भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कौन थे (Bharat ke dusre pradhanmantri kaun the) – पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री थे, तो फिर भारत के दूसरे प्रधान मंत्री कौन थे? यहां पर हम इसी के बारे में जानने वाले हैं. जैसे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कौन थे (Who was the second prime minister of india), भारत के दूसरे प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितने दिनों का था? भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कैसे बने? आदि.
भारत के प्रधानमंत्री (Bharat Ke Pradhan Mantri)
भारत में प्रधानमंत्री का पद भारतीय संघ के शासन प्रमुख का पद है. यह पद सरकार के कार्यों को लेकर संसद के प्रति जिम्मेदार होता है. इस पद पर किसी भी व्यक्ति का चयन भारत के राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत सिद्ध करने पर किया जाता है, इसका वर्णन आर्टिकल 75 में किया गया है.
इस पद के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन कोई भी व्यक्ति इस पद पर केवल तभी तक रह सकता है जब तक लोकसभा में बहुमत उसके पक्ष में हो. प्रधानमंत्री केंद्र सरकार के मंत्रिपरिषद का मुख्य और राष्ट्रपति का प्रमुख सलाहकार होता है. राष्ट्रपति मंत्रिगण की नियुक्ति भी प्रधानमंत्री की सम्मति से ही करते हैं. मंत्रियों के विभागो का निर्धारण भी प्रधान मंत्री ही करते है. मंत्रिमंडल के कार्य का निर्धारण भी प्रधानमंत्री ही करते है.
इसके अलावा, देश के प्रशासन को निर्देश भी प्रधानमंत्री ही देते हैं और सभी नीतिगत फैसले भी प्रधानमंत्री ही लेते हैं. राष्ट्रपति तथा मंत्रिपरिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी प्रधानमंत्री ही हैं. मंत्रिपरिषद का प्रमुख प्रवक्ता भी प्रधानमंत्री ही है. केवल यहीं नहीं, सत्तापक्ष के नाम से लड़ी जाने वाली संसदीय बहसों का संचालन भी प्रधानमंत्री ही करते है. प्रधानमंत्री पार्लियामेंट मे मन्त्रि-परिषद् के पक्ष मे लड़ी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकते है. अधिक पढ़े..
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कौन थे (Bharat Ke Dusre Pradhanmantri Kaun The)
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के मृत्यु के बाद गुलजारीलाल नन्दा को 1964 में कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया. उस समय वे केवल 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे. उसके बाद देश के दुसरे प्रधानमंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री की नियुक्ति हुई.
लाल बहादुर शास्त्री को ही भारत के दुसरे प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है. यह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक यानी अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री पद पर रहे.
तो दोस्तों अब आप जान गए होंगे कि भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कौन थे (Bharat ke dusre pradhanmantri kaun the), गुलजारीलाल नन्दा जी केवल कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाये गए थे, बल्कि लाल बहादुर शास्त्री जी को मुख्य रूप से भारत के दुसरे प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था.
कई लोग गुलजारीलाल नंदा को देश का दूसरा प्रधानमंत्री मानते हैं तो कई लोग लाल बहादुर शास्त्री को देश का दूसरा प्रधानमंत्री मानते हैं. लेकिन वास्तव में लाल बहादुर शास्त्री ही भारत के दूसरे स्थायी प्रधानमंत्री थे.
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बारे में
लाल बहादुर शास्त्री जिन्हें भारत के दुसरे प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है. यह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक, यानी अपनी मृत्यु तक लगभग डेढ़ साल (18 महीने) भारत के प्रधानमन्त्री रहे. इनके शासनकाल के दौरान, 1965 का भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ, शास्त्री जी ने इस युद्ध में जवाहरलाल नेहरू से बेहतर नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान पर जीत हासिल की.
फिर पाकिस्तान के प्रधान मंत्री अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया. उसके बाद अचानक 11 जनवरी 1966 की रात रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई.
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय (वाराणसी) में हुआ था. शास्त्री जी को काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिली थी. शास्त्री जी अच्छा स्वभाव और साफ सुथरी छवि के कारण जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद उन्हें देश का प्रधान मंत्री बनाया गया था.
