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अगर आप जानना चाहते है कि आज का सोने का भाव क्या है या आज गोल्ड का क्या रेट चल रहा है तो यह लेख आपके लिए ही है। इस पेज पर आपको प्रतिदिन के हिसाब से भारत में सोने का क्या भाव है यह बताया जायेगा. यह पेज प्रतिदिन सुबह आज 8 : 30 बजे अपडेट होगा।

Aaj Ka Sone Ka Bhav
Aaj Ka Sone Ka Bhav

भारत में सोने का भाव (India Gold Rate Today in Hindi)

अपडेटेड: 3 जुलाई 2023

मुंबई में आज सोने का भाव है-

  • आज 24 कैरेट सोने के दाम (10 ग्राम) : ₹ 59,070
  • आज 22 कैरेट सोने के दाम (10 ग्राम) : ₹ 54,150

भारत में आज सोने के दाम (प्रमुख शहरों के अनुसार)

शहर 24 कैरेट सोने के दाम
(10 ग्राम)
22 कैरेट सोने के दाम
(10 ग्राम)
अहमदाबाद
₹ 59,120 ₹ 54,200
अमृतसर
₹ 52,200 ₹ 47,850
बैंगलोर
₹ 59,070 ₹ 54,150
भोपाल
₹ 52,200 ₹ 47,850
भुवनेश्वर
₹ 59,070 ₹ 54,150
चंडीगढ़
₹ 59,220 ₹ 54,300
चेन्नई
₹ 52,285 ₹ 47,927
कोयंबटूर
₹ 59,350 ₹ 54,440
दिल्ली
₹ 59,220 ₹ 54,300
फरीदाबाद
₹ 52,150 ₹ 47,804
गुड़गांव
₹ 52,100 ₹ 47,758
हैदराबाद
₹ 59,070 ₹ 54,150
जयपुर
₹ 59,220 ₹ 54,300
कानपुर
₹ 52,290 ₹ 47,932
केरल
₹ 59,070 ₹ 54,150
कोच्चि
₹ 52,290 ₹ 47,932
कोलकाता
₹ 59,070 ₹ 54,150
लखनऊ
₹ 59,220 ₹ 54,300
मदुरई
₹ 59,350 ₹ 54,440
मंगलूरु
₹ 59,070 ₹ 54,150
मेरठ
₹ 52,275 ₹ 47,918
मुम्बई
₹ 59,070 ₹ 54,150
मैसूर
₹ 59,070 ₹ 54,150
नागपुर
₹ 59,070 ₹ 54,150
नासिक
₹ 59,100 ₹ 54,180
पटना
₹ 59,120 ₹ 54,200
पुणे
₹ 59,070 ₹ 54,150
सूरत
₹ 59,120 ₹ 54,200
वडोदरा
₹ 59,120 ₹ 54,200
विजयवाड़ा
₹ 59,070 ₹ 54,150
विशाखापट्टनम
₹ 59,070 ₹ 54,150

24 कैरेट और 22 कैरेट सोने में क्या अंतर होता है

सोने का कैरेट उसमें मिलाए गए अनुपात को दर्शाता है जो चांदी या सोने में पाया जाने वाला सोने के लिए होता है। कैरेट की संख्या सोने में मिलीग्राम में वजन को दर्शाती है। इसलिए, जितना अधिक कैरेट सोने में होगा, सोना उतना ही अधिक शुद्ध और मूल्यवान होगा।

24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला सोना होता है। इसमें सोने का 100% हिस्सा होता है। दूसरी ओर, 22 कैरेट सोना अधिक टंकण शक्ति वाला होता है, जिसका मतलब है कि इसमें अन्य मिश्रण भी होते हैं, जो सोने को 24 कैरेट से कम शुद्ध बना देते हैं।

इसलिए, जब भी सोने की खरीदारी की बात आती है, लोग अक्सर 24 कैरेट सोना खरीदना ही पसंद करते हैं। इसका मुख्य कारण है उसकी शुद्धता और बेहतर मान।

हालांकि, 22 कैरेट सोना भी अपनी जगह मूल्यवान है। यह अधिक टंकण शक्ति के कारण आम तौर पर दूसरे सोने से भी ज्यादा उपयोग में आता है।लेकिन, सोने का चयन खरीदार के बजट, उपयोग, और शुद्धता आदि कई तत्वों पर निर्भर करता है।

यदि किसी व्यक्ति का बजट कम हो तो उन्हें 22 कैरेट सोना खरीदने की सलाह दी जाती है। यह सोना सस्ता होता है और अधिक टंकण शक्ति वाला होता है, जिससे इसका उपयोग दैनिक उपयोगों में आसान होता है।

वहीं, 24 कैरेट सोना बहुत ही उच्च मूल्य वाला होता है जो कि शुद्धता और मान के आधार पर बनता है। यह सोना स्पेशल उपकरणों, जैसे अंगूठी, हार, या कुंडन जैसी आभूषणों के लिए अधिक उपयोग में आता है।

