आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी, आपकी मौत किस उम्र में होगी, आप किस उम्र में मरेंगे, आप कितने साल तक जिंदा रहेंगे, आपकी मौत कब और कैसे होगी – इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें.

मौत एक सच्चाई है, जिसने भी जन्म लिया, उसकी मौत होना तय है. चाहे व्यक्ति कितने ही अच्छे या बुरे कर्म कर ले, चाहे व्यक्ति कितनी ही साधना या आराधना कर ले, एक दिन उसकी मौत होनी तय है. यदि आप जानना चाहते हैं कि आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी या आपकी मौत किस उम्र में होगी, तो आपको कुछ बातें समझनी होंगी, क्योंकि मृत्यु एक कुदरती प्रक्रिया है जो सभी जीवों में होती है.

आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी, आपकी मौत किस उम्र में होगी
आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी, आपकी मौत किस उम्र में होगी

इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक जीव की मृत्यु होनी निश्चित है. मृत्यु को कोई भी नहीं टाल सकता. क्योंकि मृत्यु अटल है. जिस प्रकार गर्भ में पलने वाला बच्चा कई चरणों से गुजरते हुए जन्म लेता है, उसी प्रकार जीवित जीवों को मृत्यु को प्राप्त करने से पहले कई चरणों से गुजरना पड़ता है.

मृत्यु सामान्यतः वृद्धावस्था, दुर्घटना, रोग, हत्या, चिंता, लालच, कुपोषण के परिणाम स्वरूप प्राप्त होती है. मृत्यु और जीवन एक ही तथ्य के दो पहलु है, क्योंकि मृत्यु से ही नया जीवन मिलता है. इसलिए मृत्यु भी उतनी ही महत्वपूर्ण और आवश्यक है जितना कि जन्म.

ज्ञानी पंडितो और विद्वानों के मुताबिक कोई भी प्राणी जब इस संसार में जन्म लेता है, तो उसकी मृत्यु का समय, तिथि और कारण यह सब पहले से ही तय हो जाता है, हालांकि यह भगवान के अलावा किसी को पता नहीं होता है.

लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे भी महापुरुष जन्म ले चुके है, जिन्हें उनके मृत्यु की तिथि और कारण पता था. कुछ लोग तो दुसरे लोगों की मृत्यु की भविष्यवाणी भी करते है. अभी हाल ही में ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर 2022 को हुआ है.

इनके मौत की भविष्यवाणी @aidemleoxide नाम के ट्वीटर अकाउंट से 05 फरवरी 2022, समय 1:15 am पर एक ट्वीट के जरिये की गई थी और वह बिल्कुल सही साबित हुई.

आप यह ट्वीट देखिये, जो 05 फरवरी 2022, समय 1:15 am को किया गया था. जिसमे साफ साफ लिखा है कि महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का निधन 8 सितंबर 2022 को होगा. यह भविष्यवाणी सच भी हुई है.

मृत्यु की भविष्यवाणी की बात करें तो कई लोगों ने अपनी मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी की थी. आपके इलाके में भी आपको ऐसे कई मामले सुनने को मिलेंगे. इसके अलावा भारतीय ज्योतिष विज्ञान में भी कई विद्वानों ने न केवल अपनी मृत्यु् का, बल्कि दूसरे की मृत्यु का भी सटीक समय बताया है.

हालांकि किसी भी ज्योतिषी के लिए मृत्यु का सही समय बता पाना यानि मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी करना आसान नहीं है, क्योंकि मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए भी ज्योतिषीय दृष्टिकोण में कई जटिलताएं सामने आती हैं.

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि कैसे कोई ज्योतिष किसी भी व्यक्ति की मृत्यु की भविष्यवाणी करता है. साथ ही आप ‘आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी’ या ‘किस उम्र में आपकी मौत होगी’ यह पता करने का तरिका जानेंगे.

आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी, आपकी मौत किस उम्र में होगी

मृत्यु क्या है? किसी भी जीव के जीवन का अंत मृत्यु कहलाता है. मृत्यु सामान्यतः वृद्धावस्था, दुर्घटना, रोग, हत्या, चिंता, लालच, कुपोषण के परिणामस्वरूप प्राप्त होती है. विद्वानों के मुताबिक मृत्यु केवल आत्मा का स्थानांतरण है, जैसे हम पुराने कपड़े बदलते हैं, वैसे ही आत्मा शरीर बदलती है. शरीर में मौजूद उर्जा जिसे आत्मा कहते हैं, यह कभी भी समाप्त नहीं होती है, बस रूपांतरित होती रहती है.

भारतीय ज्योतिष विज्ञान के लिए मृत्यु कोई रहस्य नहीं है, क्योंकि ज्योतिष विज्ञान मृत्यु की गणना कर सकता है. जिसके परिणाम स्वरूप ‘आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी’ या ‘किस उम्र में आपकी मृत्यु होगी’ यह पता किया जा सकता हैं.

लेकिन कोई साधारण मनुष्य मृत्यु की सटीक गणना नहीं कर सकता, मृत्यु की सटीक गणना करना बेहद ही मुश्किल काम है. दुनिया की अलग-अलग संस्कृतियों और धर्मों में मृत्यु को लेकर कई रहस्यमयी गणनाएं हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति में मृत्यु के रहस्यों की गहराई से जांच की गई है.

मृत्यु की गणना करने के सिद्धांत को आप मृत्यु योग कैलकुलेटर (Mrityu yog calculator) भी कह सकते है. विद्वानों के मुताबिक व्यक्ति की कुंडली में ही मृत्यु का रहस्य छिपा होता है, इसलिए व्यक्ति के मृत्यु की गणना की जा सकती है.

विद्वानों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जब इस संसार में जन्म लेता है, तो उसकी मृत्यु का समय, तिथि और कारण, यह सब कुछ पहले से तय हो जाता है, जिसका पूरा लेखा-जोखा कुंडली में मौजूद होता है.

कुंडली में व्यक्ति का पूरा लेखा-जोखा होने के वजह से ही ज्योतिषी व्यक्ति के बारे में जान पाते हैं कि व्यक्ति का स्वभाव कैसा होगा, व्यक्ति किस क्षेत्र में सफल हो सकता है, उसे कौन-कौन से रोग हो सकते हैं, उसे कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा या व्यक्ति कितने साल तक जिंदा रहेगा, आदि.

कुंडली से जाने आपकी मौत कब और कैसे होगी

जन्‍म लेने के साथ ही व्‍यक्ति के मृत्यु का समय भी तय हो जाता है. यदि आप कुंडली का ज्ञान रखते है तो आप मृत्यु योग (Mrityu yog) को भी बहुत अच्छे से समझ सकते है. साथ ही ‘आप कितने साल तक जिंदा रहेंगे’ या ‘आप किस उम्र में मरेंगे’ यह भी पता कर सकते है.

शास्त्रों में बालारिष्ट, योगारिष्ट, अल्प, मध्य, दीर्घ, दिव्य और अमित इन सात प्रकार की मृत्यु योग के बारे में बताया गया है. अगर आप इन सातो मृत्यु योगों के बारे में जानेंगे तो आपको मृत्यु का रहस्य भी पता चल जाएगा. तो आइये इनसे परिचित होते है-

मौत की तारीख या मृत्यु की तिथि (Death date) पता करना बहुत ही कठिन कार्य है, यह केवल वही पता कर सकता है जो ज्योतिष विद्या में निपुण होता है. दुनिया में असंख्य ज्योतिषी हैं, लेकिन ज्योतिष विद्या में निपुण ज्योतिषी बहुत कम हैं.

हालांकि अधिकांश ज्योतिषी मनुष्य के मृत्यु की भविष्यवाणी काफी हद तक सही करने में सक्षम हैं, लेकिन ऐसे ज्योतिषी बहुत कम हैं, जो मनुष्य के मृत्यु की सटीक भविष्यवाणी कर सकते हैं.

