भारत के तीसरे प्रधानमंत्री कौन थे (Bharat ke teesre pradhanmantri kaun the) – दोस्तों, यदि आप किसी से यह पूछते कि भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे? तो वह इस सवाल का जवाब बहुत ही आसानी से दे देगा. उसी तरह आप उसे यह भी पूछिये कि भारत के दूसरे प्रधान मंत्री कौन थे? तो शायद वह इस सवाल का जवाब भी दे देगा.
उसके बाद आप उसे यह भी पूछिये कि भारत के तीसरे प्रधानमंत्री कौन थे? तो शायद वह इस सवाल का जवाब नहीं दे पायेगा. सीधे शब्दों में कहें तो इस सवाल का जवाब बहुत ही कम लोगों को पता होगा. यहां पर हम इसी के बारे में जानने वाले हैं. जैसे भारत के तीसरे प्रधानमंत्री कौन थे? भारत के तीसरे प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितने दिनों का था? आदि.
भारत के प्रधानमंत्री (Bharat Ke Pradhan Mantri)
भारत के प्रधान मंत्री का पद भारतीय संघ की सरकार के मुखिया का पद है. यह पद सरकारी मामलों के संबंध में संसद के प्रति उत्तरदायी है. इस पद के लिए किसी भी व्यक्ति का चुनाव भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत साबित करने के बाद किया जाता है, इसका उल्लेख अनुच्छेद 75 में किया गया है.
प्रधानमंत्री पद के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री पद पर सिर्फ तब तक ही रह सकता है जब तक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में है. प्रधानमंत्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद का प्रमुख होने के साथ-साथ राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार भी होता है. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर ही मंत्रियों की नियुक्ति करते है. प्रधानमंत्री मंत्रियों के विभागों का भी निर्णय करते है. कैबिनेट के कार्य भी प्रधानमंत्री ही तय करते हैं.
इसके अलावा, देश के प्रशासन को निर्देश भी प्रधानमंत्री ही देते हैं और सभी नीतिगत निर्णय भी प्रधानमंत्री ही लेते हैं. राप्रधानमंत्री राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संपर्क का बिंदु है. मंत्रिपरिषद का प्रधान व्याख्याता भी प्रधानमंत्री ही होता है. इतना ही नहीं, सत्ताधारी दल के नाम पर लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का नेतृत्व भी प्रधानमंत्री करते हैं. प्रधानमंत्री संसद मे मंत्रिपरिषद के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे शामिल हो सकते है. अधिक पढ़े..
भारत के तीसरे प्रधानमंत्री कौन थे (Bharat Ke Teesre Pradhanmantri Kaun The)
श्रीमती इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ही भारत की तीसरी प्रधानमंत्री थीं, साथ ही यह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी थी. इनके नाम 5829 दिनों तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड है.
इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक लगातार प्रधानमंत्री बनी रहीं. इसके बाद दूसरी बार 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला. यानि, वह अपने मृत्यु से पहले तक 4 साल 291 दिनों तक फिर प्रधानमंत्री पद पर बनी रहीं.
भारत के तीसरे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था. इंदिरा गांधी भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी हैं. ऐसा कहा जाता है कि इनका पालन-पोषण बहुत दुखद परिस्थितियों में हुआ, क्योंकि इन्होंने बहुत ही कम उम्र में अपनी मां (कमला नेहरु) को खो दिया था और नेहरू जी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अक्सर बहुत व्यस्त रहते थे.
इनकी शिक्षा की बात करें तो इन्होंने इकोले नोवेल, बीक्स (स्विट्जरलैंड), इकोले इंटरनेशनेल, जिनेवा, पूना और बॉम्बे में स्थित प्यूपिल्स ओन स्कूल, बैडमिंटन स्कूल, ब्रिस्टल, विश्व भारती, शांतिनिकेतन और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से पढ़ाई की है.
कहा जाता है कि इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रही हैं. बचपन में ही उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की मदद के लिए 1930 में बच्चों की मदद से ‘वानर सेना’ का गठन किया था.
