पितृ दोष क्या है, पितृ दोष कैसे चेक करें (Pitra Dosh Kaise Check Kare) – हर इंसान समस्याओं से घिरा हुआ है, तो क्या ये समस्याएं किसी दोष से जुड़ी हो सकती हैं? बिल्कुल हो सकती है, इसलिए दोषों की जांच करना आवश्यक है. इस लेख में हम पितृ दोष (Pitra Dosh) के बारे में बात कर रहे है. कालसर्प दोष की तरह यह दोष भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है, आपके सामने भयावह स्थिति ला सकता है. इसलिए, पितृ दोष की जांच करके उसका निवारण करना बहुत जरुरी है.
परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है, या यदि किसी की समय से पहले (अकाल) मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार के लोगों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष (Pitra Dosh) का सामना करना पड़ता है. लेकिन पितृ दोष लगने के पीछे केवल यहीं 2 ही कारण नहीं है, बल्कि पितृ दोष कई कारणों से हो सकता है.
ज्योतिष में पितृ दोष (Pitru Dosh) को अशुभ और दुर्भाग्य का कारक माना गया है. यह दोष जिन लोगों की कुंडली में होता है उन्हें कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है. पितृ दोष हमारे पूर्वजों और कुल परिवार के लोगों से जुड़ा दोष है, लेकिन इसके भयानक असर देखने को मिलते है. यदि पितृदोष प्रथम स्तर पर होता है तो यह सबसे खतरनाक होता है, यह दोष व्यक्ति को इतना दु:ख दे सकता है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
पितृ दोष (Pitra Dosh) बहुत ही गंभीर और कष्टदायक दोष है, यह जिसकी कुंडली में होता है वह हमेशा मानसिक रूप से बीमार रहता है. इसके अलावा उसके साथ रहने वाले लोगों को भी कई तरह की दर्दनाक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह दोष न केवल अकेले व्यक्ति को बल्कि परिवार के सभी सदस्यों को आहत करता है और उनका जीना दुश्वार कर देता है.
पितृ दोष (Pitra Dosh) से प्रभावित व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों को कई तरह की पीड़ादायक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जैसे- संतान न होना या संतान का सुख न मिलना, संतान की मृत्यु होना, मंदबुद्धि संतान का जन्म होना, दुर्घटनाओं का शिकार होना, आकस्मिक एक के बाद एक रोग होना, शुभ कार्यों में विघ्न आना, परिवार में हमेशा कलह बने रहना, दाम्पत्य जीवन में हमेशा क्लेश रहना, व्यवसाय में हानि होगा, हर जगह असफल होना आदि.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष (Pitra Dosh) एक ऐसा दोष है जो एक साथ कई प्रकार के दु:ख देने की क्षमता रखता है. इन दुखों के कारण परिवार के सदस्यों को बहुत ही कष्टदायक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन परेशानियों के पीछे हमारे पूर्वजों (पितर देवों) का क्रोध होता है, जिससे पितृ दोष बनता है और हमारे जीवन में परेशानियों का आगमन शुरू हो जाता है.
हालांकि कुछ उपायों से पितरों के क्रोध को शांत भी किया जा सकता है, जिससे पितृ दोष (Pitra Dosh) का अशुभ प्रभाव कुछ हद तक कम होगा और आपको थोड़ी राहत मिलेगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष की अवधि पितृ दोष से निजात पाने के लिए सबसे उत्तम होती है. हर साल आश्विन मास की अमावस्या तिथि से 15 दिन के लिए पितृ पक्ष होता है.
पितृ पक्ष के दौरान आपको अपने पितरों को प्रसन्न करना होगा, जिससे पितर देव के साथ-साथ अन्य देवतागण भी प्रसन्न होगे और पितृ दोष (Pitra Dosh) का अशुभ प्रभाव कम हो जाएगा, जिससे आप पितृ दोष से होने वाली परेशानियों से मुक्त हो सकते है. तो आइये स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ते है और पितृ दोष क्या है, यह क्यों लगता है, पितृ दोष कैसे चेक करें और इससे कैसे बचे से संबंधित जानते है.
