का भी एहसास होता है कि उसकी लालच ने उससे उसकी प्यारी लड़की छीन ली।
इस कहानी से क्या सीख मिलती है
यह कहानी हमें सिखाती है कि जरूरत से ज्यादा लालच हमे विनाश की तरफ ले जाता है। रानी ने जरूरत से ज्यादा लालच में अपनी जान से प्यारी लड़की को खो दिया।