कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है (Kaalsarp dosh kitne varsh tak rahta hai), काल सर्प दोष कितनी उम्र तक रहता है (Kaal sarp dosh kitni umra tak rahta hai)
नमस्कार दोस्तों, Abletricks.Com में आपका स्वागत है. इस लेख में हम ‘कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है या काल सर्प योग कब तक रहता है इसके बारे में जानेंगे, साथ ही कालसर्प दोष कितने प्रकार के होते है, कालसर्प दोष कैसे पता करे, इसके बारे में भी जानेंगे.
कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है – मनुष्य की कुंडली में कई तरह के दोष पाए जाते है उन्ही में से एक है कालसर्प दोष (Kaalsarp dosh). ज्योतिषियों के अनुसार, मनुष्य द्वारा पिछले जन्म में किए गए बुरे कर्मों के कारण मनुष्य के जीवन में यह दोष एक अभिशाप के रूप में प्रकट होता है. इस दोष के कारण व्यक्ति हमेशा परेशान रहता है और उसके जीवन में एक के बाद एक परेशानी आती ही रहती हैं.
कालसर्प दोष से पीड़ित मनुष्य को कई कोशिशों के बाद भी सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है. साथ ही उसके हर अच्छे काम में बाधा आ जाती है. इस दोष के कारण कई लोग डिप्रेशन के शिकार भी हो जाते है. जिस भी व्यक्ति की कुण्डली में राहु-केतु चारों ओर से ग्रहों को घेर लेते हैं, उन्हें मानसिक अशांति, आर्थिक परेशानी, हड्डी रोग तथा अनेक प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है.
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति के विरोधियों की संख्या भी बढ़ने लगती है, कभी-कभी दोस्त भी दुश्मन बन जाते हैं. इसके अलावा पीड़ित को किसी लाइलाज बीमारी का सामना भी करना पड़ सकता है, जिसका हर संभव इलाज करने के बाद भी कोई फायदा नहीं होता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को मुख्य रूप से रोजगार, स्वास्थ्य, दांपत्य जीवन, रोजगारी जीवन और संतान संबंधी कष्ट होता है.
असाध्य बीमारियों की चपेट में आना, गुप्त शत्रुओं से भय, घर में कलह का वातावरण, परिश्रम करने के बाद भी सफलता न मिलना, मानसिक एवं आर्थिक परेशानी, रात में डरावने सपने आना, अनिंद्रा की समस्या आदि कई तरह की परेशानियों का सामना कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को करना पड़ता है और इन परेशानियों के कारण इस दोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन कई वर्षों तक बहुत ही दुखदायी रहता है.
कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है
कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है? इस सवाल का सही जवाब सिर्फ आपकी कुंडली देखने वाला ज्योतिषी ही दे सकता है. क्योंकि कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते है और सबकी अवधि अलग-अलग हो सकती है. हालाँकि कई ज्योतिषियों के मुताबिक कालसर्प दोष 42 वर्ष या फिर 49 वर्ष तक प्रभावी हो सकता है. तो कई ज्योतिषियों के मुताबिक कालसर्प दोष पुरे जीवन भर तकलीफ दे सकता है. इसलिए इस दोष का निवारण जितना जल्दी किया जाए, उतना ही अच्छा है.
ज्योतिषियों के अनुसार, व्यक्ति पिछले जन्मों में किए गए पापों या गलत कामों की कीमत इस जनम में कालसर्प दोष के माध्यम से चुकाता है. जब किसी व्यक्ति का जन्म होता है, तो उसकी जन्म कुंडली में ही इसका विवरण देखने को मिल जाता है कि व्यक्ति के जन्म कुंडली में कालसर्प दोष (Kaalsarp dosh) उपस्थित है या नहीं.
इसीलिए कई ज्योतिषियों का कहना है कि व्यक्ति के जन्म के तुरंत बाद ही उसकी जन्म कुंडली देख लेनी चाहिए, ताकि अगर उसकी कुंडली में कोई दोष हो तो उसका जल्द से जल्द निवारण किया जा सके.