अधिकतर लोगों के लिए, सोने का चयन उनके उपयोग और बजट पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, कुछ लोग त्योहारों या शादियों के लिए 24 कैरेट सोना खरीदना पसंद करते हैं, जबकि कुछ लोग दैनिक उपयोग के लिए 22 कैरेट सोना खरीदना पसंद करते हैं।

इसलिए, सोने का चयन करने से पहले, खरीदार को उनके उपयोग को ध्यान में रखते हुए अपने बजट का भी विचार करना चाहिए। शुद्धता भी एक अहम मानदंड है जिसे सोने के चयन में ध्यान में रखना चाहिए।

शुद्धता सोने के कैरेट में निर्भर करती है। शुद्धता को कैरेट में मापा जाता है। इस माप के अनुसार, 24 कैरेट सोना 100% शुद्ध होता है। इसके बराबर, 22 कैरेट सोने में सोने के 91.67% कैरेट होते हैं जो शुद्धता के आधार पर मूल्य निर्धारित करते हैं।

शुद्धता के अलावा, खरीदार को अपनी सोने की गुणवत्ता भी ध्यान में रखना चाहिए। सोने की गुणवत्ता को सोने की प्रति तौल मूल्य द्वारा निर्धारित किया जाता है। सोने की गुणवत्ता का मूल्य सोने के प्रति तौल मूल्य से अधिक होता है तो उस सोने की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसलिए, सोने के खरीदार को सोने के प्रति तौल मूल्य वाले सोने को चुनने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा, सोने की सामान्य गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उसका रंग, चमक, और टेक्सचर भी महत्वपूर्ण होता है। सोने का रंग चांदी की तुलना में गहरा होता है और यह सोने की गुणवत्ता का एक महत्वपूर्ण मापदंड है।

अधिक गहरा सोने का रंग, उसकी गुणवत्ता को बढ़ाता है। चमक और टेक्सचर भी सोने की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। चमक सोने को बेहतर बनाती है जबकि टेक्सचर सोने के रंग और चमक को प्रभावित करती है।

अंत में, सोने का चयन करने से पहले, खरीदार को उनके उपयोग को ध्यान में रखते हुए अपने बजट का भी विचार करना चाहिए। शुद्धता, कैरेट, गुणवत्ता, रंग, चमक, और टेक्सचर सोने की महत्वपूर्ण गुणवत्ताओं हैं जो सोने के मूल्य को प्रभावित करती हैं।

सोने के दाम प्रतिदिन कम ज्यादा क्यों होते है

आजकल हम सभी अपने आसपास के बाजारों में सोने की कीमतों में रोजाना बदलाव देखते हैं। कभी-कभी सोने की कीमत अधिक होती है जबकि कभी-कभी यह कम होती है। यह बात हमें आश्चर्यजनक लगती है क्योंकि हमें लगता है कि सोने की कीमतों को स्थिर होना चाहिए। लेकिन इसका कारण बहुत से अंतर्निहित कारकों से प्रभावित होता है।

पहला कारक है सोने की मांग और उपलब्धता। सोने की मांग के अनुसार कीमत उतार-चढ़ाव करती है। अगर सोने की मांग ज्यादा होती है तो कीमत बढ़ जाती है जबकि सोने की मांग कम होने से कीमत में गिरावट देखी जाती है।

दूसरा कारक है सोने के उपयोग के उद्देश्य। सोने के उपयोग के उद्देश्य उसकी कीमत पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। अगर सोने का उपयोग आर्थिक उद्देश्यों के लिए हो रहा है तो कीमत ज्यादा होगी जबकि सोने को सुविधाजनक उपयोग के लिए खरीदा जाता है तो कीमत कम होती है।

तीसरा कारक है भारत में सोने की खरीद और बिक्री अधिक होना। भारत में सोने की अधिक खरीद और बिक्री के कारण भी सोने की कीमतों में अंतर आता है। भारत में सोने को धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है, जो सोने की मांग को बढ़ाते हैं।

सोने की कीमत विदेशी मुद्राओं के उच्च और निम्न मूल्यों पर भी प्रभावित होती है। अगर विदेशी मुद्राओं के मूल्य बढ़ते हैं तो सोने की कीमत भी उच्च होती है।

अंततः, सोने की कीमतों में बदलाव के पीछे और भी कारण हो सकते हैं जैसे सोने की उत्पादन प्रक्रिया में कोई बदलाव, सोने की गुणवत्ता या किसी भावी घटना की आशंका।

इसलिए, सोने की कीमतों में रोजाना बदलाव होना आम बात है। हालांकि, यदि आप सोना खरीदने का विचार कर रहे हैं तो समय-समय पर बाजार के दरों की जांच करना उचित होगा ताकि आप सोना सबसे अच्छी कीमत पर खरीद सकें।

सोने के दाम भारत के प्रत्येक शहरों में अलग अलग क्यों होते है

भारत में सोने की कीमत न केवल शहर में, बल्कि एक ही शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में भी अंतर होता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते है, जो नीचे प्रदर्शित किये गए है-