इन्होंने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल में देश के लिए बहुत ही अच्छा काम किया, जिसके कारण उन्हें उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नन्दा के बारे में
गुलजारीलाल नंदा को भारत के कार्यवाहक प्रधान मंत्री के रूप में जाना जाता है. यह एकमात्र ऐसे कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने दो बार इस जिम्मेदारी को निभाया है. यह प्रथम बार पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने और दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने.
नंदाजी कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ सहयोगी थे, जिसके कारण वे दो बार कार्यवाहक प्रधान मंत्री बने. पहली बार इनका कार्यकाल 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक रहा, जबकि दूसरी बार उनका कार्यकाल 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक रहा.
नंदाजी एक स्वच्छ छवि वाले गांधीवादी राजनेता थे, जिन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न (1997) और दूसरा सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्म विभूषण प्रदान किया गया.
गुलजारीलाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था और उनका निधन 15 जनवरी 1998 को 100 वर्ष की आयु में हुआ था.
भारत के दुसरे प्रधानमंत्री कैसे बने थे?
ऐसा कहा जाता है कि लाल बहादुर शास्त्री के लिए प्रधानमंत्री बनना आसान नहीं था, जब 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु हुई, तो उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं था, हालांकि प्रधानमंत्री बनने के कई दावेदार थे. ऐसे में शास्त्री जी का प्रधानमंत्री बनना न तो पहले से निर्धारित था और न ही वे बहुत जयादा ताकतवर दावेदार थे.
उस समय शास्त्री जी के अलावा प्रधानमंत्री पद के दावेदार गुलजारी लाल नंदा, जय प्रकाश नारायण और मोरारजी देसाई थे. प्रधानमंत्री पद की दौड़ में यह तीनो ही शास्त्री की दावेदारी को कड़ी टक्कर दे रहे थे, क्योंकि इन तीनो का ही प्रबल व्यक्तित्व था.
हालाँकि लाल बहादुर शास्त्री जवाहरलाल नेहरू के सबसे विश्वासपात्र थे, नेहरू जी जब बीमार थे तब उनका सारा काम शास्त्री जी ही देखा करते थे. नेहरू जी ने भी अपने अंतिम दिनों में शास्त्री जी को कई जिम्मेदारियां सौंपनी शुरू कर दीं थीं, जिससे पार्टी में ये संदेश गया कि वो उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में तैयार कर रहे हैं.
शास्त्री के पक्ष में नेहरू का नाम होना ही अपने आप में एक बहुत बड़ा कारण था, जिससे वे प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार साबित हो रहे थे. नेहरू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए कई नाम सामने आए, लेकिन धीरे धीरे बात मोरारजी देसाई और शास्त्री पर आकर टिक गई है.
हालांकि उस समय के ‘कांग्रेस अध्यक्ष कामराज’ मोरारजी देसाई के पक्ष में नहीं थे, इस प्रकार शास्त्रीजी को बढ़त मिली और बाद में मोरारजी देसाई को भी अपनी दावेदारी वापस लेने के लिए मन लिया गया.
उसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने लाल बहादुर शास्त्री को नेहरू के उत्तराधिकारी यानी देश के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में चुना. यह भी कहा जाता है कि शास्त्री जी खुद को नेहरू के उत्तराधिकारी नहीं मानते थे, बल्कि उनका मानना था कि नेहरू के उत्तराधिकारी इंदिरा या जेपी नारायण हो सकते हैं.
अंतिम शब्द
दोस्तों, बहुत से छात्र गूगल पर Bharat ke dusre pradhanmantri kaun the या Who was the second prime minister of india इस तरह सर्च करते है. यानी वे जानना चाहते है कि भारत के दूसरे प्रधानमंत्री कौन थे? इसी सवालों के जवाब के लिए यह लेख प्रकाशित किया गया है. उम्मीद करते है कि इस लेख में प्रकाशित की गई जानकारी कई लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी.
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