गुरु चांडाल दोष क्या है, चांडाल दोष कैसे चेक करे (Guru Chandal Dosh Kaise Check Kare) – गुरु चांडाल दोष कुंडली के सबसे खतरनाक दोषों में से एक है. यदि कोई व्यक्ति इस दोष से पीड़ित हो जाता है और इसका समय पर उपाय न किया जाए तो व्यक्ति को जीवनभर कई दर्दनाक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ‘गुरु चांडाल दोष’ यह नाम सुनते ही मन में अशुभ भाव आता है, दरअसल ये अपने नाम की तरह ही अशुभ योग है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से कमजोर बना देता है.
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में गुरु चांडाल योग (Guru Chandal Yoga) होने के पीछे बृहस्पति (गुरु) की अहम भूमिका होती है, क्योंकि बृहस्पति और राहु ग्रह की युति ही गुरु चांडाल दोष कहलाती है. यह दोष काल सर्प दोष, पितृ दोष और शनि दोष की तरह एक कष्टदायक दोष है, जो व्यक्ति को जीवन भर कष्ट देता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति के बनते काम बिगड़ जाते है, व्यक्ति सफलता पाने के लिए हमेशा संघर्ष करता रहता है.
जिस व्यक्ति की कुंडली में ‘गुरु चांडाल योग’ होता है, उसे शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय, धार्मिक कार्य, शादी विवाह आदि में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा वह व्यक्ति बौद्धिक रूप से भी बीमार रहता है, क्योंकि गुरु चांडाल दोष (Guru Chandal Dosh) व्यक्ति के दिमाग को भी प्रभावित करता है और व्यक्ति को नकारात्मकता की ओर अग्रसर करता है.
यह एक नकारात्मक दोष है जिसके कारण व्यक्ति निराशा और नकारात्मकता से घिर जाता है. इस दोष को विनाशकारी दोष भी कहा जा सकता है, क्योंकि जब किसी की कुंडली में यह दोष उपस्थित होता है तो वह विनाश की ओर बढ़ता रहता है. यह दोष फालतू खर्च, व्यापार में हानि, नौकरी में परेशानी, धन की कमी, सट्टा, जुआ, नशा, अवैध व्यापार, अनैतिक कार्यों का कारक है.
राहू-गुरु की युति से निर्माण होने वाला यह दोष व्यक्ति को गलत कार्यों के प्रति प्रभावित करता है, जिसके कारण व्यक्ति को अपमानित भी होना पड़ सकता है, व्यक्ति का चरित्र भ्रष्ट हो जाता है, व्यक्ति अवैध कार्यों को अपना लेता है. इस दोष के कारण व्यक्ति अपनी इच्छा पूर्ति के लिए कोई भी अनैतिक कार्य करने को तैयार रहता है, क्योंकि यह दोष व्यक्ति की बुद्धि को क्षीण बना देता है.
गुरु चांडाल दोष (Guru Chandal Dosh) व्यक्ति में ज्ञान की कमी लाता है, व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है, व्यक्ति को निरंतर भ्रम-संदेह की स्थिति में रखता है और गलत निर्णयों की ओर प्रेरित करता है. यह दोष व्यक्ति के शुभ गुणों को घटा देता है और नकारात्मक गुणों बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति अनुचित कार्यों को अपना लेता है, जिससे उसका चरित्र कमजोर हो जाता है.
इस दोष से पीड़ित व्यक्ति का धर्मभ्रष्ट हो जाता है, उसे अपयश का सामना करना पड़ता है, उसका वैवाहिक जीवन नरक बन जाता है, उसे कई बार अपमानित होना पड़ता है. इस दोष के कारण व्यक्ति क्रूर, धूर्त, मक्कार, दरिद्र, कुचेष्टाओं वाला, षडयंत्र करने वाला, ईर्ष्या-द्वेष, छल-कपट आदि दुर्भावना रखने वाला एवं कामुक प्रवृत्ति का होता है.
इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को कोई न कोई शारीरिक मानसिक विकृति होती है. व्यक्ति को पाचन तंत्र, लिवर की समस्या, अस्थमा, पीलिया, उच्च रक्तचाप, पुराणी कब्ज, कमर से संबंधित दर्द और कैंसर जैसी गंभीर बिमारी होने की संभावना रहती है. इसके अलावा इस दोष के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति हमेशा मानसिक रूप से बीमार रहता है.
खुदकुशी की आशंका, जेल जाना, आकस्मिक दुर्घटनायें, चोट लगना, आपरेशन, विषपान, विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में कष्ट, जीवनसाथी के साथ तालमेल नहीं रहना, घर-परिवार में शांति का अभाव, माता-पिता से विवाद, संतान को कष्ट होना, पूजा-पाठ में रुचि न रखना, नास्तिक होना आदि सब ‘गुरु चांडाल दोष’ के लक्षण है.
गुरु चांडाल दोष क्या है, गुरु चांडाल दोष कैसे चेक करे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी किसी व्यक्ति कुंडली बनाई जाती है तो उसमें योग की बहुत ही अहम भूमिका होती है. शुभ योग कई कार्यों में तरक्की दिलाते हैं और अशुभ योग बने बनाए काम बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं. ऐसे ही अशुभ योगों में से एक है गुरु चांडाल योग. यह सबसे बड़े नकारात्मक योगों में से एक है. जन्म कुंडली में गुरु ग्रह राहु के साथ किसी भी घर में स्थित होता है, तो गुरु चांडाल नामक योग बनता है. यानी यह दोष गुरु और राहू की युति से निर्माण होता है.
यह दोष कुंडली के जिस भी भाव में होता है उस भाव के शुभ फलों को घटा देता है. कुंडली में कहीं भी यह योग बनता है तो हमेशा नुकसान ही करता है. वैसे कुंडली के अलग-अलग भावों में इसका प्रभाव भी अलग-अलग होता है, आइये सबसे पहले इससे संबंधित जानते है.
कुंडली के भावों में गुरु चांडाल योग का प्रभाव
1. अगर कुंडली के प्रथम भाव में गुरु और राहु एक साथ बैठे हों तो व्यक्ति अविश्वसनीय चरित्र वाला होता है और वो अवैध तरीकों से धन कमाने का प्रयास करता है. ऐसा व्यक्ति न तो धर्म को अधिक महत्व देता है और न ही आत्मकेंद्रित होता है.
2. कुंडली के द्वितीय भाव में गुरु चांडाल योग होने से व्यक्ति धनवान होता है, लेकिन राहु की मजबूत स्थिति के कारण व्यक्ति भोग विलासिता की चीजों पर धन फिजूल खर्च करता है, व्यक्ति नशे के आदी हो जाता है. साथ ही वह मानसिक तनाव में भी रहता है.
3. कुंडली के तृतीय भाव में गुरु और राहु का संयोग व्यक्ति को बहादुर और बलवान बनाता है. गुरू के बलवान होने पर व्यक्ति लेखन कार्य में प्रसिद्ध होता है, लेकिन राहु की मजबूत स्थिति व्यक्ति को अवैध कार्यों के लिए बदनाम कर देती है.
4. अगर कुंडली के चतुर्थ भाव में गुरु चांडाल योग बनता है तो व्यक्ति समझदार और ज्ञानी होता है. लेकिन गुरु की कमजोर स्थिति के कारण व्यक्ति परिवार में रुचि नहीं लेता है और घर-परिवार में शांति का अभाव बना रहता है.
5. कुंडली के पंचम भाव में गुरु और राहु का संयोग होने से व्यक्ति के संतान को कष्ट झेलना पड़ता है और वह गलत कार्य करने लगता है. साथ ही गुरु की कमजोर स्थिति के कारण वह ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पाता है, अर्थात उसकी उच्च शिक्षा अधूरी रह जाती है.
