Aaj Ka Shubh Muhurat : कोई भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए, इससे शुभ फल प्राप्त होते है. ज्योतिष के अनुसार एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं, उनमे सबसे शुभ और फलदायी अभिजीत मुहूर्त (Abhijit muhurat) है. इस मुहूर्त पर किये गए सभी कार्य सफल होते है, इसलिए इसे अति शुभ मुहूर्त कहा जाता है. अभिजीत मुहूर्त को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे- अभिजीन मुहूर्त, चतुर्थ लग्न, कुतुब मुहूर्त और स्वामी तीथियंश मुहूर्त.

aaj ka shubh muhurat
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आज का शुभ मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त – इस पेज पर आप आज का शुभ मुहूर्त कितने बजे है यानी आज का अभिजीत मुहूर्त कब है (Abhijit muhurat time Today) के बारे में जानेंगे. इसके अलावा आप शुभ मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त से जुड़ी अहम जानकारियों से परिचित होंगे.

Aaj Ka Shubh Muhurat – आज का शुभ मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त

आज का अभिजीत मुहूर्त; भारत की राजधानी दिल्ली के अनुसार

 

अभिजीत मुहूर्त को शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सप्ताह के 6 दिन (बुधवार को छोड़कर) अपने समय पर बहुत ही शुभ और फलदायी होता है. इसके समय पर किये गए सभी महत्वपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पुरे होते है. अभिजीत मुहूर्त कई प्रकार के दोषों को नष्ट करने की क्षमता रखता है. यह शुभ मुहूर्त अपने नाम के अर्थ (विजयी) की तरह ही शुभ फल प्रदान करता है. इस मुहूर्त पर किए गए सभी कार्य सफल होते हैं और जातक को विजय प्राप्त होती है.

इसके अलावा इस समय पर सभी शुभ कार्य किए जा सकते है. सभी शुभ कार्य जैसे- किसी विशेष कार्य के लिए यात्रा करना, नया काम शुरू करना या व्यवसाय शुरू करना, धन संग्रह करना या पूजा शुरू करना आदि. अभिजीत मुहूर्त बहुत ही मजबूत और शुभ समय (Shubh Muhurat) है. यह बुरे प्रभावों से बचाता है और सभी नकारात्मक स्थितियों को सकारात्मक में बदल देता है.

हिंदू शास्त्रों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त को भगवान श्री विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त है. इसलिए यह इस मुहूर्त का समय अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है. इसके साथ ही, इसी मुहूर्त पर भगवान शिव ने शक्तिशाली क्रूर त्रिपुरासुर का वध किया था.

अभिजीत मुहूर्त दिन के 15 मुहूर्तों में से 8वां मुहूर्त है, जो सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के बीच मौजूद होता है और लगभग 48 मिनट तक रहता है. इस मुहूर्त का समय दिन के मध्य भाग से लगभग 24 मिनट पहले शुरू होता है और दिन के मध्य भाग के 24 मिनट बाद समाप्त होता है.

इस मुहूर्त में शुरू किए गए कार्यों में नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. लेकिन यह ध्यान रहे कि अभिजीत मुहूर्त बुधवार को नहीं होता है और बुधवार को इस मुहूर्त पर कुछ कार्य वर्जित है. वैसे बुधवार को कोई अन्य शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) हो सकते है, इसके लिए आपको शुभ और अशुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी होनी चाहिए.

सूर्योदय से सूर्योदय तक यानी 24 घंटे में 30 मुहूर्त होते हैं. 15 मुहूर्त दिन में और 15 मुहूर्त रात्रि में होते हैं. एक मुहूर्त दो घड़ी अर्थात् लगभग 48 मिनट का होता है. इन 30 मुहूर्तो में कुछ शुभ तो कुछ अशुभ होते हैं.