कालसर्प दोष के प्रकार और निवारण
कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं और ये सभी व्यक्ति को अलग-अलग तरीकों से परेशान करते हैं और व्यक्ति के जीवन को परेशानियों से भर देते हैं. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते है ‘निम्नलिखित कालसर्प योग कब बनते है और किस योग में व्यक्ति को क्या कीमत चुकानी पड़ती है’ इसके बारे में, संक्षेप में.
- अनंत कालसर्प योग – Ananat Kaalsarp Yog
- कुलिक कालसर्प योग – Kulik Kaalsarp Yog
- वासुकि कालसर्प योग – Wasuki Kaalsarp Yog
- शंखपाल कालसर्प योग – Shankhpal Kaalsarp Yog
- पद्म कालसर्प योग – Padm Kaalasarp Yog
- महापद्म कालसर्प योग – Mahaapadm Kaalasarp Yog
- तक्षक कालसर्प योग – Takshak Kaalasarp Yog
- कर्कोटक कालसर्प योग – Karkotak Kaalasarp Yog
- शंखचूड़ कालसर्प योग – Shankhachood Kaalasarp Yog
- घातक कालसर्प योग – Ghatak Kaalasarp Yog
- विषधर कालसर्प योग – Vishdhar Kaalasarp Yog
- शेषनाग कालसर्प योग – Sheshnag Kaalasarp Yog
अनंत कालसर्प योग
जब लग्न में राहु और सातवें भाव में केतु हो और अन्य सभी ग्रह उनके मध्य में हों तो अनंत कालसर्प योग बनता है. ऐसे लोगों के व्यक्तित्व के निर्माण में कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. इनकी पढ़ाई और व्यवसाय बहुत ही सामान्य तरीके से चलते हैं और व्यक्ति को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ता है. इस योग में प्रथम भाव स्वयं का व सप्तम भाव जीवनसाथी का होता है, जिसके कारण जीवनसाथी से मनमुटाव की स्थिति बनती है और वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.
- निवारण – अनंत कालसर्प दोष शांति के लिए भगवान शिव की आराधना और नाग देवता की पूजा करनी चाहिए, इससे आपको बहुत लाभ होगा.
- प्रतिदिन गणेश जी के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है.
- ‘ओम नमः शिवाय’ या फिर महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना अधिक फलदायी होता है.
कुलिक कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के दूसरे भाव में राहु और आठवें में केतू हो और सारे ग्रह उनके बीच हों, तो यह कुलिक कालसर्प योग कहलाता है. इस योग से पीड़ित लोगों के असफल होने की संभावना अधिक होती है. इनकी शिक्षा सामान्य गति से चलती है और इनका दाम्पत्य जीवन भी सामान्य ही रहता है. साथ ही पीड़ित व्यक्ति को पैतृक संपत्ति पाने में कई दिक्कतो का सामना करना पड़ता है और ऐसी संपत्ति के पीछे कानूनी चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं.
- निवारण – कुलिक कालसर्प दोष शांति के लिए श्रावन मांस में भगवान शिव का 30 दिनों तक अभिषेक करे.
- राहु ग्रह की शांति के लिए राहु मंत्र (ओम रां राहवे नमः) का जाप करना चाहिए.
- चांदी की नाग की आकृति वाली अंगूठी धारण करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है.
वासुकि कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के तीसरे भाव में राहु और नववें भाव में केतु हो और सभी ग्रह उनके बीच हों तब वासुकी कालसर्प योग होता है. इस योग से पीड़ित व्यक्ति के घर में सुख-शांति का अभाव रहता है. पीड़ित व्यक्ति भाई-बहनों से भी परेशान रहता है. साथ ही उसकी परिवार के सदस्यों से भी आपसी खींचतान बनी रहती है. इसके अलावा रिश्तेदार और दोस्त भी अक्सर उसे धोखा देते रहते हैं.
