शनि दोष क्या है? शनि दोष कैसे चेक करे (Shani Dosh Kaise Check Kare) – ‘शनि’ यह शब्द सुनते ही किसी समस्या की अनुभूति होती है. ज्योतिष में शनि को एक क्रूर ग्रह माना गया है. साथ ही, वहीं राहु व केतु की तरह ही इसे भी दुख का कारक माना जाता है. ये पाप और पुण्य के आधार पर फल देने वाला ग्रह है. इसे शनिदेव या शनि भगवान के रूप में भी जाना जाता है. इन्हें बहुत ही गुस्सैल माना जाता है, जिस पर भी इनकी टेढ़ी नजर पड़ती है, उनके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं.
शनिदेव या शनि ग्रह द्वारा शनि दोष (Shani Dosh) उत्पन्न होता है. ज्योतिष शास्त्र में शनि दोष को बहुत ही कष्टदायक दोष माना गया है, क्योंकि जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष उपस्थित होता है उसका जीवन कठिनाइयों से भर जाता है और वह जीवन में तरह-तरह के परेशानियों से जूझते रहता है.
शनि दोष (Shani Dosh) का प्रभाव इतना बुरा होता है कि आसमान पर बैठा व्यक्ति भी जमीन पर आ जाता है. साथ ही उसे मानसिक कष्ट, शारीरिक कष्ट, आर्थिक कष्ट और गृह-क्लेश जैसे कई कष्टदायक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनि का बुरा प्रकोप बहुत ही खतरनाक होता है, ये इंसान को अंदर तक तोड़ कर रख देता है.
क्योंकि शनि वह देवता है जिनके नाम से देवता भी भयभीत हो जाते है, क्योंकि वे देवताओं को भी नहीं बख्शते. कहा जाता है कि शनि देव की वजह से ही गणेश जी का सिर कटा था, भगवान श्रीराम को वनवास हुआ था, रावण का वध हुआ था, पांडवों को वन गमन हुआ था और राजा हरीशचंद्र को दर-दर की ठोकरें खाना पड़ा था.
शनिदेव न्याय के देवता है. भगवान शिव ने शनिदेव को नवग्रहों में न्यायाधीश का काम सौंपा है. जो लोग अनुचित विषमता व अस्वाभाविकता और अन्याय को आश्रय देते हैं, शनि केवल उन्हीं को प्रताड़ित करता है. शनिदेव का मुख्य काम प्रकृति में संतुलन पैदा करना है, इसलिए वे हर प्राणी के साथ न्याय करते है.
यदि व्यक्ति शनि दोष (Shani Dosh) या शनिदेव के बुरे प्रकोप से बचना चाहते है तो उन्हें अच्छे कर्म और सत्कर्म करने चाहिए. शनि जिम्मेदारी, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है. जो लोग जिम्मेदारी और दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करते है शनि उन्हें शुभ फल भी देता है. लेकिन जो लोग बुरे कर्म, अधर्म करते है शनि उनका जीवन कठिनाइयों से भर देता है.
शनि देव की नाराजगी आमतौर बहुत ही खतरनाक मानी जाती है, क्योंकि शनि का प्रकोप एक या दो दिन, या एक-दो महीने का नहीं होता है, बल्कि ढाई से साढ़े सात साल तक होता है. इस दौरान शनि दोष (Shani Dosh) से पीड़ित लोगों को बहुत ही कष्टदायक जीवन व्यतीत करना पड़ता है, कई दर्दनाक परेशानियों से गुजरना पड़ता है.
शनि न्यायप्रिय देवता हैं, यह अच्छे के साथ अच्छा तो बूरे के साथ बूरा परिणाम देते हैं. लेकिन कई बार अनजाने में हुई गलतियों के कारण भी लोगों को शनि दोष (Shani Dosh) लग जाता है. तब से उन लोगों के जीवन में तरह-तरह की समस्याओं का आगमन शुरू हो जाता है.
शनि दोष क्या है, शनि दोष कैसे चेक करे
कहा जाता है कि शनिदेव का विवाह ‘चित्ररथ’ नामक गंधर्व की पुत्री से हुआ था, जो स्वभाव से बहुत ही उग्र थी. एक बार जब शनिदेव भगवान की आराधना कर रहे थे, तब उनकी पत्नी ऋतु स्नान के बाद मिलन की कामना से उनके पास पहुंची. लेकिन शनि भगवान भक्ति में इतने लीन थे कि उन्हें इस बात का जरा भी पता ही नहीं चला.
