Diwali kya hai, Diwali kab hai 2024 में – इस लेख में आप दिवाली क्या है, दिवाली कब है इसके बारे में जानेंगे. इसके अलावा आप दिवाली की पूजा की विधि और दिवाली कैसे मनाएं, इसके बारे में भी जानेंगे.
दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है. दीपावली का अर्थ है; दीपों की पंक्ति. जैसे ‘दीप’ (दीपक) + ‘आवली’ (पंक्ति). इन दो शब्दों से दीपावली यह शब्द बना है. इसका शाब्दिक अर्थ ‘रोशनी की पंक्ति’ है.
हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है. दिवाली (Diwali) का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. और दिवाली के पावन दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान से की जाती है. साथ ही दिवाली के दिन पटाखे और दीये भी जलाए जाते हैं.
दिवाली (Diwali) का त्योहार भारतीय लोगों का सबसे अच्छा त्योहार माना जाता है. इस दिन परिवार के सभी सदस्य इकट्ठा होते हैं और इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं. तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
दिवाली क्या है – What is diwali in hindi
दिवाली (Diwali) को दीपोत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन दीये जलाए जाते हैं. इसके अलावा दीवाली को रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है.
दिपावली या दिवाली भारत के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. भारत में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में दीपावली सामाजिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है. आध्यात्मिक रूप से, दिवाली ‘अंधेरे पर प्रकाश की जीत’ का प्रतिनिधित्व करती है.
दिवाली का त्योहार खुशियों का त्योहार है. इस दिन परिवार के सभी सदस्य अपने घरों में छुट्टियां लेकर आते हैं और अपनों के साथ खुशियां बांटते हैं और साथ में दिवाली मनाते हैं.
दीपावली का त्योहार यह पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो “धनतेरस” के दिन शुरू होता है. दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है.
कहा जाता है कि कलियुग में देवी लक्ष्मी ही भौतिक सुख देने वाली देवी हैं, इसलिए अन्य त्योहारों के अनुसार दिवाली का सबसे ज्यादा महत्व है.
भारतीय संस्कृति में, दीपक को सत्य और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि यह स्वयं जलता है और दूसरों को प्रकाश देता है. दीपक की इसी विशेषता के कारण इसे धार्मिक ग्रंथों में ब्रह्म का रूप माना गया है.
दिवाली कब है – Diwali kab hai in hindi
दिवाली पर ग्रहों की विशेष युति होने जा रही है, जिससे लक्ष्मी जी कुछ राशियों पर अपनी कृपा बरसा सकें, 2024 में दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी.
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त New Delhi, India के लिए
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : 17:35:38 से 18:18:58 तक
- अवधि : 0 घंटे 43 मिनट
- प्रदोष काल : 17:35:38 से 20:11:20 तक
- वृषभ काल : 18:21:23 से 20:17:16 तक
दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : कोई नहीं
- अवधि : 0 घंटे 0 मिनट
- महानिशीथ काल : 23:38:56 से 24:30:50 तक
- सिंह काल : 24:52:58 से 27:10:38 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
- प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत): 06:33:26 से 10:41:45 तक
- अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ): 12:04:32 से 13:27:18 तक
- सायंकाल मुहूर्त्त (चल): 16:12:51 से 17:35:37 तक
दिवाली पूजा सामग्री 2024 – Diwali puja material
- एक लकड़ी की चौकी
- लाल या पीला कपड़ा
- देवी लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर
- कुमाकुम
- चांदनी
- लहसुन, रोली, अखंड सुपारी और सुपारी
- अगरबत्ती, दीपक के लिए घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक, कपास की बत्ती
- पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल, कलश, जल, आम के पत्ते
- कपूर, कलाव, साबुत गेहूं के दाने
- दूर्वा घास, जनेऊ, धूप, एक छोटी झाड़ू
- दक्षिणा (नोट और सिक्के), आरती थाली
दीवाली पूजा की विधि 2024 – Method of diwali Puja
- दिवाली के दिन घर में साफ-सफाई रखनी चाहिए, साथ ही घर के कोने-कोने में गंगाजल छिड़कें.
- लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और उसके बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें.
- कलश (चांदी/कांस्य का बर्तन) को अनाज के बीच में रखें.
- बर्तन में 75% पानी भरें और उसमें एक सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का, साथ ही उसमे कुछ चावल के दाने डालें, कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें.
- बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में भगवान गणेश की मूर्ति रखें.
- एक छोटी सी प्लेट लें और उसमे चावल के दानों का एक छोटा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालकर मूर्ति के सामने रखें.
- अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का तिलक करें और दीपक जलाएं, कलश पर भी तिलक लगाएं.
- अब भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं, पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें.
- आंखें बंद करके दीपावली पूजा मंत्र का जाप करें, हथेली में रखे फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को अर्पित करें.