30 मुहूर्तों के नाम

रुद्र, आहि, मित्र, पितॄ, वसु, वाराह, विश्वेदेवा, विधि, सतमुखी, पुरुहूत, वाहिनी, नक्तनकरा, वरुण, अर्यमा, भग, गिरीश, अजपाद, अहिर बुध्न्य, पुष्य, अश्विनी, यम, अग्नि, विधातॄ, कण्ड, अदिति, जीव/अमृत, विष्णु, युमिगद्युति, ब्रह्म और समुद्रम हैं.

इसमें शुभ और अशुभ दोनों मुहूर्तों के नाम शामिल हैं. यदि आप जानना चाहते हैं कि कौन सा मुहूर्त शुभ है और कौन सा मुहूर्त अशुभ है तो इसकी जानकारी नीचे दी गई है.

शुभ और अशुभ मुहूर्त और समय

 क्र.  समय  मुहूर्त  गुण
 1  06:00 – 06:48  रुद्र  अ शु भ
 2  06:48 – 07:36  आहि  अ शु भ
 3  07:36 – 08:24  मित्र  शु भ
 4  08:24 – 09:12  पितॄ  अ शु भ
 5  09:12 – 10:00  वसु  शु भ
 6  10:00 – 10:48  वाराह  शु भ
 7  10:48 – 11:36  विश्वेदेवा  शु भ
 8  11:36 – 12:24  विधि  शु भ – सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर
 9  12:24 – 13:12  सतमुखी  शु भ
 10  13:12 – 14:00  पुरुहूत  अ शु भ
 11  14:00 – 14:48 वाहिनी  अ शु भ
 12  14:48 – 15:36  नक्तनकरा  अ शु भ
 13  15:36 – 16:24  वरुण  शु भ
 14  16:24 – 17:12  अर्यमा  शु भ – रविवार को छोड़कर
 15  17:12 – 18:00  भग  अ शु भ
 16  18:00 – 18:48  गिरीश  अ शु भ
 17  18:48 – 19:36  अजपाद  अ शु भ
 18  19:36 – 20:24  अहिर बुध्न्य  शु भ
 19  20:24 – 21:12  पुष्य  शु भ
 20  21:12 – 22:00  अश्विनी  शु भ
 21  22:00 – 22:48  यम  अ शु भ
 22  22:48 – 23:36  अग्नि  शु भ
 23  23:36 – 24:24  विधातॄ  शु भ
 24  24:24 – 01:12  कण्ड  शु भ
 25  01:12 – 02:00  अदिति  शु भ
 26  02:00 – 02:48  जीव/अमृत  बहुत शु भ
 27  02:48 – 03:36  विष्णु  शु भ
 28  03:36 – 04:24  युमिगद्युति  शु भ
 29  04:24 – 05:12  ब्रह्म  बहुत शु भ
 30  05:12 – 06:00  समुद्रम  शु भ

शुभ मुहूर्त के प्रकार

अभिजीत मुहूर्त- सभी मुहूर्तों में अभिजित मुहूर्त अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना गया है. अभिजित मुहूर्त प्रत्येक दिन दोपहर से करीब 24 मिनट पहले शुरू होकर दोपहर के 24 मिनट बाद समाप्त हो जाता है. इस शुभ मुहूर्त में सभी वर्ण एवं जाति के मेल-मिलाप संबंधी कार्य, धन संग्रह, यात्रा आदि के कार्य किए जाते हैं. यह मुहूर्त सभी प्रकार की कामनाओं को पूर्ण करने वाला भी माना गया है.

चौघड़िया शास्त्र में चौघड़िया मुहूर्त का विशेष स्थान होता है. चौघड़िया ज्योतिष की एक ऐसी तालिका है जो खगोलिय स्थिति के आधार पर दिन के 24 घंटों की दशा बताती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए कोई शुभ मुहूर्त न मिले तो उस अवस्था में चौघड़िया मुहूर्त में उस कार्य को किया जा सकता है.