पितृ दोष क्या है? पितृ दोष कैसे पता करे
पितृ इस शब्द से ही पिता या पूर्वजो स्मरण होता है. दरअसल पितृ दोष (Pitra Dosh) पूर्वजो द्वारा उत्पन्न एक दोष है. यह दोष कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है. जैसे- पितरों का विधिवत अंतिम संस्कार और श्राद्ध न होना, पितरों की विस्मृति या अपमान करना या पितरों को कोसना, धर्म के विरुद्ध आचरण करना, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ को कटवाना, नाग की हत्या करना या फिर किसी से करवाना आदि.
इसके अलावा पितृ दोष इस कारण से भी बन सकता है, जैसे- यदि किसी पूर्वज ने अनैतिक रूप से धन एकत्र किया हो या अशुभ कर्म किए हों तो इसका दुष्प्रभाव आने वाली कई पीढ़ियों पर पड़ता है और वे पितृ दोष से उत्पन्न होनेवाले कष्टदायक परेशानियों से जूझते रहते है.
पितृ दोष के लक्षण
यदि परिवार के किसी एक सदस्य की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसका प्रभाव अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है. इसलिए निम्नलिखित लक्षणों के आधार पर पितृ दोष होने का अनुमान लगाए और जल्द से जल्द पितृ दोष का निवारण करे.
मनुष्य को जीवन में संतान का सुख नहीं मिल पाता है, यदि मिलता भी है तो कई बार संतान विकलांग होती है, मंदबुद्धि होती है या फिर चरित्रहीन होती है या फिर कई बार बच्चे की पैदा होते ही मौत हो जाती है. इसके अलावा पितृ दोष के लक्षण कुछ इस प्रकार के होते है-
- गर्भपात या गर्भधारण करने में समस्या होना या बच्चे की अकाल मृत्यु होना.
- परिवार में आपसी मतभेद और पति-पत्नी में अक्सर विवाद बना रहना.
- पारिवारिक अशांति, परिवार में अक्सर कलह बने रहना.
- बार बार बीमार पढ़ना या हमेशा परिवार का कोई न कोई बीमार रहना.
- अक्सर अपनों से ही धोका मिलना.
- मानसिक और शारीरिक संतुलन बिगड़ जाना.
- दूसरों पर डिपेंड रहना या कॉन्फिडेंस लेवल बहुत कम हो जाना.
- बात-बात पर क्रोध आना और समाज में प्रतिष्ठा कम होना.
- बार-बार चोट लगना या बार-बार दुर्घटना का शिकार होना.
- हमेशा किसी अनहोनी होने का डर लगा रहना.
- अपने आप पर विश्वास न रहना.
- मांगलिक कार्यों में बाधाएं आना.
- विवाह न होना या विवाह होने के बाद तलाक हो जाना.
- विवाहित जीवन में कलह निर्माण होना.
- नौकरी और व्यापार में कड़ी मेहनत करने के बावजूद हमेशा नुकसान होना.
- परीक्षाओं तथा साक्षात्कार में कड़ी मेहनत के बाद बार बार असफल होना.
- बनते काम बिगड़ जाना या हर जगह असफल होना.
- लंबे समय तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाना.
- धन में बरकत न होना या बेवजह धन की हानि होना.
- परिवार या घर मे मेहमानो का आना बंद होना.
- घर की दीवारों में दरारे आना.
इसके अलावा भी पितृ दोष (Pitra Dosh) के कई लक्षण होते हैं. अगर आपको अपने परिवार में ऐसे लक्षण दिखें तो आपको तुरंत पितृ दोष की जांच करवानी चाहिए. इसके लिए आप किसी अच्छे ज्योतिषी की मदद ले सकते हैं या हमारी इस वेबसाइट की मदद से पता लगा सकते हैं कि आपकी कुंडली में पितृ दोष है या नहीं. इस वेबसाइट की मदद से पितृ दोष कैसे चेक करें से संबंधित जानकारी आप इस लेख के अंत में जानेगे.
कुंडली में से पितृ दोष कैसे पता करे
पितृ दोष कैसे चेक करें? यदि आपको जन्म कुंडली का ज्ञान है तो आप अपनी कुंडली में कुछ इस तरह से पितृ दोष की जांच कर सकते हैं.