जब शनिदेव का ध्यान भंग हुआ तब तक उनकी पत्नी चित्ररथ का ऋतुकाल समाप्त हो चुका था. इससे क्रोधित होकर उन्होने शनिदेव को श्राप दे दिया कि आपने अपनी पत्नी तक को कभी प्रेम से नहीं देखा. अब आप जिसे भी देखेंगे, उसका कुछ न कुछ बुरा जरुर होगा. इसी कारण शनिदेव जिस पर भी दृष्टि डालते है, उसे शनि दोष (Shani dosh) लग जाता है.
क्या होता शनि दोष है? शनि देव की नाराजगी को ही शनि दोष के नाम से जाना जाता है. जब शनि देव किसी से नाराज होते है तो उन पर शनि का बुरा प्रकोप छा जाता है, अर्थात उनकी कुंडली में शनि दोष उत्पन्न हो जाता है. शनि दोष को आप ‘पाप और बुरे कर्मो का दंड’ समझ सकते है. जैसी करनी वैसी भरनी के सिद्धांत पर शनिदेव न्याय करते है और दंड देते हैं.
अगर आप अच्छे कर्म कर रहे हैं तो आपको शनि दोष का कोई खतरा नहीं है, शनि से खतरा उन लोगो को अधिक रहता है जो बुरे कर्म करते हैं, जो गरीबों-असहायों-मजदूरों पर अत्याचार करते हैं. शनि ऐसे ही लोगों को दंड देते हैं और उनकी जिंदगी में कोहराम मचा देते हैं.
शनि दोष कैसे बनता है
- कुंडली का चौथा भाव जिसे सुख भाव कहते हैं, इस भाव में शनि का होना अशुभ माना जाता है.
- शनि का राहु और मंगल के साथ होने से दुर्घटना का प्रचंड दुर्योग बनता है.
- शनि का सूर्य के साथ संबंध होने से कुंडली में दोष पैदा होता है.
- वृश्चिक राशि या चंद्रमा से शनि का संबंध होने पर कुंडली में विष योग का निर्माण होता है.
- शनि अगर अपनी नीच राशि मेष में हो, तो भी जातक को इसके नकारात्मक फल प्राप्त होते हैं.
शनि की साढ़ेसाती क्या है (Shani ki sadhe sati)
यदि शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के बारहवें, पहले, दूसरे और जन्म के चंद्रमा के ऊपर से गुजरता है, तो इसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है. आमतौर पर लोग शनि की साढ़े साती को ‘कुंडली में शनि भारी होना‘ कहते है. जब किसी व्यक्ति के कुंडली में शनि भारी होता है तो उसका जीवन कठिनाइयों से भर जाता है और व्यक्ति को कई दर्दनाक परेशानियों से गुजरना पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साढ़े सात साल तक चलने वाली दशा को ‘शनि की साढ़े साती’ की दशा कहा जाता है. अन्य ग्रहों की तुलना में शनि की गति सबसे धीमी होती है. शनि 12 राशियों में घुमने के लिए 30 वर्ष का समय लेता है यानी शनि एक राशि में कम से कम ढाई साल तक रहता है. ढाई साल की इस स्थिति को ‘ढैय्या’ भी कहा जाता है. उसके बाद शनि दूसरी राशि में प्रवेश करता है, शनि एक साथ तीन राशियों को प्रभावित कर सकता हैं.
शनि की साढ़ेसाती को तीन चरणों में बाटा गया है. पहला चरण धनु, वृषभ, सिंह राशियों के लिए कष्टकारी होता है. दूसरा चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए कष्टकारी होता है और तीसरा चरण मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन राशियों के लिए कष्टकारी माना गया है.
शनि दोष के लक्षण (Shani dosh lakshan)
यदि किसी व्यक्ति में नीचे दिए गए लक्षण दिखाई देते है, तो उस व्यक्ति को शनिदोष (शनि की साढ़ेसाती) की जांच जरुर कराना चाहिए. क्योंकि इंसान पर शनि दोष का असर इतना अशुभ होता है कि आसमान पर बैठा इंसान जमीन पर आ जाता है. अर्थात, यह दोष व्यक्ति से सब कुछ छीन कर चला जाता है.
- समय से पहले आँखें कमजोर होना.
- कम उम्र में अत्यधिक बाल झड़ना.
- माथे का रंग काला सा पड़ जाना.
- सर में अधिक दर्द रहना.
- व्यापार में नुकसान होना, धन हानि होना.
- अचानक नौकरी छूट जाना या नौकरी से निकाला जाना.
- बहुत ज्यादा कर्ज होना और उसे उतारने में असमर्थ होना.