- लक्ष्मीजी की मूर्ति लेकर उन्हें जल से स्नान कराएं, और फिर उसे पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद इसे फिर से पानी से नहलाएं, साफ कपड़े से पोंछकर वापस रख दें. उसके बाद मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल रखें. माला को देवी के गले में पहनाएं, अगरबत्ती जलाएं, मां को नारियल, सुपारी, चढ़ाएं, फिर देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें.
- थाली में दीपक लेकर पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें.
दिवाली समारोह और विश्वास – Diwali celebrations and beliefs
दिवाली एकता का अवसर है जहां आपको अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, परिवार, सहकर्मियों और पड़ोसियों से मिलकर उपहार के साथ बधाई के रूप में अपना प्यार दिखाने का मौका मिलता है.
अपने प्रियजनों को आश्चर्यचकित करने और उन्हें उनके लिए एक विशेष अवसर बनाने के लिए, आप उन्हें घर की सजावट के सामान, रंगीन लालटेन, इत्र, मनी प्लांट, चॉकलेट, कलाकृतियाँ, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियाँ, नोटपैड, चांदी के सिक्के और बहुत कुछ उपहार में दे सकते हैं. दिवाली पर सभी लोग छुट्टियां मनाते हैं और अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं.
दिवाली कैसे मनाई जाती है – How to celebrate diwali
दिवाली का त्योहार पांच दिनों की अवधि के लिए मनाया जाता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. इसके बाद दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और अंत में पांचवें दिन भाई दूज होता है.
दिवाली का त्योहार खरीदारी का एक प्रमुख समय बन चूका है, क्योंकि दीपावली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
इस मौके पर लोग अपने घरों और दफ्तरों की साफ-सफाई करते हैं और उन्हें सजाते हैं. इस दिन घरों और कार्यालयों के दरवाजे पर अशोक के पत्ते और गेंदे के फूल लटकाना भी शुभ माना जाता है.
दिवाली के उत्सव में घरों के अंदर और बाहर रोशनी एवं दीयों (मिट्टी के दीपक) की रोशनी जगमगाती है. दिवाली की रात लोग नए कपड़े पहनते हैं, लक्ष्मी पूजा करते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, साथ ही रिश्तेदारों और दोस्तों के पास बधाई और मिठाईयों का आदान-प्रदान करते हैं.
क्या हम बिना पटाखों के दिवाली मना सकते हैं?
दीवाली एक चमकदार उत्सव के महिमा का जश्न मनाने और आनंद लेने का समय है. आतिशबाजी इस उत्सव का एक अभिन्न अंग हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे लोग पर्यावरण के चिंता के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं, इसलिए पटाखों का उपयोग काफी कम होता जा रहा है.
पटाखों के शोर से जंगली जानवरों, पालतू जानवरों, छोटे बच्चों, बुजुर्गों और हृदय तथा अस्थमा के रोगियों को भी अत्यधिक परेशानी होती है. इसीलिए आप रंगोलियां बनाकर, स्वादिष्ट पकवान तैयार करके अपने दोस्तों और परिवारों से मिलकर, यहां तक कि एक छोटा सा आयोजन करके भी आप दिवाली के उत्सव का आनंद ले सकते हैं.
हमारी सलाह- मेरे हिसाब से दिवाली बिना पटाखों के ही मनानी चाहिए, क्योंकि हम जो पटाखे जलाते हैं, वे न सिर्फ प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि कई बीमारियां भी पैदा करते हैं, जिससे लोग बीमार पड़ते हैं.
अधिकतर इसके प्रभाव से छोटे बच्चों, बूढ़ों और हृदय तथा अस्थमा के रोगियों को अत्यधिक असुविधा होती है. इसलिए दोस्तों दिवाली बिना पटाखों के ही मनाई जानी चाहिए. इससे न सिर्फ पैसे की बचत होगी बल्कि आप स्वस्थ भी रह पाएंगे.
दीपावली या दिवाली क्यों मनाई जाती है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में लंकापति रावण का वध कर कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान श्रीराम सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे. भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने और उनके स्वागत के लिए दीप प्रज्ज्वलित करने की खुशी के साथ दिवाली मनाई गई. तब से हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है.
अंतिम शब्द (Last word)
दोस्तों अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ चुके हैं, तो आपको पता चल ही गया होगा कि दिवाली क्या है, 2024 में दिवाली कब है (Diwali kab hai). तो दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जान सकें.
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FAQ
1. दिवाली क्या है?
Ans. दिवाली हिन्दू धर्मं का सबसे महान पर्व हैं. दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता हैं. यह रोशनी का त्यौहार है, जो अंधकार में रोशनी का विजय प्रतीक है.
2. दिवाली का त्यौहार कितने दिनों का होता है?
Ans. दिवाली का त्योहार पांच दिनों की अवधि के लिए मनाया जाता है. इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. इसके बाद दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और अंत में पांचवें दिन भाई दूज होता है.
3. दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है?
Ans. दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है.
4. 2024 में दिवाली कब है?
Ans. 1 नवंबर को
5. दिवाली के दिन विशेष रूप से किसकी पूजा की जाती है?
Ans. दिवाली के दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है.
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