- ज्योतिष में सूर्य को पिता का और मंगल को रक्त का कारक माना गया है. जब किसी मनुष्य की जन्म कुंडली में ये दो ग्रह पाप भाव में होते हैं तो व्यक्ति का जीवन पितृ दोष (Pitra Dosh) के चक्र में फंस जाता है.
- कुंडली में राहु ग्रह यदि केंद्र स्थानों या त्रिकोण में हो और उनकी राशि नकारात्मक स्थित हों, तो ऐसे में पितृ दोष का बनता है.
- अगर राहु का संबंध कुंडली में सूर्य और चंद्र ग्रह से हो, तो ऐसे में पितृ दोष बनता है.
- अगर राहु का संबंध शनि या बृहस्पति से हो, तो ऐसे में पितृ दोष बनता है.
- राहु यदि द्वितीय या अष्टम भाव में हो, तो ऐसे में पितृ दोष बनता है.
- जन्म कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें, दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति स्थित हो, तो ऐसे में पितृ दोष बनता है.
- लग्नेश यदि छठे, आठवें, बारहवें भाव में हो और लग्न में राहु हो, तो ऐसे में पितृ दोष बनता है.
पितृ दोष निवारण कैसे करे
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष (Pitra Dosh) को सबसे बड़ा और सबसे खतरनाक दोष माना गया है. इसीलिए इस दोष का निवारण जल्द से जल्द कर लेना ही बेहतर होता है. अगर आप पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं या पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए उपायों को आजमा सकते हैं.
➱ पितृ पक्ष की अवधि पितृ दोष से निजात पाने के लिए सबसे उत्तम होती है. हर साल आश्विन मास की अमावस्या तिथि से 15 दिन के लिए पितृ पक्ष होता है. इस दौरान पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. इस बारे में धार्मिक मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान ऐसा करने से पितर देवों के साथ-साथ अन्य देवता भी प्रसन्न होते है.
➱ गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष में समस्त आत्माएं अपने परिजनों से भोजन और जल प्राप्त करने के लिए पृथ्वी पर आती हैं. इसलिए उनकी संतुष्टि के लिए मनुष्यों को श्राद्ध कर्म का विधान अपनाना चाहिए.
➱ आषाढ़ माह में पड़ने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से जाता है. इस दिन स्नान-दान के साथ पितरों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है. इस दिन तर्पण और श्राद्ध करने से पितरों को मुक्ति मिलती हैं और वह प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
➱ जब पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को अपने घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर, रोजाना उनकी पूजा करनी चाहिए, इससे पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है.
➱ पितृ पक्ष में गया जाकर अपने पूर्वजों या पितरों के नाम का श्राद्ध या पिण्ड दान करना चाहिए, इससे पितृ शांत होते है और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है.
➱ कुंडली से पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम करने के लिए अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए. श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का स्मरण करके गायों को चारा खिलाना चाहिए, इससे पितर देव प्रसन्न हो जाते है.
➱ यदि आप श्राद्ध नहीं करते हैं, तो पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें, ऐसा करने से भी पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है
➱ कुंडली में पितृ दोष होने पर व्यक्ति को दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो लगाकर उस पर रोजाना माला चढ़ाकर पितरों का स्मरण करना चाहिए, इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलने के साथ ही पितृदोष का अशुभ प्रभाव कम होने लगेगा.
➱ पितृ दोष से निजात पाने के लिए प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करें, ऐसा करने से भी पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है.
➱ पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को ऐसे मंदिर में जाना चाहिए जहाँ पीपल का पेड़ मौजूद हो. हर रोज पीपल के पेड़ पर दूध-जल मिलाकर अर्पित करें और शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाये. इस उपाय से सारे पितृ देव प्रसन्न हो जाते और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव खत्म होने लगता है.
➱ पितरों की मृत्यु की तिथि पर ब्राह्मणों को श्रद्धा से भोजन कराएं और यथासंभव दान भी करें, इससे पितृ देव प्रसन्न हो जाते और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव खत्म होने लगता है.