होरा- फलित ज्योतिष को होरा शास्त्र कहा जाता है. अगर कोई शुभ कार्य करना अत्यंत ही जरूरी हो, लेकिन उस दौरान शुभ मुहूर्त का अभाव हो तो ज्योतिष में होरा चक्र की व्यवस्था बनाई गई है.

लग्न तालिका- विवाह मुहूर्त, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश मुहूर्त जैसे सभी शुभ और मांगलिक कार्यों के मुहूर्त के लिए शुभ लग्न तालिका देखी जाती है.

गौरी शंकर पंचांगम- गौरी शंकर पंचांगम को नल्ला नेरम भी कहा जाता है. जिसका अर्थ शुभ समय यानी अच्छा समय होता है. यह मुहूर्त श्रेष्ठ फलदायी होता है. इस समयावधि के दौरान शुरू किया गया कार्य सकारात्मक परिणाम देता है.

गुरु पुष्य योग- जब गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग बनता है तो इसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है. गुरु पुष्य योग सभी योगों में प्रधान है. इस योग में किया गया हर एक कार्य शुभ और फलदायी होता है. इस योग में सोना-चांदी खरीदना और नया मकान व वाहन खरीदना बहुत ही अच्‍छा माना जाता है.

रवि पुष्य योग- रविवार और पुष्य नक्षत्र के संयोग को रवि पुष्य योग कहा जाता है. इस योग में ग्रहों की सभी बुरी दशाएँ अनुकूल हो जाती हैं, जिसका परिणाम सदैव आपके लिए शुभकारी होता है. रवि पुष्य योग समस्त शुभ कार्यों के प्रारंभ के लिए सबसे अच्छा माना गया है.

अमृत सिद्धि योग- अमृत सिद्धि योग भी शुभ मुहूर्तों में एक होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमृत सिद्धि योग को अत्यंत शुभकारी माना गया है. इस योग में किए गए सभी कार्य पूरे होते हैं. मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त के लिए इस योग को पहले स्थान पर रखा जाता है.

सर्वार्थ सिद्धि योग- सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ योग माना जाता है. यह योग सभी तरह के मनोकामनाओं को पूरा करने वाला शुभ योग है. सर्वार्थ सिद्धि योग एक निश्चित वार और निश्चित नक्षत्र के संयोग से बनता है. किसी भी तरह के शुभ कार्य को इस योग में किया जा सकता है.

शुभ मुहूर्त क्यों देखें

हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त देखना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. शुभ मुहूर्त के दौरान कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले या कोई महत्वपूर्ण कार्य पूरा करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है. शुभ मुहूर्त के अनुसार कार्य करने से कार्य सफल होने की संभावना बढ़ जाती है.

शुभ मुहूर्त देखने के लिए पंचांग देखा जाता हैं. पंचांग में दिन, तिथि, नक्षत्र, वार, लग्न, योग, करण आदि जानकारी मौजूद होती है. इन सभी के आधार पर शुभ मुहूर्त का अनुमान लगाया जाता है. शुभ मुहूर्त पर कोई भी कार्य शुरू करने से उसकी सफलता के चांसेस बढ़ते हैं.

ज्योतिष और शुभ अशुभ समय

FAQ

Q. शुभ मुहूर्त क्या है?

Ans: शुभ मुहूर्त यानी अच्छा और फलदायी समय.

Q. आज का शुभ मुहूर्त क्या है?

Ans: आज शुभ मुहूर्त क्या है, इसकी जानकारी आपको ऊपर मिल जायेगी.

Q. क्या प्रत्येक दिन का शुभ मुहूर्त अलग अलग होता है?

Ans: जी हाँ, प्रत्येक दिन का शुभ मुहूर्त अलग अलग होता है.

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Disclaimer- This information is based on general assumptions. If you want to do ‘Aaj ka shubh muhurat’ or any activity related to this article, then consult a good astrologer. Because Abletricks.Com does not confirm this.

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