ज्योतिषी मनुष्य के मृत्यु की भविष्यवाणी मनुष्य के जन्मकुंडली के आधार पर करते है. क्योंकि मनुष्य के जन्मकुंडली में मनुष्य के जीवन से लेकर मृत्यु तक की सारी जानकारी मौजूद होती है. यानी मनुष्य के जन्मकुंडली से मनुष्य के मृत्यु सबंधी काफी हद तक जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

जानिए, कुंडली में कहां छिपा होता है मृत्यु का रहस्य

ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य की जन्मकुंडली के 8वें भाव को आयु या मृत्यु का भाव कहा जाता है. क्योंकि इस भाव से मृत्यु का कारण और मृत्यु का समय पता किया जा सकता है. इस भाव में मौजूद राशि, ग्रह, ग्रह दृष्टि और दृष्टि संबंध के आधार पर यह जाना जा सकता है कि व्यक्ति की मृत्यु कब और कहां होगी. तो आइये जन्मकुंडली के 8वें भाव से मृत्यु सबंधी कौन कौन सी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, इससे संबंधित जानते है.

1. यदि किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में सूर्य हो तो उस मनुष्य की मृत्यु आग के कारण होती है. यह आग किसी भी प्रकार की हो सकती है. इलेक्ट्रॉनिक चीजो से, पेट्रोल-डीजल से, गैस से, वाहन या अन्य सभी प्रकार की आग से.

2. यदि किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में चन्द्रमा हो तो उस मनुष्य की मृत्यु जल से होती है. उदाहरण के लिए नदी, तालाब, समुद्र, कुएँ, बावड़ी आदि में डूबने से या जल जनित रोगों से मृत्यु होती है.

3. अगर किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में मंगल हो तो उस मनुष्य की मृत्यु अस्त्र-शस्त्र, चाकू, छुरी से कटने से होती है. इसके अलावा किसी आकस्मिक दुर्घटना में मनुष्य का शरीर कटने से मृत्यु होती है.

4. अगर किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में बुध हो तो उस मनुष्य की मृत्यु किसी प्रकार के ज्वर, बुखार, संक्रमण, वायरस, बैक्टीरिया आदि के कारण होती है.

5. यदि किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में बृहस्पति (गुरु) हो तो उस मनुष्य की मृत्यु अजीर्ण, अपच, जैसे पेट के रोगों से होती है. यानी फूड प्वाइजनिंग, खानपान में लापरवाही से होने वाले बीमारियों से इनकी मृत्यु होती है.

6. यदि किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में शुक्र हो तो उस मनुष्य की मृत्यु भूख से होती है. यानी अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी के कारण कुछ भी नहीं खा पाता है या उसे समय पर खाने को कुछ नहीं मिलता है, तो उसकी मृत्यु होती है.

7. अगर किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में शनि हो तो उस मनुष्य की मृत्यु प्यास या पानी की कमी से होती है. ऐसे मनुष्य की मृत्यु किडनी रोग या पानी की कमी से होने वाली बीमारियों के कारण होती है.

8. अगर किसी मनुष्य की जन्मकुंडली के आठवें भाव में राहु-केतु सहित अनेक ग्रह हो तो जो ग्रह सबसे सर्वाधिक बलवान होता है, उसी के अनुसार मृत्यु हो सकती है, ऐसा समझना चाहिए.

मृत्यु से पहले के संकेत

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को मृत्यु से पहले कई तरह के संकेत मिलने लगते हैं. इन संकेतों का जिक्र भगवान शिव ने शिव पुराण में मां पार्वती को बताते हुए किया है.

1. शिव पुराण में बताया गया है कि मृत्यु से कुछ महीने पहले व्यक्ति की जीभ ठीक से काम करना बंद कर देती है, उसे भोजन का सही स्वाद नहीं मिलता है और उसे बोलने में भी परेशानी होती है.

2. जब कोई व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य और अग्नि के प्रकाश को देखने में असमर्थता महसूस करने लगे, तो यह इस बात का संकेत है कि व्यक्ति के जीवन के कुछ क्षण ही शेष हैं. ऐसा कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति मृत्यु के करीब होता है, तो उसे चंद्रमा और सूर्य सामान्य रूप से दिखाई नहीं देते हैं.