➱ पितृ अमावस्या या जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई है, उस तिथि पर ‘पितृ दोष शांति पूजा’ विधिवत करनी चाहिए, इससे पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है.
➱ पितृ दोष को ख़त्म करने के लिए हर अमावस्या पर अपने पूर्वजों और पितरों के नाम से दवा, वस्त्र एवं भोजन का दान करना चाहिए, इससे आपको लाभ होगा.
➱ घर के आसपास मौजूद पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल चढ़ाएं. साथ ही पुष्प, अक्षत, दूध, गंगा जल और काले तिल भी अर्पित करें और हाथ जोड़कर पूर्वजों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें और उनसे अपने सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद मांगें.
➱ कुंडली से पितृ दोष दूर करने के लिए किसी गरीब कन्या का विवाह करने या फिर विवाह में मदद करने से भी लाभ हो सकता है.
➱ प्रत्येक अमावस्या को श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ करें और पितरों का ध्यान कर वस्त्र और अन्न का दान करें, इससे आपको काफी लाभ होगा.
➱ अमावस्या के दिन पूर्वजों के नाम से दूध, चीनी और सफेद कपड़ा मंदिर में गरीब और असहाय लोगों को दान दें, इससे पितर देव खुश होते हैं और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है.
➱ पितृ दोष के मुक्ति के लिए अपने कुलदेवता और इष्ट देव की सदा पूजा करते रहें. साथ ही माता-पिता और उनके समान बुजुर्ग व्यक्तियों का हमेशा सन्मान करे, इससे पितर देव प्रसन्न होते है और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है.
➱ पितृ दोष के निवारण के लिए पूजा के बाद अपने पितरों से आपसे हुई भूल-चूक की क्षमा जरुर मांगे, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है.
➱ पितृ दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव से जुड़े उपाय काफी कारगर माने जाते हैं. इसलिए सोमवार की सुबह स्नान करके शिव मंदिर में जाएं और 21 फूल, दही, बिल्वपत्र से भगवान शिव की पूजा करें. ऐसा माना जाता है कि 21 सोमवार तक इस प्रकार पूजा करने से पितृ दोष समाप्त होने लगता है.
➱ प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. आप इसे एक से अधिक बार कर सकते हैं. हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इससे व्यक्ति सभी दोषों से मुक्त होता है.
➱ हर बृहस्पतिवार और शनिवार की शाम पीपल की जड़ में जल अर्पण करें और उसकी सात बार परिक्रमा करें, इससे आपको लाभ हो सकता है.
➱ अच्छे कर्म करे, कभी किसी को धोका न दे, माता पिता एवं बड़ो का आदर करे, इससे पितरों को खुशी होती है और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होने लगता है.
यदि पिता की जन्म कुंडली में पितृ दोष है और उन्होंने इसकी शांति नहीं करवाई है, तो संतान की जन्म कुंडली में भी यह दोष देखा जाता है. इसलिए इस दोष का निवारण करना बहुत जरुरी है और इसके लिए आप उपर दिए गए उपाय (जो आपको उपयोगी लगे वो) आजमा सकते है.
पितृ दोष निवारण मंत्र
पितृ दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए महादेव की मूर्ति के सामने (ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात) इस मंत्र का जाप करें या फिर महामृत्युंजय मंत्र (ॐ त्र्यम्बकं स्यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥) का पाठ कर सकते है.
पितृ दोष शांति के लिए हर माह अमावस्या पर तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए और पितरों के लिए धूप-दीप करना चाहिए. साथ ही ऊँ पितृदेवताभ्यो नम: इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
पितृ पक्ष में रोजाना नीचे दिए गए 5 मंत्रो का जाप करे, आपको पितृ दोष राहत मिलेगी.
1. ॐ कुलदेवतायै नम: इस मंत्र का 21 बार जाप करे.
2. ॐ कुलदैव्यै नम: इस मंत्र का 21 बार जाप करे.
3. ॐ नागदेवतायै नम: इस मंत्र का 21 बार जाप करे.
4. ॐ पितृ देवतायै नम: इस मंत्र का 108 बार जाप करे.
5. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात् – इस मंत्र का एक लाख बार जाप करे.
