Tulsi Pujan Diwas: सनातन धर्म में, तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। अधिकांश हिंदू घरों में तुलसी का पौधा अवश्य पाया जाता है। लोग सुबह उठकर स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हैं और पूजा करते हैं। इस पौधे को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त है। घर में तुलसी का पौधा लगाने और उसकी पूजा करने से नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख और सौभाग्य आता है। इसी कारण से 25 दिसंबर तुलसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसे तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार, जो भी इस दिन तुलसी की पूजा करता है, उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और उसके घर में सुख-समृद्धि और बरकत बढ़ती है।
तुलसी पूजन का महत्व (Importance of Tulsi worship)
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत ही पवित्र स्थान है। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसके अलावा द्वापर युग में श्रीकृष्ण तुलसी को अपनी सखी मानते थे और वह श्रीहरि की प्रिय भी हैं। अत: तुलसी की पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है। तुलसी का पौधा आमतौर पर हिंदू घरों में पाया जाता है और सनातन धर्म में इसके लिए एक विशेष दिन निर्धारित किया गया है। इस दिन को ‘तुलसी पूजा दिवस’ कहा जाता है और यह 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी का नया पौधा लगाकर उसमें जल चढ़ाना चाहिए और पूजा करनी चाहिए। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और इस पौधे की पत्तियों का सेवन करने से कई बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।
जानें तुलसी पूजा के नियम (Rules of tulsi puja)
तुलसी पूजा के लिए रोज सुबह उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद तुलसी के पौधे पर सिन्दूर और रोली का तिलक लगाएं। पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। साथ ही तुलसी स्तोत्र का पाठ करें। तुलसी जी की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं। अंत में अपनी इच्छा तुलसी माता के सामने रखें। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाती है और तुलसी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तुलसी पूजन पर करें ये काम (Do this work during Tulsi puja)
तुलसी पूजा के दिन तुलसी जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी का नया पौधा लगाएं। अगर घर में पहले से ही कोई पौधा है तो उसकी भी पूजा की जा सकती है, हालांकि सूखे पौधे को हटा देना चाहिए। तुलसी के पौधे की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद अपनी मनोकामनाएं तुलसी माता को अर्पित करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी हो जाती हैं। इस दिन “नमष्टक वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी, पुष्पसारा नंदनीया तुलसी कृष्ण जीवनि, एतभामांष्टक चैव स्त्रोतम् नमार्थं संयुतम” का पाठ अवश्य करें।
तुलसी मंत्र (Tulsi Mantra)
- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते..
तुलसी के पत्ते या पौधे को छूते समय इस मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंत्र से पहले रखें इन बातों का ध्यान (Point Keep In Mind Before Chanting Tulsi Mantra)
1. कहा जाता है कि तुलसी मंत्र का जाप करने से पहले अपने इष्टदेव की पूजा अवश्य करें। इसके बाद ही तुलसी मंत्र का जाप करना चाहिए।
2. तुलसी मंत्र का जाप करने से पहले तुलसी को प्रणाम करें और पौधे को शुद्ध जल अर्पित करें।
3. इसके बाद तुलसी जी का श्रृंगार अवश्य करें। श्रृंगार में हल्दी और सिन्दूर लगाएं। इसके बाद तुलसी जी के सामने घी का दीपक, धूपबत्ती और अगरबत्ती जलाएं।
4. फिर उनके सामने 7 बार परिक्रमा करें और ऊपर बताए गए मंत्र का जाप करें। इसके बाद तुलसी जी को स्पर्श करें और अपनी सभी मनोकामनाएं कहें।
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