भारत का इतिहास – Bharat ka itihaas in hindi
भारत का इतिहास (Bharat ka itihaas in hindi – History of india) – भारत का इतिहास बहुत पुराना है, इसकी शुरुआत लगभग 65000 साल पहले होमो सेपियन्स के साथ हुई थी। भारतीय इतिहास को तीन मुख्य युगों में बांटा जा सकता है – प्राचीन युग, मध्यकालीन युग और आधुनिक युग।
प्राचीन भारत
प्राचीन भारत का इतिहास लगभग 5,000 से 3,000 ईसा पूर्व तक उल्लेखनीय होता है। इस युग में सिंधु घाटी सभ्यता और वैदिक संस्कृति विकसित हुईं। इस युग में सभ्यता, विज्ञान, कला, शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति ने बहुत उन्नति की।
सिंधु घाटी सभ्यता एक प्रसिद्ध सभ्यता थी जो आधुनिक पाकिस्तान और भारत के कुछ हिस्सों में स्थित थी। इस सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताएं शहरीकरण, समाज का वर्गीय विभाजन, व्यापार और लोगों के बीच संचार थीं।
वैदिक संस्कृति के आधार पर ही भारतीय संस्कृति की विस्तृत ज्ञान-प्रणाली और धर्म विकसित हुए। वैदिक साहित्य में वेदों, उपनिषदों, रामायण, महाभारत और पुराण जैसी महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं। इन ग्रंथों में भारतीय संस्कृति, दर्शन और तत्त्वों का विस्तृत वर्णन होता है।
प्राचीन भारत का इतिहास धार्मिक और सामाजिक जीवन के लिए उत्तरदायी था। इस युग में बौद्ध और जैन धर्म विकसित हुए जो धर्म, शिक्षा और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
इस युग में गुप्त राजवंश के शासनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था, वैज्ञानिक और कलात्मक क्षेत्र में विशेष उन्नति हुई थी। गुप्त साम्राज्य के शासकों में समुद्र गुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय और सम्राट अशोक जैसे महान नाम थे जो भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
मध्यकालीन भारत
भारत का मध्यकालीन युग लगभग 8वीं से 18वीं शताब्दी तक चला। इस युग में भारत अनेक विदेशी आक्रमणों का शिकार हुआ, जिनमें मुस्लिम और मुगल शासन भी शामिल हैं।
दिल्ली सल्तनत (1206-1526 ईसा पूर्व) इस युग का सबसे प्रमुख राज्य था। इस दौरान मुस्लिम शासकों ने भारत के अधिकांश हिस्सों को अपने अधीन कर लिया था। खिलजी वंश, तुगलक वंश और लोधी वंश दिल्ली सल्तनत के उच्चकंट बने।
1526 में मुगल सम्राट बाबर ने भारत में अपनी सत्ता स्थापित की। उनके बाद उनके पोते अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब ने भी भारत पर शासन किया। मुगल साम्राज्य का विस्तार भारत के विभिन्न हिस्सों तक हुआ था और इस दौरान भारतीय संस्कृति और कला का भी विकास हुआ।
मध्यकालीन युग में भारत में हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और इस्लाम धर्म का विस्तार हुआ। संस्कृति, विज्ञान, और कला में भी विकास हुआ।
मध्यकालीन भारत में वर्ण व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण थी और इससे जाति व्यवस्था भी विकसित हुई। इस युग में संगीत, नृत्य, साहित्य, शैली और स्थानों का विकास हुआ। हालांकि, भारतीय समाज में अधिकांश लोग गरीब थे और उन्हें बहुत कम संसाधन मिलते थे। अत्यंत गरीबी, जातिवाद, अशिक्षा और रोगों से जूझना मध्यकालीन भारत के व्यापक समस्याओं में से कुछ थे।
आधुनिक भारत
भारत का आधुनिक युग 1757 ईसा से लेकर वर्तमान तक का अवधि है। इस अवधि में भारत में अंग्रेजों की शासनकाल शुरू हुई और स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ।
1757 ईसा में बक्सर की लड़ाई के बाद, अंग्रेज ने बंगाल प्रांत को अपने अधीन कर लिया। उसके बाद अंग्रेजों ने भारत के अन्य हिस्सों में अपनी सत्ता स्थापित की। इस दौरान अंग्रेजों ने भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी नीतियों के अनुसार बदलना शुरू किया जिससे भारत का व्यापार विकसित हुआ और अंग्रेजों को बहुत से संसाधनों का उपयोग करने में मदद मिली।
1857 की सिपाही विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने भारत की सत्ता को पूरी तरह से अपने अधीन कर लिया और इसके बाद भारत में अंग्रेज शासन का काल शुरू हुआ। अंग्रेजों ने भारत को अपनी नीतियों के अनुसार संचालित किया, जिससे भारतीय जनता ने इसे अपने स्वतंत्रता की लड़ाई का एक मुख्य कारण माना।
स्वतंत्रता संग्राम के बाद, भारत ने 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की। हालांकि, भारत का विभाजन देश के एक अंश को पाकिस्तान के रूप में अलग कर दिया गया था। इससे विभाजित हुए भारत और पाकिस्तान में असंतोष रहा और 1947 से 1948 के बीच दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण युद्ध हुआ था।