- निवारण – वासुकि कालसर्प दोष की शांति के लिए नागपंचमी के दिन व्रत रखकर नाग देवता की पूजा करना अधिक फलदायी होता है.
- भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है.
- ऐसा कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले में उत्तरी छोर पर एक मंदिर स्थित है, यहां ‘नागराज वासुकी’ मंदिर के देवता के रूप में विद्यमान हैं. यहां जाकर पूजा-अचना करने से वासुकि कालसर्प दोष ख़त्म हो जाता है.
शंखपाल कालसर्प योग
जब जन्मकुंडली के चौथे भाव में राहु और दसवे में केतु हो और सभी ग्रह उनके बीच हों तो शंखपाल कालसर्प योग होता है. इस योग से पीड़ित व्यक्ति को घर-द्वार, जमीन-जायदाद संबंधी थोड़ी-बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता और इससे व्यक्ति को कभी-कभी अनावश्यक चिंताएँ भी घेर लेती हैं. ऐसे व्यक्ति को जीवन में सुख बहुत मुश्किल से नसीब होता है. साथ ही इन्हें विद्या प्राप्ति में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
- निवारण – शंखपाल कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शिवलिंग पर चांदी के सर्प चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त होता है.
- राहु मंत्र (ओम रां राहवे नमः) जाप करने एवं नागपंचमी का व्रत रखने से शुभ फल प्राप्त होता है.
- रोजाना शिव की आराधना करने से शुभ फल प्राप्त होता है.
पद्म कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के पांचवें भाव में राहु और ग्याहरवें भाव में केतु हो और सभी ग्रह इनके बीच हों तब पद्म कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को पढ़ाई में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन कुछ समय के साथ वे बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसके अलावा इन्हें अक्सर देर से संतान की प्राप्ति होती है या संतान प्राप्ति में आंशिक रुकावट आती है.
- निवारण – पद्म कालसर्प दोष शांति के लिए अपने घर के पूजा स्थल में एक मोर पंख जरुर रखे, इससे आपको फायदा होगा.
- चांदी से बने नाग-नागिन को ग्रह प्रवेश द्वार पर दोनों तरफ लगाना फलदायी होता है.
- नागपंचमी का व्रत रखने से शुभ फल प्राप्त होता है.
महापद्म कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के छठे भाव में राहु और बारहवें भाव में केतु हो और सभी ग्रह इनके बीच हों, तब महापद्म कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को शत्रुओं से कष्ट मिलता है. यह व्यक्ति विदेश में रहकर व्यापार में लाभ कमाता है, लेकिन घर से बाहर रहने के कारण इनके घर में सुख-शांति का अभाव रहता है. ऐसे व्यक्ति को केवल एक ही चीज मिल सकती है, धन या सुख.
- निवारण – महापद्म कालसर्प दोष की शांति के लिए श्रावण मास में 30 दिन तक दूध एवं जल से शिव जी का अभिषेक करना अधिक फलदायी होता है.
- पितरों के नाम से दिया गया दान कालसर्प दोष की पीड़ा को कम करता है.
- चांदी से बनी सर्प के आकार की अंगूठी धारण करने शुभ फल प्राप्त होता है.
तक्षक कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के सातवें भाव में राहु और लग्न भाव में केतु हो और सभी ग्रह इनके बीच हों, तब तक्षक कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में अचानक कई समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, एक समस्या जाती है तो दूसरी उत्पन्न हो जाती है. इनका मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है, बहुत से लोग जन्म से ही मंदबुद्धि या मानसिक रूप से विकलांग होते हैं.
- निवारण – तक्षक कालसर्प दोष की शांति के लिए घर में नाग देवता की मूर्ति स्थापित करके उसकी नियमित धूप-दीप सहित पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है.
- नागपंचमी के दिन नाग देवता की विधिवत पूजा अर्चना करना अधिक फलदायी होता है.
