मनोवैज्ञानिक कैसे बने (How to become psychologist in Hindi) मनोविज्ञान (साइकोलॉजी) में अपना करियर बनाए (Manovaigyanik Bane in Hindi) आगे पढ़े मनोविज्ञान से जुडी पूरी जानकारी.
मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान से जुडी जानकारी (How to become psychologist in Hindi)
यह उपचार मनोविज्ञान के आधार पर किया जाता है, कहने का मतलब, मनोविज्ञान उपचार यह बिना किसी दवा के रोगी की सोच और समझने की शक्ति में सुधार लाने के लिए किया जाता है.
मनोविज्ञान के लिए योग्यता (Eligibility)
मनोविज्ञान में स्नातक करने के लिए, आपको 12 कक्षा में 50 प्रतिशत अंक चाहिए. यह पाठ्यक्रम देश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है. आप इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन शुल्क भी ज्यादा नहीं है.
क्या है कोर्स (What is the course)
- साइकोलॉजी में बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) यह कोर्स 3 साल का होता है.
- साइकोलॉजी में एमए (मास्टर ऑफ आर्ट्स) यह कोर्स 2 साल का है.
- पीजी (पोस्ट ग्रजुएट) डिप्लोमा इन साइकोलॉजी यह कोर्स 2 वर्ष का है.
- साइकोलॉजी में बीएससी (बैचलर ऑफ सायन्स) यह कोर्स 3 साल का होता है.
- साइकोलॉजी में एमएससी (मास्टर ऑफ सायन्स ) यह कोर्स 2 साल का होता है.
मनोचिकित्सक क्या करते हैं (What do psychiatrists do)
- मनोचिकित्सक एक डॉक्टर है जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करने और उनका इलाज करने में माहिर होता है.
- बता दें कि मनोचिकित्सक मानसिक तथा शारीरिक तनावों का उपचार करता है.
- मनोचिकित्सक को मस्तिष्क और शरीर तथा मस्तिष्क के बीच जटिल संबंधों के कार्यों को समझने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
- कई कारणों से, मानव शरीर में स्नायु की कमी होती है. यह भी एक प्रकार की बीमारी है.
- इसका इलाज कराने के लिए किसी परामर्शदाता, अस्पताल या डॉक्टर के पास जाना पड़ता है.
- इसके लिए एक मनोचिकित्सक को डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया जाता है.
मनोविज्ञान में करियर (Career in Psychology)
मनोवैज्ञानिक, सरकारी और निजी अस्पताल, क्लीनिक, निजी उद्योग, अनुसंधान संगठन, कॉर्पोरेट घराने और एनजीओ में नियुक्त किए जाते हैं. करियर की अच्छी संभावनाओं के कारण, इस पाठ्यक्रम में उच्च मेरिट पर प्रवेश मिल पाता है.
इससे जुड़ा सामान्य ज्ञान (General Knowledge)
यह पाठ्यक्रम केवल किताबी ज्ञान पर आधारित नहीं है, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और सामान्य ज्ञान भी पढ़ाया जाता है. तभी छात्र मनोवैज्ञानिक के रूप में काम करते हैं. लगभग सभी उम्र के लोगों के साथ विशेष रूप से उनकी भावनात्मक परिस्तिथि का आकलन कर उनके साथ विभिन्न स्थितियों से जुड़कर उनकी समस्याओं को हल किया जाए, यह विशेष तौर पर सिखाया जाता है.
मनोविज्ञान के फायदे (Benefits of Psychology)
- मनोवैज्ञानिक दवाओं के बिना इलाज करता है. पेशंट के तनाव को कम करने की कोशिश करता है.
- मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य में सुधार करते हैं. नए कौशल के साथ व्यक्तियों को लैस करते है.
- चिंता, अवसाद, व्यसन जैसे विकारों से छुटकारा दिलाते है.
- आंतरिक समस्याओं का इलाज करता है, जिसके परिणामस्वरूप मानसिक संतुलन भी ठीक हो जाता है.
- मनोवैज्ञानिक कानूनी प्रक्रियाओं में काफी अच्छा योगदान प्रदान करते हैं.
- मस्तिष्क और उसके न्यूरो-मनोवैज्ञानिक कार्यों के बीच संबंध पर काम करते है.
- स्मृति, गंध, दृष्टि तथा मस्तिष्क की चोटों वाले रोगियों के पुनर्वास में भी मदद करते हैं.
- मनोवैज्ञानिक सरकारी, निजी अस्पताल, निजी उद्योग और गैर सरकारी संगठन में नियुक्त किए जाते हैं.
- न्यूरोलॉजिकल रोग जैसे कि दौरे, मनोभ्रंश, ट्यूमर, और मस्तिष्क के रोग भी ठीक हो जाते है.
मनोचिकित्सा (Psychotherapy)
फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक (Forensic psychologist)- फोरेंसिक जांच प्रक्रियाओं में मनोवैज्ञानिक आपराधिक जांच बहुत प्रभावी साबित होती है. आपराधिक व्यवहार से संबंधित मनोवैज्ञानिक समस्याओं को समझना और हल करना महत्वपूर्ण है. इन्हें क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट, लीगल साइकोलॉजिस्ट या क्रिमिनोलॉजिस्ट भी कहा जाता है.