6. कुंडली के षष्टम भाव में गुरु चांडाल योग बनने से व्यक्ति रोगों से जूझता रहता है, विशेष रूप से उसकी कमर के नीचे हमेशा ही दर्द बना रहता है और व्यक्ति शत्रुओं से पीडि़त रह सकता है.
7. अगर कुंडली के सप्तम भाव में गुरु चांडाल योग बनता है और गुरु कमजोर एवं राहु बलवान होता है तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कष्टकर साबित
होता है और जीवनसाथी के साथ तालमेल बना पाना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा व्यक्ति साझेदारी के कार्यो में धोखा खाता है.
8. अगर कुंडली के अष्टम भाव में गुरु चांडाल योग बनता है और गुरू कमजोर होता है तो आकस्मिक दुर्घटनायें, चोट, आपरेशन व विषपान आदि की आशंका रहती है. इसके अलावा व्यक्ति खुदकुशी की भी कोशिश कर सकता है.
9. कुंडली के नवम भाव में गुरु चांडाल योग बनने से और गुरू के कमजोर रहने से व्यक्ति का माता-पिता से हमेशा विवाद बना रहता है. साथ ही जातक की धार्मिक कार्यों में रुचि कम ही होती है. इसके अलावा कड़ी मेहनत करने के बाद भी व्यक्ति को सफलता नहीं मिलती है.
10. कुंडली के दशम भाव में गुरु चांडाल योग बनने से व्यक्ति के पद-प्रतिष्ठा में कमी आ जाती है और व्यवसाय एवं करियर में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा आजीविका का संकट बना रहता है. नौकरी भी स्थायी नहीं रह पाती है.
11. अगर कुंडली के एकादश भाव में गुरु चांडाल योग बनता है और राहू बलवान होता है तो व्यक्ति गलत तरीके से धन कमाने लगता है और दुष्ट मित्रों की संगति में पड़कर व्यक्ति गलत रास्ते पर भी चल पड़ता है. इस भाव में व्यक्ति की आमदनी कम और खर्चा ज्यादा होता है, व्यक्ति पैसो की बचत नहीं कर पाता है.
12. अगर कुंडली के द्वादश भाव में गुरु चांडाल योग बनता है और राहू बलवान होता है तो व्यक्ति नास्तिक बन जाता है और धर्म की आड़ में लोगों को ठगता है. इसके अलावा व्यक्ति मुकदमों में फंसा रहता है और खर्च अत्यधिक करता है.
गुरु चांडाल दोष के उपाय
➱ राहु हनुमान जी की आराधना से डरता है इसलिये हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें और हो सके तो सप्ताह में एक बार संगीतमय सुन्दरकांड का पाठ भी जरुर करें.
➱ माता-पिता तथा गुरुजनों का आदर सत्कार करना, गलत संगती से दूर रहना, मांस-मदिरा का सेवन न करना तथा गले में रुद्राक्ष व पीला पुखराज पहनना इस दोष के अशुभ प्रभावों से दूर रखता है.
➱ गुरु चांडाल दोष से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को गुरु और राहु का शांति पाठ करवाना चाहिए. इसके अलावा राहु संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए.
➱ नित्य प्रातः गायत्री मंत्र का हल्दी की माला से 108 बार जाप करें, गुरु चांडाल दोष से राहत मिलेगी.
➱ गुरु चांडाल दोष से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना करें. साथ ही प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का जलाभिषेक करें.
➱ गुरु चांडाल दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए नियमित रूप से भगवान गणेश की आराधना करनी चाहिये.
➱ घर या किसी मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करने से गुरु चांडाल दोष का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है.
➱ गुरु चांडाल दोष से मुक्ति पाने के लिये विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का नित्य पाठ करना अत्यधिक लाभदायक होता है.
➱ गुरु चांडाल दोष से बचने के लिए रोज सूर्य को जल दें और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का नियमित रुप से पाठ करें.