- नियमित महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मन से भय दूर होता है तथा कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
कर्कोटक कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के आठवे भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु हो और सभी ग्रह इनके बीच में हों, तब कर्कोटक कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित जातकों का गलत कार्यों में धन खर्च होता है, इनके पास धन स्थिर नहीं रहता है. इन्हें नौकरी पाने और पदोन्नति पाने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा इनकी पारिवारिक संबंधों में खटास बनी रहती है और इनके अपने परिवार के सदस्यों के साथ मतभेद हो सकते हैं.
- निवारण – उज्जैन में एक शिव मंदिर है जो कर्कोटेश्वर के नाम से जाना जाता है. इस स्थान पर शिव जी आराधना करने से से कर्कोटक कालसर्प का दोष दूर होता है.
- नागपंचमी एवं शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है.
- शनिवार को शिव यंत्र को धारण करना अधिक फलदायी होता है.
शंखचूड़ कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के नौवे भाव में राहु और तीसरे भाव में केतु हो और सभी ग्रह इनके बीच हों, तब शंखनाद कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित लोगों को अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है. यह अहंकारी भी हो सकते है. यह दोष पिता और पुत्र के बीच दूरियां पैदा कर सकता है. ऐसे लोगों को नौकरी और व्यवसाय में लगातार असफलता मिल सकती है.
- निवारण – शंखचूड़ कालसर्प दोष की शांति के लिए भगवान श्री कृष्ण की पूजा करना लाभकारी होता है.
- चांदी की अंगूठी में गोमेद रत्न धारण से इस दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है.
- श्रावण माह में प्रति सोमवार व्रत रखने एवं भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से शुभ फल प्राप्त होता है.
- अपने पिता का ह्रदय से आदर करे और उनकी मृत्यु होने पर उनका विधिवत क्रिया-कर्म करे, इससे शुभ फल मिलेगा.
घातक कालसर्प योग
जब जन्मकुंडली के दसवें भाव में राहु और चौथे भाव में केतु हो और सभी सातों ग्रह इनके बीच हों, तब घातक कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित जातकों का दाम्पत्य जीवन सुखमय नहीं रहता है. इन्हें कई कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इन्हें रोजगार में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही व्यापार के क्षेत्र में इन्हें अप्रत्याशित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
- निवारण – घातक कालसर्प दोष की शांति के लिए भगवान शिव की नियमित पूजा करनी चाहिए तथा जितना संभव हो ओम नम: शिवाय इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
- राहु ग्रह की शांति के लिए राहु मंत्र (ओम रां राहवे नमः) का जाप करना चाहिए.
- अमावस्या का व्रत रखने से शुभ फल प्राप्त होता है.
विषधर कालसर्प योग
जब जन्मकुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और पांचवें भाव में केतु हो और सभी ग्रह उनके बीच में हों, तब विषधर कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित जातकों को उच्च शिक्षा के लिए निर्णय लेने एवं धन प्राप्त करने में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा इन्हें अकाल मृत्यु का भी सामना करना पड़ सकता है.
- निवारण – विषधर कालसर्प दोष की शांति के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए.
- कालसर्प यंत्र घर में स्थापित करके उसकी नियमित पूजा करने शुभ फल प्राप्त होता है.
- राहु मंत्र- ओम रां राहवे नमः इस मंत्र का जाप करके पंक्षियों को जौ एवं बाजरे के दाने खिलाने से इस दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है.
शेषनाग कालसर्प योग
जब जन्म कुंडली के बारहवें भाव में राहु और छठे भाव में केतु हो और सभी ग्रह इनके बीच हों, तब शेषनाग कालसर्प योग होता है. इस दोष से पीड़ित लोगों को अपने जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है, हर जगह निराशा ही हाथ लगती है, साथ ही इन्हें शारीरिक कष्ट भी बहुत झेलना पड़ता हैं, जिससे इनके जीवन में मानसिक अशांति बनी रहती है. इसके अलावा इन्हें गुप्त शत्रुओं द्वारा किसी न किसी षडयंत्र में फंसाया जाता है, जिससे इन्हें काफी बदनामी भी झेलनी पड़ती है.