पहला कारण है दुकानदारों की भिन्न दरें। हर शहर और हर क्षेत्र में अलग-अलग सोने की दुकानें होती हैं जो खुद अपनी दरें तय करती हैं। उन्हें उनकी स्थानीय मार्केट और उनकी स्थानीय ग्राहकों की मांग के आधार पर अपनी कीमतें तय करनी पड़ती हैं।

दूसरा कारण हो सकता है बाजार भाव विभिन्न निर्धारणों से प्रभावित होना। सोने की कीमत विश्व बाजार में प्रतिदिन बदलती रहती है जो देश के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध सोने की कीमतों में अंतर पैदा करती है।

तीसरा कारण है भावी मूल्यों की आशंका। यह उन स्थानों में अधिक संभव है जहाँ सोने की मांग अधिक होती है जैसे कि उत्तर भारत में। सोने के दाम में बदलाव उस वक्त हो सकता है जब आयात रुख में सोने की कमी होती है या जब सोने का उत्पादन कम होता है।

इनके अलावा, सोने के दामों में अंतर उत्पादकों की आपसी प्रतिस्पर्धा से भी होता है। एक से अधिक सोने के उत्पादकों के होने से उत्पादकों को अपनी उत्पादों की बिक्री के लिए उचित मूल्य तय करने की जरूरत होती है। इसके अलावा, सोने के बाजार में बैंकों, सरकार और विभिन्न वित्तीय संस्थाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है।

इसके साथ ही, सोने की मांग में भी बदलाव सोने के दामों में अंतर उत्पन्न करती है। सोने का उपयोग गहनों और आभूषणों के निर्माण के लिए किया जाता है और इसे खरीदने वालों की मांग तथा उपयोग दोनों पर निर्भर करता है। इन सभी कारणों से सोने के दाम भारत में प्रत्येक शहर और क्षेत्र में अलग-अलग होते हैं।

सोने के दाम में भारी गिरावट कब होती है

सोने के दाम में भारी गिरावट कई कारणों से हो सकती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कारण सोने के आयात में बदलाव होना होता है। यदि देश में सोने के आयात में कमी होती है तो सोने के दाम में वृद्धि होती है। इसके उलटे, यदि सोने के आयात में बढ़ोतरी होती है तो सोने के दाम में कमी आती है।

सोने के दाम में भारी गिरावट मुख्य कारण है सोने की मांग में कमी होना। जब सोने की मांग कम होती है, तो उत्पादकों को सोने की आपूर्ति को कम करने की आवश्यकता होती है जिससे सोने के दाम में गिरावट आती है। इसके अलावा, जब सोने का निर्यात बढ़ जाता है तो भी सोने के दाम में गिरावट आ सकती है।

अधिकतर समय में, सोने के दाम में बदलाव कोई अहम घटना से पहले या बाद में होता है। यदि कोई बड़ी अर्थव्यवस्था या वित्तीय संकट आता है तो सोने के दामों में गिरावट हो सकती है। इसके उलटे, यदि कोई बड़ी अर्थव्यवस्था या वित्तीय संकट समाप्त होता है तो सोने के दाम में वृद्धि होती है।

भारत में सोने का भाव कौन तय करता है

सोने के भाव भारत में एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा नियामक तय किए जाते हैं। यह संगठन भारतीय बाजार में मांग-आपूर्ति, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बाजार की स्थिति (मुद्रास्फीति या अपस्फीति) के मद्देनजर सोने के भाव निर्धारित करता है। इसके अलावा, यह लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) के साथ सामंजस्य भी बिठाता है।

अनौपचारिक रूप से, एलबीएमए, एमसीएक्स (भारत), टोकोम (टोक्यो), कॉमैक्स (न्यूयॉर्क) और एसजीई (शंघाई) जैसी राष्ट्रीय स्तर की इकाईयों द्वारा लिए गए सोने के भाव फैसलों पर व्यवधान नहीं उत्पन्न करते हैं। ये सोने के वायदा बाजार और हाजिर बाजार दोनों की कीमतों का निर्धारण करते हैं।

भारत में सोने का भाव दो तरह से तय होता है

भारत में सोने का भाव दो तरीके से तय किया जाता हैं – फ्यूचर मार्केट (वायदा बाजार) और स्पॉट प्राइस (हाजिर सर्राफा)। दोनों का भाव अलग-अलग होता हैं। आम उपभोक्ताओं का वास्ता स्पॉट प्राइस से पड़ता है। जबकि फ्यूचर मार्केट कारोबारियों के लिए होता है। सोने के भाव में सबसे अधिक उतार-चढ़ाव फ्यूचर मार्केट में देखने को मिलता है।

24ct gold price और 22ct gold price में कितना अंतर होता है

24 कैरट सोने को शुद्ध सोना माना जाता है और इसमें 99.9% सोना होता है। वहीं, 22 कैरट सोने में 91.67% सोना और 8.33% अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं। एक ग्राम पर इन दोनों की कीमतों में 400 से 600 रुपए का अंतर होता है। 22 कैरेट सोने की तुलना में 24 कैरेट सोना 1 ग्राम पर 400 से 600 रुपए तक महंगा होता है।

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