3. शिव पुराण में भगवान शिव के अनुसार, जब किसी व्यक्ति के शरीर का रंग हल्का नीला या पीला या सफेद होने लगता है, तो यह लक्षण बताता है कि व्यक्ति की मृत्यु निकट है.

4. यदि किसी व्यक्ति को अपनी परछाई दिखाई नहीं देती है, तो इसे मृत्यु निकट होने का सूचक माना गया है. वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई वृद्ध व्यक्ति बिना धड़ के अपनी परछाई देखता है तो उस व्यक्ति की मृत्यु बहुत जल्द होने वाली होती है.

5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को मुंह, जीभ, आंख, कान और नाक में पत्थर जैसा महसुस होने लगे तो यह संकेत व्यक्ति की शीघ्र मृत्यु होने का माना जाता है.

6. इनके अलावा कई जगहों पर यह भी कहा गया है कि मृत्यु के 2 से 3 दिन पहले व्यक्ति को अपने आसपास किसी अदृश्य शक्ति की उपस्थिति का अहसास होने लगता है.

7. कई जगहों पर यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति मृत्यु से 24 घंटे पहले मरने वाला होता है, उसे आईने में स्वय का चेहरा नहीं दिखता है, बल्कि किसी और का चेहरा दिखता है. ऐसे में यह समझ लेना चाहिए कि मृत्यु निकट है.

8. व्‍यक्ति का अचानक नीली मक्खियों से घिर जाना भी मृत्‍यु से पहले मिलने वाला संकेत है, ऐसे व्‍यक्ति की महीने भर में मृत्‍यु हो सकती है.

कुंडली से जाने आपकी मृत्यु कब और किस उम्र में होगी

शास्त्रों में मृत्यु योग के सात प्रकार बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं- बलारिष्ट, योगारिष्ट, अल्पा, मध्य, दीर्घ, दिव्य और अमित. तो आइए जानते हैं इनसे संबंधित जरुरी जानकारी.

1. बालारिष्ट योग – जन्म से 8 वर्ष की आयु तक होने वाली मृत्यु को बालारिष्ट योग कहा जाता है.

2. योगारिष्ट योग – 8 से 20 वर्ष की आयु तक होने वाली मृत्यु को योगारिष्ट योग कहा जाता है.

3. अल्पायु योग – 20 से 32 वर्ष की आयु तक होने वाली मृत्यु को अल्पायु योग कहा जाता है.

4. मध्यायु योग – 32 से 64 वर्ष की आयु तक होने वाली मौत को मध्यायु योग कहा जाता है.

5. दीर्घायु योग – 64 से 120 वर्ष की आयु तक होने वाली मृत्यु को दीर्घायु योग कहा जाता है.

6. दिव्यायु योग – यदि शुभ ग्रह बुध, बृहस्पति, शुक्र और चंद्रमा केंद्र और त्रिकोण में हों, और सभी पाप ग्रह तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में हों, और आठवें भाव में शुभ ग्रह या शुभ राशियां हों तो ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दिव्य आयु योग बनता है. ऐसा जातक यज्ञ, जप, अनुष्ठान व कायाकल्प क्रियाओं द्वारा हजारों वर्षों तक जीवित रह सकता है.

7. अमित योग – देवताओं, वसुओं और गंधर्वों को यह योग मिलता है. मनुष्य का इस योग से कोई लेना-देना नहीं है.

इन मृत्यु योगों की सहायता से आप जान सकते हैं कि ‘आपकी मृत्यु कब और किस उम्र में होगी’ लेकिन इसके पहले आपको यह जानना होगा कि आपकी कुंडली में कौन सा मृत्यु योग है. इसके लिए आपको किसी अच्छे ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए, जिसे कुंडली का अच्छा ज्ञान हो, जो ज्योतिष विद्या में निपुण हो.

क्योंकि ‘आपकी मृत्यु कब और कैसे होगी’ या ‘आपकी मौत किस उम्र में होगी’ या ‘अपने मृत्यु की सटीक जानकारी प्राप्त करना’ बेहद ही मुश्किल काम है, जो हर किसी के बस की बात नहीं है.

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