- निवारण – शेषनाग कालसर्प दोष की शांति के लिए भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उनसे इस दोष की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
- सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से शेषनाग कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव ख़त्म हो जाता है.
- चांदी की नाग की आकृति वाली अंगूठी धारण करने से भी शुभ फल प्राप्त होता है.
कालसर्प दोष कैसे पता करे
इस वेबसाइट पर ‘कालसर्प दोष क्या है, इसे कैसे चेक करे‘ इसके बारे में एक लेख पहले ही प्रकाशित किया जा चुका है, उस लेख पर जाने के लिए नीचे दी गई लिंक पर जाएं.
जब आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे, तब आप ‘कालसर्प दोष क्या है, इसे कैसे चेक करे‘ इस पेज पर पहुँच जायेंगे. उस पेज पर भी आपको कालसर्प दोष से संबंधित जरुरी जानकारी पढने को मिलेगी. उसके बाद आपको ‘आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं‘ यह जानना है तो आपको अपनी जन्मतारीख+जन्मसमय+जन्मस्थान कमेंट बॉक्स में बताना होगा.
- नाम: विकाश
- जन्म तारीख: 14/07/1990
- जन्मसमय 2.30 PM – मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
अथवा
- Name: Vikash
- DOB: 14-07-1990
- Birth Time: 2.30 PM
- Birth Place: Mumbai, Maharashtra India
इस तरह कमेंट बॉक्स में जन्मतिथि (date of birth + time of birth + place of birth) से संबंधित जानकारी देने के बाद 12 घंटे के अंदर आपको बता दिया जाएगा कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं. आप चाहे तो इस पेज पर भी कमेंट करके हमसे पूछ सकते है कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है या नहीं.
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में हमने ‘कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है‘ साथ ही ‘कालसर्प दोष के प्रकार और उनके निवारण’ से संबंधित जानकारी दी है. हमें पूरी उम्मीद है कि यह जानकारी कई लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी.
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Disclaimer – This information is taken from internet and this information is based on general assumptions. If you want to do any activity related to ‘Kaalsarp dosh kitne varsh tak rahta hai’ or this article, then consult a good astrologer. Because Abletricks.Com does not confirm this.
Name – Manish
Dob – 12 – 12 – 1982
Time – 10 AM
Janm sthan – Nasik, Maharashtra
आपकी कुंडली में कालसर्प दोष नहीं है.
Naam: Sonam
Janm tarikh: 11/10/1991
Janm samay: 5.30 pm
Janm thikan: Simla, Himachal Pradesh
आपकी कुंडली में कालसर्प दोष नहीं है.
काल सर्प दोष कितने साल तक रहता है , ये तो नहीं पता , लेकिन ये बहोत खतरनाक दोष है , मेरी जिन्दगी इसने उथल पुथल कर दी थी
कालसर्प दोष 50 वर्षो तक रहता है
Kaalsarp dosh kitne varsh tak rahta hai iska sahi jawab ek achcha astrologer hi de sakta hai
कालसर्प दोष कितने वर्षो तक रहता है ? अगर आप ये जानना चाहते है तो आप Astrologer Bejan Daruwalla या Astrologer Pt Ajai Bhambi या फिर Astrologer Vijayalakshmi से पूछ सकते है. ये भारत के टॉप के ज्योतिषी है. आप इनसे ऑनलाइन हेल्प भी ले सकते है.
Kaal sarp dosh lifetime rehta hai
काल सर्प दोष कितने साल का होता है? यह कोई सवाल है क्या? जब तक इस दोष का निवारण नहीं किया जाए, यह तब तक रहता है
Name-G.Shreedhar Murthy
D.O.B- 24.11.2006
Time – 11.20 am
Place of birth – kharagpur (west bengal)
आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है.