क्या सच में Prone position से Body में Oxygen level बढ़ सकता है? क्या सच में प्रोन पोजीशन में लेटने से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ जाता है? प्रोनिंग क्या है? प्रोनिंग से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कैसे बढ़ता है? जानिए इन सवालों के जवाब :

Kya sach me Pron position se Body me Oxygen level badh sakta hai

Oxygen और Medical oxygen क्या है?

Oxygen क्या है? – ऑक्सीजन (Oxygen) के बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता, इसलिए इसे प्राणवायु भी कहा जाता है. जीवित प्राणियों के लिए आक्सीजन अति आवश्यक है.

ऑक्सीजन वायुमंडल में स्वतंत्र रूप में मिलता है, क्योंकि यह एक रासायनिक तत्त्व है. ऑक्सीजन हवा और पानी दोनों में होता है. हवा में 21 फीसदी और पानी में ऑक्सीजन के केवल 10 मोलेक्युल्स (Molecules) ही मौजूद होते हैं. ऑक्सीजन भूपर्पटी (Earth’s crust) पर सर्वाधिक मात्रा (लगभग 46.6%) में मौजूद होता है.

Medical oxygen क्या है? – इसे शुद्ध प्राणवायु के रूप में जाना जाता है, जिनके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम होता है, उन्हें Medical oxygen की जरुरत पड़ती है. ऑक्सीजन  का निर्माण ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plant) में होता है, जो 99 फीसदी तक शुद्ध होता है.

 

क्या सच में Prone position से Body में Oxygen level बढ़ सकता है?

सबसे पहले हम आपको बताते है कि प्रोनिंग क्या है? Prone position क्या है? यह कैसे की जाती है? तो आपकी जानकारी के लिए यहां बता दूँ कि जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उनके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘प्रोनिंग’ के कुछ आसान तरीके सुझाए हैं और उसे ‘प्रोनिंग फॉर सेल्फ केयर‘ नाम दिया गया है.

दरअसल लेटकर गहरी साँस लेने की प्रक्रिया को ‘प्रोनिंग’ या ‘प्रोन पोजीशन’ कहते हैं, इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में सहायता मिलती है. इसमें विशेष रूप से पेट के बल लेटकर साँस लेने के बारे में बताया गया है.

यह विधी इस तरह है– पेट के बल लेटकर एक तकिया गरदन के नीचे, एक या दो तकिये सीने से नीचे से लेकर जाँघ तक, और और दो तकिए के ऊपर पैरों को रखना है. इस विधि के लिए चार-पांच तकियों की जरूरत होती है. यहां क्लिक करे और चित्र देखे कि पेट के बल प्रोन पोजीशन में कैसे लेटना है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जब मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे चला जाए, तब प्रोनिंग की जरूरत होती है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, प्रोनिंग प्रक्रिया से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता है और इससे जान बचाई जा सकती है. यह तकनीक 80 प्रतिशत तक कारगर है, ऐसा स्वास्थ्य मंत्रालय कहना है, और यह मेडिकली स्वीकार्य भी है.

नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के स्लीप एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट ‘डॉक्टर पीपी बोस’ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह विधि निष्क्रिय कोशिकाओं को सक्रिय करके ऑक्सीजन लेवल बढ़ाती है.

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और फेफड़ों तथा क्रिटिकल केयर के मेडिसिन एक्सपर्ट पानागिस गालियातस्तोस के मुताबिक, प्रोन पोजीशन के सहारे शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है.

बस इसमें यह ध्यान रहे कि खाना खाने के 1 घंटे बाद तक यह क्रिया न करें, यह तभी करे जब आपका शरीर हल्का महसूस होने लगे. इसके अलावा गर्भावस्था या दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में यह क्रिया न करें. इसके अलावा मेजर कार्डियक प्रॉब्‍लम में यह क्रिया न करें. इसके अलावा यदि आपकों स्‍पाइनल कॉड में इंज्‍यूरी, पेल्विक फ्रैक्‍चर है तो आप यह क्रिया न करें.

दोस्तों, अब मै उम्मीद करता हूँ कि आपको क्या सच में प्रोन पोजीशन से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ सकता है? इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. फिर भी इससे सबंधित आपका कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है.


 

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