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट (Clinical psychologist)
क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, मानसिक तनाव को कम करते है और ऐसे रोगियों का इलाज करते हैं जो चिंता, अवसाद और नशे की लत जैसे बिमारी से पीड़ित है.
बच्चों के साइकोलॉजिस्ट (Children’s Psychologist)
बच्चों में पायी जाने वाली आंतरिक बीमारी जैसे- चिड़चिड़ापन, रोना, गुमसुम रहना, इस परेशानी का हल मनोवैज्ञानिक निकालते है. वे शैक्षणिक संस्थान से जुड़े सभी बच्चों का इलाज भी करते है.
न्यूरो साइकोलॉजिस्ट (Neuro psychologist)
न्यूरो साइकोलॉजिस्ट मस्तिष्क और उसके न्यूरो-मनोवैज्ञानिक कार्यों के बीच संबंध पर काम करते है. जैसे कि दृष्टि, स्मृति, गंध. साथ ही अन्य न्यूरोलॉजिकल रोग जैसे कि दौरे, मनोभ्रंश, ट्यूमर और अन्य मस्तिष्क रोगों के रोगियों के पुनर्वास में भी कारगर साबित होते है.
मनोचिकित्सक लगभग अधिकांश विभागों में सक्रीय है. क्लीनिक में, सामान्य और मनोरोग उपचार के लिए अस्पताल, विश्वविद्यालय चिकित्सा केंद्र, सामुदायिक एजेंसियां, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नर्सिंग होम, पुनर्वास केंद्र, औद्योगिक और सरकारी प्रतिष्ठान, रक्षा क्षेत्र, अदालत और जेल, स्कूल और कई अन्य विश्वविद्यालय में काम करते हैं.
कंज्यूमर साइकोलॉजी (Consumer psychology)
बाजार में किसी भी नए उत्पाद को लॉन्च करने से पहले, उपभोक्ता सर्वेक्षण आयोजित किए जाते हैं और इन विशेषज्ञों के विश्लेषण के आधार पर उपभोक्ताओं के परीक्षण, जरूरतों, पसंद और नापसंद आदि का परीक्षण करने का प्रयास करते हैं.
सोशल साइकोलॉजी (Social Psychology)
उनकी सेवाएं सरकारी समाज कल्याण विभाग, गैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक सुधारों में शामिल कई एजेंसियों द्वारा ली जाती हैं. पारिवारिक विवादों, वैवाहिक मामलों और अन्य समस्याओं को हल करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी (Industrial Psychology)
कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार के समय आवेदकों का व्यवहार, उनका व्यक्तित्व और प्रस्तुतियों का आकलन करना होता है , इस वक्त मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना होता है.
मनोविज्ञान और मनोरोग (Psychology and Psychiatry)
मनोविज्ञान और मनोरोग (मनोचिकित्सा) दोनों अलग-अलग क्षेत्र हैं. उनका अभ्यासक्रम भी काफी अलग होता है.
मनोरोग (Psychiatry)
मनोरोग (मनोचिकित्सा) के क्षेत्र में जाने के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान विषयों में से 12 वी की परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है. उसके बाद आपको मेडिकल प्रवेश परीक्षा देकर एमबीबीएस करना होता है. उसके बाद साइकियाट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन (एमडी या डिप्लोमा) भी कर सकते है.
मनोविज्ञान (Psychology)
मनोविज्ञान के क्षेत्र में जाने के लिए, किसी भी विषय समूह में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है. उसके बाद मनोविज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर किया जा सकता है.
कुछ अन्य बाते (Some other things)
दोस्तों, बढ़ते अपराध और रोजाना की दैनिक जिंदगी में हम काफी तनाव महसूस करते है. आज की दौडती भागती जिंदगी में हर कोई तनाव और कठिनाई में जीवन यापन कर रहा है. ऐसे में अपने आतंरिक इलाज के लिए हमें मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना होता है. आज यह एक आम बात हो चुकी है की आप किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह ले रहें है. बड़े व्यापारी हो या कोई अधिकारी वे भी मनोवैज्ञानिक की सलाह से काम करते है.
अंतिम शब्द (Last Word)
दोस्तों इस लेख में हमने “मनोवैज्ञानिक कैसे बने ” (How to become psychologist in Hindi) इसके बारे में जानकारी दी है. हमें उम्मीद है कि यह लेख बहुत से छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगा. इसके अलावा यदि किसी का इस लेख से सबंधित कोई भी सुझाव या सवाल है तो वे हमें कमेंट करके पूछ सकते है.
Author: Nevindra
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बहुत ही अच्छी जानकारी लिखी है आपने – मनोवैज्ञानिक कैसे बने? इसके बारे में, बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी शेयर की है आपने.
Thanks Sumita ji..
Mujhe ye Janna hai ki Mai kaise logo or uski problems ko Jaan Sakti hu or uska solution Nikal Sakti hu psychology Ko hum kaise Jaan sakte hain aur apne problems se chutkara pa sakte hain
कोई व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करने में तभी सक्षम होता जब वह इससे संबंधित शिक्षा हासिल करता है.
sir mene B.A. kiya h history se ab me MA physiology se kr skta hu kya ?
Shayad ha
MA/MSC (Psychology) kar sakte hai aap