➱ इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को गुरु और राहु को शांत करने के लिए शांतिपाठ करवाना चाहिए, इससे गुरु चांडाल दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है.
➱ गुरु की मजबूती के लिए केले का पूजन करना लाभदायक होता है. केले के पूजन से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और इससे राहु को भय होता है.
➱ गुरु चांडाल योग के प्रभाव को कम करने के लिए माथे पर रोजाना केसर, हल्दी का तिलक लगाना चाहिए. साथ ही गुरुवार को पीले वस्त्र पहनकर पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए.
➱ दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करके राहु, केतु और गुरु की नकारात्मकता को बेअसर कर सकते हैं.
➱ गुरु व राहु का विधी विधान पूर्वक पूजन करना चाहिये. मन्त्रों का जाप, हवन, ब्राह्मणों को दान आदि कर्म करने से लाभ होता है.
➱ गुरु चांडाल योग के निवारण के लिए अपने घर के आंगन में केले का पौधा लगाये और उसकी रोजाना पूजा करे.
➱ चांडाल दोष के निवारण के लिए गाय को हरी घास खिलाएं और गुरुवार को पीले वस्त्र पहनकर पीली वस्तुओं का दान करें.
➱ बरगद के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध डालने और बहते हुए जल में सात बुधवार सूखा नारियल प्रवाहित करने से भी गुरु चांडाल दोष से राहत मिलती है.
गुरु चांडाल दोष निवारण मंत्र
यदि कोई व्यक्ति गुरु चांडाल दोष से पीड़ित है तो वह निम्नलिखित मंत्रो का जाप कर सकता है, इससे उसे राहत मिलेगी.
ओम गुरुवे नमः इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करे.
ओम रां राहवे नम: इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करे.
रोज सुबह गायत्री मंत्र (ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।) का हल्दी की माला से 108 बार जाप करें.
बृहस्पति मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः गुरुवे नमः‘ का रोजाना जाप करे.
रोजाना गणेश जी के मंत्र (ऊं गं गणपतये नम:) का जाप करे.
प्रतिदिन गुरु मंत्रों का जाप करें ओम श्री गुरुवे नमः, ओम नमः शिवाय, ओम नमो नारायणाय, या कोई भी गुरु मंत्र जिसे आप जानते हैं.
गुरु चांडाल दोष कैसे चेक करें (Guru Chandal Dosh Kaise Check Kare)
गुरु चांडाल दोष कैसे चेक करें? – अगर आप इस वेबसाइट के माध्यम से आपकी कुंडली में गुरु चांडाल दोष है या नहीं यह पता लगाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में इस तरह कमेंट करें-
- नाम: विकाश
- जन्म तारीख: 14/07/1990
- जन्मसमय 2.30 PM – मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
अथवा
- Name: Vikash
- DOB: 14-07-1990
- Birth Time: 2.30 PM
- Birth Place: Mumbai, Maharashtra India
इस तरह कमेंट बॉक्स में जन्मतिथि (जन्मतारीख+जन्मसमय+जन्मस्थान) से संबंधित जानकारी देने के बाद 12 घंटे के अंदर आपको बता दिया जाएगा कि आपकी कुंडली में गुरु चांडाल दोष है या नहीं.
निष्कर्ष (Conclusion)
इस लेख में हमने ‘गुरु चांडाल दोष (Guru Chandal Dosh) क्या है, गुरु चांडाल दोष कैसे चेक करें‘ साथ ही ‘गुरु चांडाल दोष के लक्षण और गुरु चांडाल दोष के उपाय’ से संबंधित जानकारी दी है. हमें पूरी उम्मीद है कि यह जानकारी कई लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी.
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Disclaimer – This information is taken from internet and this information is based on general assumptions. If you want to do any activity related to ‘Guru Chandal Dosh Kaise Check Kare’ or this article, then consult a good astrologer. Because Abletricks.Com does not confirm this.