श्राद्ध के दिनों में इस मंत्र का जाप करना चाहिए- देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव भवन्त्युत।।श्रद्धया दीयते यस्मात् तच्छादम। इस मंत्र का जाप श्राद्ध के दौरान करना चाहिए.
पितृ दोष निवारण यंत्र की घर पर स्थापना कर प्रतिदिन उसकी पूजा करे. एवँ उसके सामने आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जप 108 बार करे.
Pitra Dosh Kaise Check Kare in Hindi
पितृ दोष कैसे चेक करें – अगर आप इस वेबसाइट के माध्यम से आपकी कुंडली में पितृ दोष है या नहीं यह पता लगाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में इस तरह कमेंट करें-
- नाम: विकाश
- जन्म तारीख: 14/07/1990
- जन्मसमय 2.30 PM – मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
अथवा
- Name: Vikash
- DOB: 14-07-1990
- Birth Time: 2.30 PM
- Birth Place: Mumbai, Maharashtra India
इस तरह कमेंट बॉक्स में जन्मतिथि (जन्मतारीख+जन्मसमय+जन्मस्थान) से संबंधित जानकारी देने के बाद 12 घंटे के अंदर आपको बता दिया जाएगा कि आपकी कुंडली में पितृ दोष है या नहीं.
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में हमने ‘पितृ दोष (Pitra Dosh) क्या है, पितृ दोष कैसे चेक करें‘ साथ ही ‘पितृ दोष के लक्षण और पितृ दोष निवारण’ से संबंधित जानकारी दी है. हमें पूरी उम्मीद है कि यह जानकारी कई लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी.
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Disclaimer – This information is taken from internet and this information is based on general assumptions. If you want to do any activity related to ‘Pitra Dosh Kaise Check Kare’ or this article, then consult a good astrologer. Because Abletricks.Com does not confirm this.
pitra dosh kaise pata kare yaa pitra dosh kaise chek kare – is post me aapne bahot vistar se bataya hai ki pitra dosh kya hai aur iske baare me anya jaruri jaankari. thanks for posting this post.
pitra dosh kaise pata kare yaa pitra dosh kaise chek kare – is post me aapne bahot vistar se bataya hai ki pitra dosh kya hai aur iske baare me anya jaruri jaankari. thanks for posting this post.
Naam – Ritik
dob – 22 – 11 – 1986
time – 11 pm
Amritsar, Punjab
kya meri kundli me pitra dosh hai
आपकी कुंडली में पितृ दोष नहीं है.
SUNIL kumar
21/12/1978
6.45a.m
Gurgaon haryana
Pitrr doss h ya nhi
आपकी कुंडली में पितृ दोष उपस्थित है.
Iska smadhan kaise hoga
Article me iske bare me jankari di gai hai – pitra dosh niwaran kaise kare
Please mera pitra dosh check kare, jindgi se bahut pareshan hu.
Harish maurya
23-5-1980
4.55 PM
Rampur, Uttar Pradesh
आपकी कुंडली में पितृ दोष उपस्थित है.
Sunil Kumar
21/12/1978
6.45a.m
Gurgaon haryana
Pitrr doss h ya nhi h ya nhi
आपकी कुंडली में पितृ दोष उपस्थित है.
plz mera pitra dosh kaise pata kare , kyonki mujhe mera janm ka time malum nahi hai.
जन्म समय बताना जरुरी है.
Yash Sharma
1/8/2009
9p.m
Gurgaon haryana
Son ki kundli m koi doss h
हाँ, कुंडली में पितृ दोष उपस्थित है.
Dhruv Sharma
16/11/2004
Gurgaon haryana
9 a.m
Kaal sarp ya pitrr doss h ya nhi meri kundli m
Plz check krke btta do
Thankyou
आपकी कुंडली में पितृ दोष उपस्थित है.
– कालसर्प दोष चेक करने के लिए अलग पोस्ट है, आप वहां पर चेक करे.
Name : Anoop Upadhyay
Date of birth : 22-09-1987
Time of birth : 1:30 AM
Place of birth : Bhadohi, Uttar Pradesh
कृपया बताए पितृ दोष या और कोई दोष है क्या ??
आपकी कुंडली में पितृ दोष नहीं है.