- विवाह होते ही आर्थिक स्थिति कमजोर होना.
- व्यक्ति का प्रॉपर्टी संबंधित विवाद होना.
- अनैतिक संबंधों में फंसना.
- पार्टनर से ब्रेकअप होना.
- लड़ाई-झगड़े व एवं इस तरह के चक्कर में फंसना.
- कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसना.
- बनते काम बिघड जाना.
- पारिवारिक जीवन में फूट पड़ना
- विवाह आदि शुभ कार्यों में बाधाएं आना.
- मकान का क्षतिग्रस्त होना या मकान का गिरना.
- घर की दीवारों पर बार-बार पीपल के पौधे उगना.
- घर या दुकान में अचानक आग लगना.
- मानसिक स्थिति बिगड़ना.
- व्यक्ति को अपयश का सामना करना पड़ना.
- दुर्घटना में अपंग होना या मौत हो जाना.
- सांस लेने में तकलीफ होना.
- हड्डियाँ कमजोर होना.
- पैरों से संबंधित कोई बीमारी होना.
- शरीर में रक्त की कमी होना.
- पेट से संबंधित बिमारी होना.
- व्यक्ति लगातार बीमार रहना.
- नास्तिक होना या भगवान का हर बात में मजाक बनाना.
- कुत्ते का काटना या किसी जानवर द्वारा हमला होना.
- अपने से बड़े-बुजुर्गों का अपमान करना.
- घर के काले रंग के पालतू जानवरों की मृत्यु होना.
- चोरी करना, जुआ खेलना और सट्टे लगाना.
- मस्तिष्क में सदैव द्वन्द रहना.
- धर्म से जुड़े कामों में जाने का मन नहीं करना.
- जरूरत से ज्यादा आलसी होना.
- मन में लालच भी बढ़ जाना.
- झूठा आरोप लगना या अपमानित होना.
- कार्यस्थल पर डिमोशन होना.
- समाज में आपका मान-सम्मान कम होने लगना.
- जूते चप्पल का बार-बार टूटना, चोरी होना.
- महंगी चीज खो जाना या चोरी हो जाना.
- काली बिल्लियों का आपके घर के आस-पास रहना.
इन लक्षणों के आधार पूर्णता यह पता नहीं लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष (शनि की साढ़ेसाती) उपस्थित है या नहीं. लेकिन आप चिंता न करे, क्योंकि शनि दोष कैसे चेक करे (Shani Dosh Kaise Check Kare) के बारे में नीचे जानकारी दी गई है, जिसे फॉलो करके आप यह पता लगा सकते हैं कि आपकी कुंडली में शनि दोष है या नहीं.
शनि दोष के उपाय (Shani dosh upay)
जब कोई व्यक्ति शनि की ग्रह दशा (Shani dosh) से पीड़ित होता है तो वह शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या से पीड़ित होता है. अगर कोई व्यक्ति शनि दोष (शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या) से पीड़ित है और वह शनि दोष निवारण के बारे में सोच रहा है, तो वह नीचे दिए गए शनि दोष से राहत पाने के उपाय आजमा सकता है.
➱ प्रत्येक शनिवार को 11 बार महाराज दशरथ द्वारा लिखा गया ‘दशरथ स्तोत्र’ का पाठ करे. शनिदेव ने स्वयं दशरथ जी को यह वरदान दिया था कि जो व्यक्ति आपके द्वारा लिखे गये स्तोत्र का पाठ करेगा उसे मेरी दशा के दौरान कष्ट का सामना नहीं करना होगा.
➱ कुंडली से शनि दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार को बहते जल में काले तिल प्रवाहित करने चाहिए.
➱ शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने के पश्चात कच्चे दूध में थोड़े से काले तिल मिलाकर उसे पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए, ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का आगमन होगा.
➱ कुंडली से शनि दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें. इसके साथ ही सरसों का दीपक जलाएं.
➱ शनि दोष का अशुभ प्रभाव कम करने के लिए शनिवार के दिन लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करें.
➱ शनिवार के दिन मछलियों को आटा खिलाएं, इससे शनिदोष का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है.
➱ काले तिल और काली उड़द दाल को काले कपड़े में बांधकर हर शनिवार गरीब या किसी जरूरतमंद को दान करना चाहिए, इससे घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
➱ शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के जड़ में पानी अर्पित करें और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक में थोड़ी सी काली तिल भी डाल लें.
