गणेश भगवान से जुड़े 25 रोचक तथ्य : मंत्र : आरती – गणेश भगवान हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं और वे विद्या, बुद्धि, विविदता, और समृद्धि के प्रतीक के रूप में पूजे जाते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, क्योंकि वे सभी बड़े और छोटे कार्यों को सरलता से संपन्न करने में मदद करते हैं और रास्ते में आने वाले हर प्रकार के अच्छे और बुरे बाधाओं को दूर करते हैं।
गणेश भगवान से जुड़े 25 रोचक तथ्य : मंत्र : आरती
दोस्तों, भगवान गणेश के बारे में कई रोचक तथ्य उपलब्ध हैं, उनमे से यहां भगवान गणेश से जुड़े 25 रोचक तथ्य दिए गए हैं:
1. भगवान गणेश का दूसरा नाम “विघ्नहर्ता” है, क्योंकि उन्हें सभी बाधाओं का निवारण करने वाला माना जाता है।
2. गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है।
3. गणेश जी का मुख हाथी के समान है इसलिए उन्हें गजानन भी कहा जाता है।
4. विद्या, बुद्धि और विज्ञान के देवता माने जाने के कारण गणेश जी को शिक्षा के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
5. गणेश जी का पसंदीदा भोजन मोदक है, इसलिए गणेश जी की पूजा में मोदक का भोग लगाया जाता है।
6. गणेश जी के पास एक अंकुश भी है, जिसका उपयोग वे अपने भक्तों को सही मार्ग पर ले जाने के लिए करते हैं।
7. गणेश के दो पुत्र हैं – शुभ और लब्धि, जिसका अर्थ है “शुभ” और “लाभ”।
8. गणेशजी का वाहन मूषक (चूहा) है, जिसका प्रतीक स्वरूप उनका वाहक भी है।
9. गणेश जी का जन्म गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में हुआ था।
10. भारत के लोग गणेश जी को विद्या, कला और व्यापार में सफलता के देवता के रूप में पूजते हैं।
11. गणेश जी की एक विशेषता उनके बड़े कान हैं, जिसका प्रतीक यह है कि वे अपने भक्तों की बात सुनते हैं।
12. भगवान गणेश का जन्म माता पार्वती के द्वारकुट नामक प्रतिष्ठान में हुआ था, जिन्होंने उन्हें बिना पति के बनाया था।
13. गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति की धूप, दीप और मिठाई से पूजा की जाती है।
14. गणेश जी की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय सुबह का होता है, लेकिन यह पूजा साल के किसी भी समय भी की जा सकती है।
15. गणेश चतुर्थी मुंबई में बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
16. गणेश की माता का नाम पार्वती और पिता का नाम भगवान शिव है।
17. गणेश की पूजा हिंदू धर्म में पूजा के सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूपों में से एक है।
18. गणेश चतुर्थी 10 दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और फिर विसर्जित की जाती है।
19. गणेश की मूर्तियों की चार भुजाएँ होती हैं, जो उनके इस विश्वास को दर्शाती हैं कि वे सभी दिशाओं में सहायक हैं।
20. गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान, लाखों लोग पूजा करने के लिए भगवान गणेश की मूर्तियाँ खरीदते हैं।
21. गणेश जी की मूर्तियों का रंग विशेष रूप से हरा या पीला होता है, जो स्वाभाविकता और उपहार का प्रतीक है।
22. गणेश चतुर्थी के दौरान, गणेश की मूर्तियों को स्थापित करने के लिए स्थानीय समुदायों और समाज से योगदान प्राप्त होता है।
23. गणेश चतुर्थी का त्योहार सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है और लोग इसे खुश और मिलनसार माहौल में मनाते हैं।
24. गणेश जी की कहानियाँ और किंवदंतियाँ “गणेश पुराण” में विस्तार से वर्णित हैं।
25. गणेश चतुर्थी के दौरान, भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है, ताकि वह अपने माता-पिता के पास लौट सकें।
गणेश जी के कुछ प्रमुख मंत्र
“ॐ गं गणपतये नमः”
इस मंत्र का जाप गणेश जी की पूजा और आराधना के समय किया जा सकता है। यह मंत्र गणेश जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
“ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।”
यह मंत्र गणेश जी की आराधना के समय किया जाता है और सभी कार्यों में बाधा दूर करने के लिए प्रार्थना किया जाता है।
“गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्।
उमासुतं शोक विनाशकारणं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्।”
इस मंत्र का जाप गणपति बप्पा के पूजा और आराधना के समय किया जाता है और विघ्नों को दूर करने के लिए प्रार्थना किया जाता है।
गणेशजी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी । कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
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