इनकी शादी की बात करें तो इन्होंने 26 मार्च 1942 को फिरोज गांधी से शादी की. शादी के बाद इन्होंने 1944 में राजीव और दो साल बाद संजय गांधी को जन्म दिया.
उसके बाद, 1950 के दशक में, उन्होंने अपने पिता के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान गैरसरकारी तौर पर एक निजी सहायक के रूप में कार्य किया. इस तरह नेहरू जी की मृत्यु के बाद सन् 1964 में उनकी नियुक्ति एक राज्यसभा सदस्य के रूप में हुई.
इसके बाद वह लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं. लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक मृत्यु के बाद उस समय के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ‘के. कामराज’ इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते थे.
फिर तुरंत बाद इंदिरा गांधी ने चुनाव लड़ा और जीता और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और भारत की तीसरी प्रधानमंत्री बनी. इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक लगातार प्रधानमंत्री बनी रहीं. उसके बाद दूसरी बार 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला.
सन 1980 में सत्ता में लौटने के बाद वह अधिकतर पंजाब के अलगाववादियों के साथ बढ़ते हुए द्वंद्व में उलझी रहीं, जिसके चलते सन 1984 में उनकी हत्या कर दी गई.
प्रधानमंत्री के शासनकाल में इंदिरा गांधी को कई बार उतार-चढ़ावो का सामना करना पड़ा. 1975 में आपातकाल, 1984 में सिख दंगों जैसे कई मुद्दों पर भारी विरोध-प्रदर्शन और तीखी आलोचनाए झेलनी पड़ी थी.
इसके बावजूद उन्होंने हरित क्रांति, निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण, शिमला समझौते के फलस्वरुप बांग्लादेश का उदारीकरण, पोखरण परिक्षण, पहले आदमी को अंतरिक्ष में भेजना और विदेशी नीतियों की सुविधा देना जैसे बड़े बड़े करके कार्य करके भारत को एक नया गौरवपूर्ण क्षण दिलवाया.
इंदिरा गांधी फौलादी इरादों और निडर फैसलों वाली शख्सियत थी, जिन्होंने अपने कठोर फैसलों और अपनी दूरदर्शी तथा कुशल प्रशासकीय क्षमता की बदौलत पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया था.
भारत के तीसरे प्रधानमंत्री को मिलने वाले पुरस्कार
श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल की, जिसके कारण उन्हें कई पुरस्कारो से सम्मानित किया गया.
- भारत रत्न पुरस्कार उन्हें 1972 में प्राप्त हुआ.
- बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए उन्हें 1972 में मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ.
- एफएओ का दूसरा वार्षिक पदक उन्हें 1973 में प्राप्त हुआ.
- 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- 1953 में श्रीमती गाँधी को अमरीका ने मदर पुरस्कार दिया.
- कूटनीति में उत्कृष्ट कार्य के लिए इटली ने इसाबेला डी एस्टे पुरस्कार से सम्मानित किया.
- येल विश्वविद्यालय ने होलैंड मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया.
- फ्रांस जनमत संस्थान के सर्वेक्षण के अनुसार वह 1967 और 1968 में फ्रांस की सबसे लोकप्रिय महिला थी.
- 1971 में अमेरिका के विशेष गैलप जनमत सर्वेक्षण के अनुसार वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय महिला थी.
- पशुओं के संरक्षण के लिए 1971 में अर्जेंटीना सोसायटी द्वारा उन्हें सम्मानित उपाधि दी गई.
अंतिम शब्द
दोस्तों, बहुत से छात्र गूगल पर Bharat ke teesre pradhanmantri kaun the या Who was the third prime minister of india इस तरह सर्च करते है. यानी वे जानना चाहते है कि भारत के तीसरे प्रधानमंत्री कौन थे? इसी सवालों के जवाब के लिए यह लेख प्रकाशित किया गया है. उम्मीद करते है कि इस लेख में प्रकाशित की गई जानकारी कई लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी.
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