➱ शनिदेव प्रत्येक शनिवार के दिन के दिन पीपल के वृक्ष में निवास करते हैं. इसदिन जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके तीन परिक्रमा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
➱ हर रोज एक लोटा साफ जल शिवलिंग पर चढ़ाते हुए ‘नम: शिवाय ऊं नम: शिवाय’ का जाप करना चाहिए, इसके बाद शिवलिंग पर शमी का फूल और बेलपत्र भी अर्पित करना चाहिए, इससे शनिदोष के प्रकोप से बचा जा सकता है.
➱ मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में तिल का दीया जलाने से शनि दोष की पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
➱ शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष के कारण प्राप्त होने वाले कष्ट में कमी आती है.
➱ हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से आजाद कराया था, इसलिए शनिदेव ने यह वचन दिया था कि जो भी हनुमान जी की पूजा करेगा मैं उसे कभी कष्ट नहीं दूंगा.
➱ रोजाना भगवान शिव की उपासना करने और नियम से शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती है.
➱ चंदन की जड़ को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए, ऐसी मान्यता है कि इस उपाय को 41 दिन करने से शनि दोष का अशुभ प्रभाव खत्म होता है.
➱ अमावस्या की तिथि पर नजदीकी किसी नदीं में जाकर स्नान करें और गरीब लोगों को दान करें, इससे शुभ फल प्राप्त होता है.
➱ सावन में शनिवार के दिन शनि देव के मंत्र ऊं शं शनैश्चराय नमः का 108 बार रूद्राक्ष की माला से जाप करें. साथ ही शनि देव को नीले रंग के फूल भी अर्पित करें. ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
शनि दोष निवारण मंत्र तथा शनिदेव को खुश करने के लिए मंत्र
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. शनिवार के दिन शनि दोष के निवारण के लिए किए गए उपाय कारगर साबित हो सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन सच्चे मन से शनिदेव की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही निम्नलिखित मंत्रो का जाप भी शनिवार के दिन ही करे.
शनि दोष निवारण मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
नौकरी और व्यापार के लिए शनि मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः।।
सेहत के लिए शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया।
कंकाली कलह साउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।शनि देव का बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनिचर पुराणोक्त मंत्र
सूर्यपुत्रो दीर्घेदेही विशालाक्ष: शिवप्रिय: द
मंदचार प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि:श्री शनि व्यासविरचित मंत्र
ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।
शनि दोष कैसे चेक करे (Shani Dosh Kaise Check Kare)
शनि दोष कैसे चेक करें? – अगर आप इस वेबसाइट के माध्यम से आपकी कुंडली में शनि दोष (शनि की साढ़ेसाती) है या नहीं यह पता लगाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में इस तरह कमेंट करें-
- नाम: विकाश
- जन्म तारीख: 14/07/1990
- जन्मसमय 2.30 PM – मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
अथवा
- Name: Vikash
- DOB: 14-07-1990
- Birth Time: 2.30 PM
- Birth Place: Mumbai, Maharashtra India
इस तरह कमेंट बॉक्स में जन्मतिथि (जन्मतारीख+जन्मसमय+जन्मस्थान) से संबंधित जानकारी देने के बाद 12 घंटे के अंदर आपको बता दिया जाएगा कि आपकी कुंडली में शनि दोष है या नहीं.
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में हमने ‘शनि दोष (Shani Dosh) क्या है, शनि दोष कैसे चेक करें‘ साथ ही ‘शनि दोष के लक्षण और शनि दोष के उपाय’ से संबंधित जानकारी दी है. हमें पूरी उम्मीद है कि यह जानकारी कई लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी.
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Disclaimer – This information is taken from internet and this information is based on general assumptions. If you want to do any activity related to ‘Shani Dosh Kaise Check Kare’ or this article, then consult a good astrologer. Because Abletricks.Com does not confirm this.
Mera shadi chek kare mere kundli me hai ya nahi
Naam – Harish shah
Janm tarikh – 14-12-1989
Time – 12 AM
janm sthan -Kutiyana, Gujarat
Date: 03-Sep-22 – इस समय आपकी कुंडली में शनि दोष उपस्थित है.
Sunil Kumar
21/12/1978
6.45a.m
Gurgaon haryana
5-Sep-2022 – इस समय आपकी कुंडली में शनि दोष उपस्थित नहीं है.
Name: Uttam Kumar
DOB: 12-07-1992
Birth Time: 5:03 AM
Birth Place: Raipur, State Madhya Pradesh Present State Chhattisgarh India
8-Sep-2022 – इस समय आपकी कुंडली में शनि दोष उपस्थित नहीं है.
Name Kanhaiya rawani
Dob 15,8,1987
Din Sunday time subah 4 am
कृपया जन्मस्थान बताना आवश्यक है.